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वाराणसी: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हुआ छठ महापर्व - chhath puja in Varanasi

नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ लोक आस्था का महापर्व डाला छठ आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण हो गया. 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के आज अंतिम दिन धर्मनगरी वाराणसी के गंगा घाट आस्थावानों की भीड़ से पटे नजर आए.

सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं.
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Published : Nov 3, 2019, 8:39 AM IST

वाराणसी: काशी के घाटों पर जहां तक नजरें जा रही थी सिर्फ और सिर्फ भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के उद्देश्य से लोगों की भीड़ घाटों पर जमा दिख रही थी. हर ओर आस्था और श्रद्धा भाव से लबरेज श्रद्धालु भगवान भास्कर की एक झलक पाने के लिए पूरी रात घाटों पर डेरा डाले रहे. हल्की लालिमा के साथ भगवान भास्कर नजर आए तो अर्घ्य देकर शुरू हुआ भगवान भास्कर को नमन करने का सिलसिला.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

आस्थावानों की भारी भीड़
बिहार में महापर्व के रूप में मनाए जाने वाले डाला छठ का अब काफी ज्यादा विस्तार हो चुका है. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों और विश्व भर में इसे बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है और काशी में तो मिनी बिहार जैसा नजारा नजर आता है. दशाश्वमेध घाट हो या फिर अस्सी घाट हर ओर आस्थावानों की भारी भीड़ महापर्व के 2 दिनों अस्त होते सूर्य और उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर उमड़ती है.

भगवान भास्कर को किया नमन
आज अंतिम अर्घ्य देने के लिए आस्थावानों का जनसैलाब दशाश्वमेध घाट पर देखने को मिला. पूरी रात घाटों पर रुककर इंतजार कर रही महिलाओं ने अल सुबह 3 बजे पानी में उतर कर भगवान भास्कर का इंतजार करना शुरू कर दिया. सुबह लगभग 5:40 पर भगवान भास्कर ने दर्शन दिए, तो हर किसी ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ उनका स्वागत किया. पानी में खड़ी महिलाओं के हाथों में सूप में रखे 5 तरह के फल भगवान भास्कर को अर्पित कर फेरी लगानी शुरू कर दी. उसके बाद लोगों ने अर्घ्य देकर भगवान भास्कर को नमन किया और अपने घर परिवार और संतान की सुख समृद्धि की कामना की.

वाराणसी: काशी के घाटों पर जहां तक नजरें जा रही थी सिर्फ और सिर्फ भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के उद्देश्य से लोगों की भीड़ घाटों पर जमा दिख रही थी. हर ओर आस्था और श्रद्धा भाव से लबरेज श्रद्धालु भगवान भास्कर की एक झलक पाने के लिए पूरी रात घाटों पर डेरा डाले रहे. हल्की लालिमा के साथ भगवान भास्कर नजर आए तो अर्घ्य देकर शुरू हुआ भगवान भास्कर को नमन करने का सिलसिला.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

आस्थावानों की भारी भीड़
बिहार में महापर्व के रूप में मनाए जाने वाले डाला छठ का अब काफी ज्यादा विस्तार हो चुका है. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों और विश्व भर में इसे बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है और काशी में तो मिनी बिहार जैसा नजारा नजर आता है. दशाश्वमेध घाट हो या फिर अस्सी घाट हर ओर आस्थावानों की भारी भीड़ महापर्व के 2 दिनों अस्त होते सूर्य और उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर उमड़ती है.

भगवान भास्कर को किया नमन
आज अंतिम अर्घ्य देने के लिए आस्थावानों का जनसैलाब दशाश्वमेध घाट पर देखने को मिला. पूरी रात घाटों पर रुककर इंतजार कर रही महिलाओं ने अल सुबह 3 बजे पानी में उतर कर भगवान भास्कर का इंतजार करना शुरू कर दिया. सुबह लगभग 5:40 पर भगवान भास्कर ने दर्शन दिए, तो हर किसी ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ उनका स्वागत किया. पानी में खड़ी महिलाओं के हाथों में सूप में रखे 5 तरह के फल भगवान भास्कर को अर्पित कर फेरी लगानी शुरू कर दी. उसके बाद लोगों ने अर्घ्य देकर भगवान भास्कर को नमन किया और अपने घर परिवार और संतान की सुख समृद्धि की कामना की.

Intro:वाराणसी: नहाए खाए के साथ शुरू हुआ लोक आस्था का महापर्व डाला छठ आज उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण हो गया 4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व के आज अंतिम दिन धर्मनगरी वाराणसी के गंगा घाट आस्था वालों की भीड़ से पटे नजर आए जहां तक नजरे जा रही थी सिर्फ और सिर्फ भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामना पूर्ण करने के उद्देश्य से लोगों की भीड़ घाटों पर जमा दिख रहे थे हर और आस्था की खुशबू के साथ श्रद्धा और भाव में लबरेज लोग भगवान भास्कर की एक झलक पाने के लिए पूरी रात घाटों पर डेरा डाले रहे और जब हल्की लालिमा के साथ भगवान भास्कर नजर आए तो शुरू हुआ और अर्घ्य देकर कर भगवान भास्कर को नमन करने का सिलसिला.


Body:वीओ-01 बिहार में महापर्व के रूप में मनाए जाने वाले डाला छठ का अब काफी ज्यादा विस्तार हो चुका है और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों और विश्व भर में इसे बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है और काशी में तो मिनी बिहार से नजारा नजर आता है दशाश्वमेध घाट हो या फिर अस्सी घाट हर और आस्था वाहनों की भारी भीड़ महापर्व के 2 दिनों दिन में अस्त होते सूर्य और उदयीमान सूर्य को देने के लिए मरती है आज अंतिम अर्घ्य देने के लिए आस्था वालों का जनसैलाब दशाश्वमेध घाट पर देखने को मिला पूरी रात घाटों पर रुक कर इंतजार कर रही महिलाओं ने अल सुबह 3:00 बजे पानी में उतर कर भगवान भास्कर का इंतजार करना शुरू कर दिया.


Conclusion:वीओ-02 सुबह लगभग 5:40 पर भगवान भास्कर के जब दर्शन हुए तो हर किसी ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ उनका स्वागत किया और पानी में खड़ी महिलाओं के हाथों में सूट जिसमें 5 तरह के फल गन्ना इत्यादि था भगवान भास्कर की तरफ अर्पित कर तेरी लगानी शुरू कर दी उसके बाद लोगों ने अर्घ देकर भगवान भास्कर को नमन किया और अपने घर परिवार और संतान की सुख समृद्धि की कामना की.

बाईट- पूनम सहानी, व्रती महिला
बाईट- ऋचा ठाकुर, व्रती महिला

गोपाल मिश्र

9839809074
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