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CM Yogi in Varanasi: काशी करने जा रही है नए युग की शुरुआत: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी के दौरे पर है. शुक्रवार को काशी से सबसे बड़ी यात्री क्रूज "गंगा विलास" को हरी झंडी दिखाई जाएगी. जो 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 किमी. से अधिक की दूरी तय करेगी.

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Published : Jan 12, 2023, 10:06 PM IST

CM Yogi in Varanasi
CM Yogi in Varanasi

वाराणसी: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे. इस दौरान गांगा पार आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सीएम ने लोगो को सम्बोधित भी किया. उन्होंने कहा कि काशी से हल्दिया तक विगत 3 वर्ष पूर्व हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल परिवहन की शुरुआत की जा चुकी है. शुक्रवार को यहां सबसे बड़ी यात्री क्रूज "गंगा विलास" को प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

CM Yogi in Varanasi
संतो के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि काशी विश्व की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विख्यात हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काशी अपनी पुरातन आत्मा को बनाए रखते हुए वैश्विक मंच पर स्थापित हुआ है. काशी थल और नभ के साथ-साथ अब जल मार्ग से भी जुड़ने जा रहा है. उन्होंने कहा कि काशी कल से नए युग के लिए प्रस्थान करने जा रही है. यह प्रसन्नता की बात हैं, कि विश्व की सबसे बड़ी यात्री क्रूज "गंगा विलास" यहां से रवाना होगी.

मुख्यमंत्री योगी गंगा पार रेती में बनाये गये टेंट सिटी के उद्घाटन अवसर की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम (कर्टन रेजर) में मुख्य अतिथि के रूप में लोगो को सम्बोधित कर रहे थे. अब यात्री सेवा के साथ ही कार्गो सेवा भी काशी से प्रारंभ होगा. प्रधानमंत्री द्वारा यह सौगात काशी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को लोगों को दी गई है. उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े यात्री क्रूज "गंगा विलास" से यात्रा पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही साथ जहां रोमांचकारी है, वही एडवांचर भी है.

CM Yogi in Varanasi
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ सीएम योगी

उन्होंने बताया कि क्रूज "गंगा विलास" भारत में वाराणसी से रवाना होकर 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 कि.मी. से अधिक की दूरी तय करके अंतः डिब्रूगढ़ तक सफर करेगा. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी लोगों को संबोधित करते हुए काशी से शुरू हो रहे यात्री जल परिवहन पर प्रकाश डाला. उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के साथ ही कई अन्य वीआईपी मौजूद थे.

इस दौरान शंकर महादेवन ने शिव तांडव, गंगा अवतरण, शिव भोला भंडारी आदि अनेकों भजन प्रस्तुत किए गए. जिससे बाबा के भक्त मंत्रमुग्ध होते रहे. इस कार्यक्रम के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीमद्जगद्गुरु रामानन्दाचार्य जी के 723वें जयंती समारोह में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने कहा कि आज एक ओर पीएम मोदी के नेतृत्व में देश को जोड़ने वाली ताकत काम कर रही है, जिसमें बिना भेदभाव के समाज के हर तबके को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है.

सीएम ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक मूल्यों और आध्यात्मिक वैभव को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का कार्य हो रहा है. आतंकवाद, नक्सलवाद और अराजकता से देश को मुक्त करने का कार्य हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग देश को तोड़ने के नाम पर षडयंत्र रच रहे हैं. वे जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर समाज को तोड़ने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. हमें ऐसे तत्वों से सावधान रहना होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि "सात सौ साल पहले साधना की ऊंचाइयों को प्राप्त करने वाले श्रीमद्गुरु रामानन्दाचार्य ने हर परंपरा को, फिर चाहे वो सगुण हो या निर्गुण, सभी को जोड़कर मध्यकाल के आक्रांताओं को भक्ति के माध्यम से मुंहतोड़ जवाब दिया था. इसी के कारण आज का भारत बचा हुआ है. कार्यक्रम ऐसे अवसर पर आयोजित हो रहा है, जब हमारा देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण कर रहा है. प्रधानमंत्री ने जिन पंचप्रण की बात की है उनमें एक प्रण है गुलामी के अंशों को सर्वथा समाप्त करना. विरासत के प्रति सम्मान का भाव पैदा करना."

