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पूर्वांचल को सीएम योगी ने दिया ये खास उपहार, किसानों को मिलेगा फायदा

सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) अपने एकदिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे. इस दौरान किसानों को खास उपहार दिया. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

सीएम योगी आदित्यनाथ अपने एकदिवसीय दौरे पर पूर्वांचल के किसानों को 15 जेटियों को समर्पित किया
सीएम योगी आदित्यनाथ अपने एकदिवसीय दौरे पर पूर्वांचल के किसानों को 15 जेटियों को समर्पित किया
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Published : Nov 11, 2022, 6:43 PM IST

वाराणसीः पूर्वांचल के किसानों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने वाराणसी दौरे पर एक नई सौगात दी है. इस सौगात के तहत किसान अब जल मार्ग के जरिए अपने उत्पादों को दूसरे जिले व राज्यों में भेज सकेंगे. इसके लिए रविदास घाट से सीएम योगी ने 15 जेटियों (jetty in Varanasi) को पूर्वांचल वासियों को समर्पित किया है.

बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपने एकदिवसीय दौरे पर वाराणसी में है. वहां वह कई कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने रविदास घाट पर जेटियों का शिलान्यास (Foundation stone of jetties laid at Ravidas Ghat) व लोकार्पण किया है. ये जेटियां वाराणसी बलिया जलमार्ग (Varanasi Ballia Waterway) के मध्य लगाई जा रही हैं.

पुर्वांचल के किसानों को जेटी का उपहार मिलने के बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और वरिष्ठ पत्रकार ने कही ये बातें..


जल परिवहन से सड़कों पर यातायात का दबाव होगा कम
इस बारे में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Transport Minister Dayashankar Singh) ने कहा कि पीएम मोदी की काशी उत्तर प्रदेश और देश को आत्मनिर्भर बनाने की संकल्पना साकार हो रही है. दो साल पहले पीएम ने इनलैंड वाटर की सौगात दी थी. अब पूर्वांचल के चारों जनपदों वाराणसी, बलिया,गाजीपुर, चंदौली के लोग इनलैंड वाटर सुविधा का लाभ ले सकेगें.

उन्होंने कहा कि इस सुविधा से पर्यटन की संभावना व यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी. सड़कों के लोड और यातायात को सहूलियत मिलेगी.जिससे प्रदूषण में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि अब इन जनपदों के किसानों के उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाया जा सकेगा. इससे लोगों को लाभ मिलेगा. मंत्री ने कहा कि आज का दिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बेहद खास है. राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर आगे और भी सुविधा को बढ़ाएगा. इससे युवाओं के रोजगार की भी सम्भावना बढ़ेगी.


उत्पादों संग संस्कृति का भी होगा विकास
इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार रत्नेश राय (Senior Journalist Ratnesh Rai) ने बताया कि, यह जेटी न सिर्फ जलमार्गों से अलग-अलग शहरों व राज्यों को जोड़ेगी. बल्कि वहां के उत्पादों को अलग-अलग स्थानों तक पहुंचा कर किसानों को लाभ भी प्रदान करेंगी. उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ सड़क मार्ग से अपने उत्पादों को दूसरे स्थानों पर भेज पाते थे. यह लागत महंगी होने के कारण उनका उत्पाद वहीं, उसी जिले तक सीमित रह जाता था. लेकिन, जलमार्ग का यह साधन मिलने से उनके उत्पादों को भी एक नया आयाम मिलेगा. इसके साथ ही संस्कृति का भी आदान-प्रदान होगा और किसानों को एक बड़ा मुनाफा होगा.


ये होंगी सुविधाएं
इस जेटी के बनने से पैसेंजर और सामानो का जल परिवहन आसान होगा. ये फ्लोटिंग जेटी बाढ़ में भी नहीं डूबेगी बल्कि अपने आप को पानी के साथ एडजेस्ट कर लेती हैं. यात्रियों को नदियों के किनारे जलयान के माध्यम से उतरने और चढ़ने में आसानी होगी. गुड्स ट्रांसपोटशन को भी फ्लोटिंग जेटी काफी आसान बनाएगा. फ्लोटिंग जेटी पर छोटे जलयान और नाव रुकने से पर्यटकों को सुविधा मिलेगी. एक जेटी 15 मीटर चौड़ी और 4.5 मीटर लंबी है. वहीं, नदी के किनारे से जेटी पर चढ़ने के लिए 9 मीटर लम्बी और 2.5 मटर चौड़ी गैंगवे होगा. उन्होंने बताया कि, घाटों के किनारे ही शेड बनाया जाएगा जिसमें वेटिंग एरिया ,शौचालय ,कुर्सियां, पंखे समेत अन्य सुविधाएं होंगी. जिससे पर्यटक, यात्री व घाट वाक करने वाले भी आराम कर सकते हैं.



