वाराणसी: योगी सरकार के बुलडोजर लॉ एंड ऑर्डर की चर्चा सिर्फ यूपी में ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में भी खूब हो रही है. खास तौर पर इसकी चर्चा दक्षिण भारतीय के चेट्टियार समुदाय द्वारा की जा रही है. गौरतलब है कि यूपी अपने लॉ एंड ऑर्डर के लिए दक्षिण भारत में काफी मशहूर है. इसका कारण भी है. दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने उनकी दो दशकों की तपस्या को पूरा कर दिया है. योगी बाबा की मदद से उन्हें उनके पुनः बाबा विश्वनाथ से मिलने में न सिर्फ मदद मिली है बल्कि उनकी आराधना भी पूरी हो गई है. आखिर कैसे देखें इस रिपोर्ट में...
200 सालों से बाबा विश्वनाथ की आराधना कर रहा चेट्टियार समुदाय
चेट्टियार समुदाय प्रमुखत: तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में रहने वाला है. यहां पर 45,000 परिवार है जो बाबा विश्वनाथ की 200 सालों से तपस्या कर रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि ये समुदाय अपनी कमाई का 10 प्रतिशत हिस्सा बाबा विश्वनाथ के अराधना में समर्पित करता है. इसके लिए इस समुदाय के द्वारा बकायदा एक संस्था का भी निर्माण किया गया है. संस्था के पदाधिकारी बाबा विश्वनाथ के दरबार में भोग लगाने की व्यवस्था करते हैं. खास बात यह है कि बाबा विश्वनाथ के दरबार में होने वाली चार पहर की आरती में तीन पहर की आरती में इनके द्वारा उपलब्ध कराए गए भोग भगवान को लगाए जाते हैं. इसके लिए वाराणसी में बकायदा बगीचे व गोशाला का भी निर्माण कराया गया था. जहां के फूल बिल्वपत्र व दूध से बाबा विश्वनाथ की पूजा होती थी. लेकिन उनके पूजा और आराधना पर उस समय प्रतिबंध लग गया. जब कुछ दबंगों के द्वारा उनके गौशाला और फूलों के बगीचे पर कब्जा कर लिया गया.
दो दशक की तपस्या अब हुई पूरी
इस कब्जे से अपनी जमीन को मुक्त कराने में उन्हें दो दशक की तपस्या करनी पड़ी. इस तपस्या में न वह बाबा विश्वनाथ को यहां से बिल्वपत्र अर्पित कर पा रहे थे न ही उनका दुग्धाभिषेक कर पा रहे थे, लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और वाराणसी पुलिस प्रशासन की मदद से उनकी जमीन उन्हें वापस मिल गई हैं और वह बाबा विश्वनाथ की आराधना में लीन हो गए हैं.
वाराणसी के रथयात्रा इलाके पर लगभग 200 करोड़ की 6000 स्क्वायर फीट में जमीन मौजूद हैं. जहां पर चेटियार सोसायटी का मंदिर व फूलों का बगीचा व गौशाला था. लेकिन 20 साल पहले समाजवादी पार्टी के नेताओं के द्वारा इस जमीन पर कब्जा कर लिया गया. इसे छुड़ाने के लिए एफआईआर तो दर्ज हुई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. हताश होकर इस समुदाय के लोगों ने 20 वर्षों तक संघर्ष किया, मगर किसी ने उनकी नहीं सुनी. ये तस्वीर उस समय बदली जब इस समुदाय के लोगों ने योगी सरकार व वाराणसी पुलिस को अपनी आपबीती सुनाई और न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद 12 मई को वाराणसी के कमिश्नर ए सतीश गणेश ने उस गुहार को पूरा करने का काम किया. यही वजह है कि वर्तमान में सरकार के लिए इस समुदाय के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार व वाराणसी पुलिस कमिश्नर किसी मसीहा से कम नहीं है.
समुदाय से जुड़े लोगों ने बताया कि वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने न सिर्फ उन्हें जमीन सौंपी बल्कि बकायदा कब्जे की नीयत से इस जमीन के चारों ओर बनाई गई दीवार को भी हटवाया. जिसके बाद समुदाय के द्वारा अपने हर्ष को व्यक्त करते हुए बकायदा बगीचे के परिसर उम्भाभिषेक पूजन का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत बगीचे में मौजूद शिवलिंग की पूजा अर्चना की जा रही है. उनका कहना है कि सभी लोग काफी हर्षित हैं. इस सरकार ने उनकी उम्मीदों को पूरा कर दिया. उन्होंने कहा कि हमने सुना था कि उत्तर प्रदेश में लॉ एन्ड ऑर्डर बेहतर हुआ है और इसी को सुनकर के जब हमने गुहार लगाई तो हमारी गुहार पूरी हो गई.
बहरहाल योगी सरकार और वाराणसी पुलिस के द्वारा लिए गए एक्शन से तस्वीर तो साफ हो रही है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने कानून व्यवस्था को पूरी तरीके से संचालित करने में सफल है. जिसका नतीजा है कि अब उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में भी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का बोलबाला है.
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