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जगद्गुरू रामानन्दाचार्य ने एक संदेश दिया था, ''जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई''. जगद्गुरू रामानन्दाचार्य ने जो कुछ भी किया लोक कल्याण के लिए किया. उस काल खंड में जब बर्बर हमले हो रहे थे. धर्म असुरक्षित था, समाज में वैमनस्यता के बीज बोए जा रहे थे. तब उन्होंने समाज के अलग अलग समूहों को जोड़कर अद्भुत कार्य किया था. भक्ति की सभी परंपराओं को जोड़कर अलग-अलग जगह अपने विशिष्ट और उत्कृष्ट शिष्यों को भेजकर समाज को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया. उस विलक्षण विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का ये एक महान अवसर है.

इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में गंगा पर चलित प्रदर्शनी "अर्थ गंगा" का नारियल फोड़कर हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया, भ्रमणशील प्रदर्शनी का शुभारंभ काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में किया गया. यह भ्रमणशील प्रदर्शनी गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदी बेसिन संरक्षण, पवित्र नदी के जीर्णोद्धार के संबंध में जन जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु बनाई गई है. यह प्रदर्शनी एक बस में लगाई गई है तथा अगले कुछ सप्ताह वाराणसी जनपद के विद्यालयों में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित करने हेतु भ्रमण करेगी.

CM Yogi in Varanasi
सीएम योगी अर्थ गंगा बस प्रदर्शनी को दिखाई हरी झंडी

इसके बाद यह बस प्रदर्शनी कमिश्नर कौशल राज शर्मा के नेतृत्व में गंगा नदी के निकट स्थित स्थलों तथा वाराणसी जनपद के अधीन वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर तथा चंदौली जिलों में भ्रमण करेगी तथा दूसरे चरण में यह सचल प्रदर्शनी बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के उन स्थानों पर जो गंगा के तट पर स्थित हैं, उनके विभिन विद्यालयों में भी भ्रमण करेगी.

ये भी पढ़ेंः CM Yogi in Varanasi: आयुर्वेद और योग नये हेल्थ एंड टूरिज्म के रूप में होगा स्थापितः सीएम योगी

वाराणसी: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दो दिवसीय दौरे पर काशी पहुंचे. इस दौरान गांगा पार आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे सीएम ने लोगो को सम्बोधित भी किया. उन्होंने कहा कि काशी से हल्दिया तक विगत 3 वर्ष पूर्व हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जल परिवहन की शुरुआत की जा चुकी है. शुक्रवार को यहां सबसे बड़ी यात्री क्रूज "गंगा विलास" को प्रधानमंत्री हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

CM Yogi in Varanasi
संतो के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि काशी विश्व की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विख्यात हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काशी अपनी पुरातन आत्मा को बनाए रखते हुए वैश्विक मंच पर स्थापित हुआ है. काशी थल और नभ के साथ-साथ अब जल मार्ग से भी जुड़ने जा रहा है. उन्होंने कहा कि काशी कल से नए युग के लिए प्रस्थान करने जा रही है. यह प्रसन्नता की बात हैं, कि विश्व की सबसे बड़ी यात्री क्रूज "गंगा विलास" यहां से रवाना होगी.

मुख्यमंत्री योगी गंगा पार रेती में बनाये गये टेंट सिटी के उद्घाटन अवसर की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम (कर्टन रेजर) में मुख्य अतिथि के रूप में लोगो को सम्बोधित कर रहे थे. अब यात्री सेवा के साथ ही कार्गो सेवा भी काशी से प्रारंभ होगा. प्रधानमंत्री द्वारा यह सौगात काशी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को लोगों को दी गई है. उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े यात्री क्रूज "गंगा विलास" से यात्रा पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही साथ जहां रोमांचकारी है, वही एडवांचर भी है.

CM Yogi in Varanasi
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ सीएम योगी

उन्होंने बताया कि क्रूज "गंगा विलास" भारत में वाराणसी से रवाना होकर 5 राज्यों में 27 नदी प्रणालियों में 3,200 कि.मी. से अधिक की दूरी तय करके अंतः डिब्रूगढ़ तक सफर करेगा. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने भी लोगों को संबोधित करते हुए काशी से शुरू हो रहे यात्री जल परिवहन पर प्रकाश डाला. उनके साथ केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के साथ ही कई अन्य वीआईपी मौजूद थे.

