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26 साल पुराने मामले में पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ आरोप तय

26 साल पुराने मामले में पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय (Charges framed in court against former MLA Ajay Rai) किया गया है. विधानसभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति के अजय राय के समर्थन में नामांकन जुलूस निकाला गया था.

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पूर्व विधायक अजय राय
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Published : Sep 6, 2022, 8:10 PM IST

वाराणसी: विधानसभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति के नामांकन जुलूस निकालने के मामले (Enrollment procession without permission Case) में पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय (Charges framed in court against former MLA Ajay Rai) किया गया. इस मामले में पूर्व विधायक अजय राय अपने अधिवक्ता अनुज यादव और विकास सिंह के साथ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायधीश उज्ज्वल उपाध्याय के समक्ष उपस्थित हुए. अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 9 सितंबर नियत की है.

बता दें कि कैंट पुलिस ने अदालत में परिवाद दर्ज कराया था. आरोप था कि 11 सितंबर 1996 को दोपहर करीब 12 बजे तत्कालीन विधायक प्रत्याशी अजय राय अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था और नारेबाजी की थी. इसमें अजय राय (ajay rai mla varanasi) के साथ राजेश रंजन, रामाश्रय, सुरेश उपाध्याय, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार, सच्चिदानंद, सत्यनारायण, अशोक कुमार, विनोद कुमार, सत्येंद्र सिंह, अमरनाथ, जयप्रकाश, राकेश, लालजी दुबे समेत 350-400 लोग शामिल थे. ये सभी लोग 200-250 गाड़ियों, बस, कार, जीप, स्कूटर, मोटर साइकिल और ट्रैक्टरों में भरकर आए.

इसके बाद सभी ने नारेबाजी करते हुए मुख्य मार्ग पर अवरोध उत्पन्न किया था. जिसकी वजह से जौनपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग और शिवपुर बाईपास व कचहरी रोड पर दिक्कत हुई थी. इतनी अधिक संख्या में वाहनों एवं व्यक्तियों को एकत्र करके उत्तेजक नारेबाजी लगाते हुए जुलूस निकालने के संबंध में निषेधाज्ञा 6 सितंबर 1996 के तहत वर्णित किसी सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी.

यह भी पढ़ें: तीन मामलों में पूर्व विधायक अजय राय को जमानत

वाराणसी: विधानसभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति के नामांकन जुलूस निकालने के मामले (Enrollment procession without permission Case) में पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ कोर्ट में आरोप तय (Charges framed in court against former MLA Ajay Rai) किया गया. इस मामले में पूर्व विधायक अजय राय अपने अधिवक्ता अनुज यादव और विकास सिंह के साथ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायधीश उज्ज्वल उपाध्याय के समक्ष उपस्थित हुए. अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 9 सितंबर नियत की है.

बता दें कि कैंट पुलिस ने अदालत में परिवाद दर्ज कराया था. आरोप था कि 11 सितंबर 1996 को दोपहर करीब 12 बजे तत्कालीन विधायक प्रत्याशी अजय राय अपने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था और नारेबाजी की थी. इसमें अजय राय (ajay rai mla varanasi) के साथ राजेश रंजन, रामाश्रय, सुरेश उपाध्याय, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार, सच्चिदानंद, सत्यनारायण, अशोक कुमार, विनोद कुमार, सत्येंद्र सिंह, अमरनाथ, जयप्रकाश, राकेश, लालजी दुबे समेत 350-400 लोग शामिल थे. ये सभी लोग 200-250 गाड़ियों, बस, कार, जीप, स्कूटर, मोटर साइकिल और ट्रैक्टरों में भरकर आए.

इसके बाद सभी ने नारेबाजी करते हुए मुख्य मार्ग पर अवरोध उत्पन्न किया था. जिसकी वजह से जौनपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग और शिवपुर बाईपास व कचहरी रोड पर दिक्कत हुई थी. इतनी अधिक संख्या में वाहनों एवं व्यक्तियों को एकत्र करके उत्तेजक नारेबाजी लगाते हुए जुलूस निकालने के संबंध में निषेधाज्ञा 6 सितंबर 1996 के तहत वर्णित किसी सक्षम अधिकारी से पूर्व अनुमति प्राप्त नहीं की गई थी.

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