इनलैंड वॉटर वे से अकेले ODOP ने किया है तीन हज़ार करोड़ का निर्यात
सीएम योगी ने कहा कि अब आमजन के लाभ का केंद्र बिंदु काशी बनने जा रही है. पहले यूपी सदैव इस बात को तरसता था कि ये लैंड लॉक प्रदेश है. इसलिए यहां से जलमार्ग की सहूलियत नहीं मिलेगी. अगर पोर्ट तक सुविधा मिल भी जाती तो लागत बहुत आती थी. हमें चीनी भेजने से लेकर सब्जी फल इत्यादि के भेजने में दिक्कत होती थी. उन्होंने कहा कि यूपी MSME को लेकर सबसे बड़ा राज्य है. यहां 90 लाख MSME के उद्यमी हैं . लेकिन, दुनिया के बाजार व अन्य राज्यों में हम इसे भेज नहीं पा रहे थे. क्योंकि, जलमार्ग से इसकी लागत बहुत हो जाती थी. परिणाम यह हुआ कि, यहां का उत्पाद यहीं तक सीमित रह गया . MSME दम तोड़ने लगा. लेकिन, पीएम मोदी ने पहला जलमार्ग वाराणसी से हल्दिया का दिया. परिणाम रहा कि ODOP के जो समान पूर्वांचल के थे .अकेले उन सभी का वाराणसी से तीन हजार 700 करोड़ का निर्यात हुआ. ये 2021-2022 का परिणाम है. इससे यहां के कारीगरों को लाभ हुआ है.

ECO टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
सीएम ने कहा कि जलमार्ग के जरिये पर्यटन की संभावना को बढ़ाया जा सकेगा. अकेले सावन में काशी में एक करोड़ श्रद्धालु आये थे. वहीं देव दीपावली पर काशी में आये श्रद्धालओ के कारण यहां के व्यापार को सकारात्मक परिणाम मिले हैं. इनलैंड वॉटर वे वन के शूरू होने से जो ECO टूरिस्म के क्षेत्र है. वहां भी टूरिज्म को सुविधा मिली है.


यह भी पढ़ें- डिंपल यादव के लिए 'मुलायम गढ़' बचाना आसान नहीं, पहले भी हार का मिला है स्वाद

वाराणसीः पूर्वांचल के किसानों को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने वाराणसी दौरे पर एक नई सौगात दी है. इस सौगात के तहत किसान अब जल मार्ग के जरिए अपने उत्पादों को दूसरे जिले व राज्यों में भेज सकेंगे. इसके लिए रविदास घाट से सीएम योगी ने 15 जेटियों (jetty in Varanasi) को पूर्वांचल वासियों को समर्पित किया है.

बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ अपने एकदिवसीय दौरे पर वाराणसी में है. वहां वह कई कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने रविदास घाट पर जेटियों का शिलान्यास (Foundation stone of jetties laid at Ravidas Ghat) व लोकार्पण किया है. ये जेटियां वाराणसी बलिया जलमार्ग (Varanasi Ballia Waterway) के मध्य लगाई जा रही हैं.

पुर्वांचल के किसानों को जेटी का उपहार मिलने के बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और वरिष्ठ पत्रकार ने कही ये बातें..


जल परिवहन से सड़कों पर यातायात का दबाव होगा कम
इस बारे में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Transport Minister Dayashankar Singh) ने कहा कि पीएम मोदी की काशी उत्तर प्रदेश और देश को आत्मनिर्भर बनाने की संकल्पना साकार हो रही है. दो साल पहले पीएम ने इनलैंड वाटर की सौगात दी थी. अब पूर्वांचल के चारों जनपदों वाराणसी, बलिया,गाजीपुर, चंदौली के लोग इनलैंड वाटर सुविधा का लाभ ले सकेगें.

उन्होंने कहा कि इस सुविधा से पर्यटन की संभावना व यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी. सड़कों के लोड और यातायात को सहूलियत मिलेगी.जिससे प्रदूषण में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि अब इन जनपदों के किसानों के उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाया जा सकेगा. इससे लोगों को लाभ मिलेगा. मंत्री ने कहा कि आज का दिन पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बेहद खास है. राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर आगे और भी सुविधा को बढ़ाएगा. इससे युवाओं के रोजगार की भी सम्भावना बढ़ेगी.