इस दौरान शंकर महादेवन ने शिव तांडव, गंगा अवतरण, शिव भोला भंडारी आदि अनेकों भजन प्रस्तुत किए गए. जिससे बाबा के भक्त मंत्रमुग्ध होते रहे. इस कार्यक्रम के पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीमद्जगद्गुरु रामानन्दाचार्य जी के 723वें जयंती समारोह में हिस्सा लिया. यहां उन्होंने कहा कि आज एक ओर पीएम मोदी के नेतृत्व में देश को जोड़ने वाली ताकत काम कर रही है, जिसमें बिना भेदभाव के समाज के हर तबके को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है.

सीएम ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक मूल्यों और आध्यात्मिक वैभव को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने का कार्य हो रहा है. आतंकवाद, नक्सलवाद और अराजकता से देश को मुक्त करने का कार्य हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग देश को तोड़ने के नाम पर षडयंत्र रच रहे हैं. वे जाति, क्षेत्र और भाषा के नाम पर समाज को तोड़ने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं. हमें ऐसे तत्वों से सावधान रहना होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि "सात सौ साल पहले साधना की ऊंचाइयों को प्राप्त करने वाले श्रीमद्गुरु रामानन्दाचार्य ने हर परंपरा को, फिर चाहे वो सगुण हो या निर्गुण, सभी को जोड़कर मध्यकाल के आक्रांताओं को भक्ति के माध्यम से मुंहतोड़ जवाब दिया था. इसी के कारण आज का भारत बचा हुआ है. कार्यक्रम ऐसे अवसर पर आयोजित हो रहा है, जब हमारा देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण कर रहा है. प्रधानमंत्री ने जिन पंचप्रण की बात की है उनमें एक प्रण है गुलामी के अंशों को सर्वथा समाप्त करना. विरासत के प्रति सम्मान का भाव पैदा करना."

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जगद्गुरू रामानन्दाचार्य ने एक संदेश दिया था, ''जाति-पाति पूछे नहीं कोई, हरि को भजे सो हरि का होई''. जगद्गुरू रामानन्दाचार्य ने जो कुछ भी किया लोक कल्याण के लिए किया. उस काल खंड में जब बर्बर हमले हो रहे थे. धर्म असुरक्षित था, समाज में वैमनस्यता के बीज बोए जा रहे थे. तब उन्होंने समाज के अलग अलग समूहों को जोड़कर अद्भुत कार्य किया था. भक्ति की सभी परंपराओं को जोड़कर अलग-अलग जगह अपने विशिष्ट और उत्कृष्ट शिष्यों को भेजकर समाज को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया. उस विलक्षण विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का ये एक महान अवसर है.

इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में गंगा पर चलित प्रदर्शनी "अर्थ गंगा" का नारियल फोड़कर हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया, भ्रमणशील प्रदर्शनी का शुभारंभ काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में किया गया. यह भ्रमणशील प्रदर्शनी गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना नदी बेसिन संरक्षण, पवित्र नदी के जीर्णोद्धार के संबंध में जन जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु बनाई गई है. यह प्रदर्शनी एक बस में लगाई गई है तथा अगले कुछ सप्ताह वाराणसी जनपद के विद्यालयों में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को लाभान्वित करने हेतु भ्रमण करेगी.

CM Yogi in Varanasi
सीएम योगी अर्थ गंगा बस प्रदर्शनी को दिखाई हरी झंडी

इसके बाद यह बस प्रदर्शनी कमिश्नर कौशल राज शर्मा के नेतृत्व में गंगा नदी के निकट स्थित स्थलों तथा वाराणसी जनपद के अधीन वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर तथा चंदौली जिलों में भ्रमण करेगी तथा दूसरे चरण में यह सचल प्रदर्शनी बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के उन स्थानों पर जो गंगा के तट पर स्थित हैं, उनके विभिन विद्यालयों में भी भ्रमण करेगी.

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