वाराणसी: काशी के घाटों पर जहां तक नजरें जा रही थी सिर्फ और सिर्फ भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के उद्देश्य से लोगों की भीड़ घाटों पर जमा दिख रही थी. हर ओर आस्था और श्रद्धा भाव से लबरेज श्रद्धालु भगवान भास्कर की एक झलक पाने के लिए पूरी रात घाटों पर डेरा डाले रहे. हल्की लालिमा के साथ भगवान भास्कर नजर आए तो अर्घ्य देकर शुरू हुआ भगवान भास्कर को नमन करने का सिलसिला.
आस्थावानों की भारी भीड़
बिहार में महापर्व के रूप में मनाए जाने वाले डाला छठ का अब काफी ज्यादा विस्तार हो चुका है. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों और विश्व भर में इसे बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है और काशी में तो मिनी बिहार जैसा नजारा नजर आता है. दशाश्वमेध घाट हो या फिर अस्सी घाट हर ओर आस्थावानों की भारी भीड़ महापर्व के 2 दिनों अस्त होते सूर्य और उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर उमड़ती है.
भगवान भास्कर को किया नमन
आज अंतिम अर्घ्य देने के लिए आस्थावानों का जनसैलाब दशाश्वमेध घाट पर देखने को मिला. पूरी रात घाटों पर रुककर इंतजार कर रही महिलाओं ने अल सुबह 3 बजे पानी में उतर कर भगवान भास्कर का इंतजार करना शुरू कर दिया. सुबह लगभग 5:40 पर भगवान भास्कर ने दर्शन दिए, तो हर किसी ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ उनका स्वागत किया. पानी में खड़ी महिलाओं के हाथों में सूप में रखे 5 तरह के फल भगवान भास्कर को अर्पित कर फेरी लगानी शुरू कर दी. उसके बाद लोगों ने अर्घ्य देकर भगवान भास्कर को नमन किया और अपने घर परिवार और संतान की सुख समृद्धि की कामना की.