उत्पादों संग संस्कृति का भी होगा विकास
इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार रत्नेश राय (Senior Journalist Ratnesh Rai) ने बताया कि, यह जेटी न सिर्फ जलमार्गों से अलग-अलग शहरों व राज्यों को जोड़ेगी. बल्कि वहां के उत्पादों को अलग-अलग स्थानों तक पहुंचा कर किसानों को लाभ भी प्रदान करेंगी. उन्होंने बताया कि अब तक सिर्फ सड़क मार्ग से अपने उत्पादों को दूसरे स्थानों पर भेज पाते थे. यह लागत महंगी होने के कारण उनका उत्पाद वहीं, उसी जिले तक सीमित रह जाता था. लेकिन, जलमार्ग का यह साधन मिलने से उनके उत्पादों को भी एक नया आयाम मिलेगा. इसके साथ ही संस्कृति का भी आदान-प्रदान होगा और किसानों को एक बड़ा मुनाफा होगा.


ये होंगी सुविधाएं
इस जेटी के बनने से पैसेंजर और सामानो का जल परिवहन आसान होगा. ये फ्लोटिंग जेटी बाढ़ में भी नहीं डूबेगी बल्कि अपने आप को पानी के साथ एडजेस्ट कर लेती हैं. यात्रियों को नदियों के किनारे जलयान के माध्यम से उतरने और चढ़ने में आसानी होगी. गुड्स ट्रांसपोटशन को भी फ्लोटिंग जेटी काफी आसान बनाएगा. फ्लोटिंग जेटी पर छोटे जलयान और नाव रुकने से पर्यटकों को सुविधा मिलेगी. एक जेटी 15 मीटर चौड़ी और 4.5 मीटर लंबी है. वहीं, नदी के किनारे से जेटी पर चढ़ने के लिए 9 मीटर लम्बी और 2.5 मटर चौड़ी गैंगवे होगा. उन्होंने बताया कि, घाटों के किनारे ही शेड बनाया जाएगा जिसमें वेटिंग एरिया ,शौचालय ,कुर्सियां, पंखे समेत अन्य सुविधाएं होंगी. जिससे पर्यटक, यात्री व घाट वाक करने वाले भी आराम कर सकते हैं.



इनलैंड वॉटर वे से अकेले ODOP ने किया है तीन हज़ार करोड़ का निर्यात
सीएम योगी ने कहा कि अब आमजन के लाभ का केंद्र बिंदु काशी बनने जा रही है. पहले यूपी सदैव इस बात को तरसता था कि ये लैंड लॉक प्रदेश है. इसलिए यहां से जलमार्ग की सहूलियत नहीं मिलेगी. अगर पोर्ट तक सुविधा मिल भी जाती तो लागत बहुत आती थी. हमें चीनी भेजने से लेकर सब्जी फल इत्यादि के भेजने में दिक्कत होती थी. उन्होंने कहा कि यूपी MSME को लेकर सबसे बड़ा राज्य है. यहां 90 लाख MSME के उद्यमी हैं . लेकिन, दुनिया के बाजार व अन्य राज्यों में हम इसे भेज नहीं पा रहे थे. क्योंकि, जलमार्ग से इसकी लागत बहुत हो जाती थी. परिणाम यह हुआ कि, यहां का उत्पाद यहीं तक सीमित रह गया . MSME दम तोड़ने लगा. लेकिन, पीएम मोदी ने पहला जलमार्ग वाराणसी से हल्दिया का दिया. परिणाम रहा कि ODOP के जो समान पूर्वांचल के थे .अकेले उन सभी का वाराणसी से तीन हजार 700 करोड़ का निर्यात हुआ. ये 2021-2022 का परिणाम है. इससे यहां के कारीगरों को लाभ हुआ है.

ECO टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
सीएम ने कहा कि जलमार्ग के जरिये पर्यटन की संभावना को बढ़ाया जा सकेगा. अकेले सावन में काशी में एक करोड़ श्रद्धालु आये थे. वहीं देव दीपावली पर काशी में आये श्रद्धालओ के कारण यहां के व्यापार को सकारात्मक परिणाम मिले हैं. इनलैंड वॉटर वे वन के शूरू होने से जो ECO टूरिस्म के क्षेत्र है. वहां भी टूरिज्म को सुविधा मिली है.


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