वाराणसी: जिले के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बीते दिनों सड़क पर सप्त ऋषि आरती में शामिल आठ लोगों को राहत मिली है. आपको बता दें कि महंत परिवार समेत अन्य आठ लोगों को विश्वनाथ मंदिर में सप्त ऋषि आरती में शामिल होने से रोका गया था. इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट एडीएम सिटी और एसपी सिक्योरिटी की तरफ से कमिश्नर को दिए जाने के बाद फिलहाल उन आठ और अर्चकों पर लगी रोक हटा ली गई है. ये सभी लोग महंत परिवार के सदस्यों के साथ सड़क पर आरती करने में शामिल हुए थे.
मंदिर के गुंबद को क्षति पहुंचाने की फैलाई गई थी अफवाह
फिलहाल इस रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है की विश्वनाथ मंदिर के सामने रेड जोन में मौजूद कैलाश महादेव मंदिर की गुंबद को क्षति पहुंचाने की अफवाह फैलाई गई थी. महंत कुलपति तिवारी, शशि भूषण तिवारी उर्फ गुड्डू महाराज का आचरण आपत्तिजनक पाया गया, जिसमें प्रथम दृष्टया षड्यंत्र और उन्माद फैलाने में यह लोग दोषी पाए गए थे. रजवाड़े और अखाड़ों के प्रतिनिधि के रूप में सप्त ऋषि आरती में भाग लेने वाले और लोगों की भूमिका असत्य अफवाह फैलाने में नहीं रही है.
सप्त ऋषि आरती में शामिल होने पर 14 लोगों पर लगी थी रोक
बता दें कि मंदिर के गुंबद को तोड़े जाने की अफवाह फैलाए जाने की वजह से मंदिर के महंत कुलपति तिवारी उनका परिवार और अन्य सदस्यों के साथ कुल 14 लोगों को सप्त ऋषि आरती में शामिल होने से रोका गया था. जबकि लंबे वक्त से यही लोग आरती कर रहे थे. इस प्रकरण की जांच एडीएम सिटी और एसपी सिक्योरिटी को सौंपी गई थी. इनके द्वारा दी गई रिपोर्ट के आधार पर आरती करने वाले महंत परिवार के लोगों के अलावा आठ अन्य पुजारियों को मंदिर में प्रवेश से रोक दिया गया था.
लिखित माफी के बाद आठ लोगों को मिली अनुमति
उनमें से आठ अर्चक मंदिर कार्यालय पहुंचे और लिखित रूप से माफी मांगी, जिसके बाद इस पूरे प्रकरण में रिपोर्ट के आधार पर महान परिवार के लोगों को छोड़कर बाकी अर्चकों का पास बहाल किया जा चुका है. जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा का कहना है कि जिन लोगों ने अभी तक नोटिस का जवाब नहीं दिया, उन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.