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बीएचयू विवाद में सीसीटीवी फुटेज आया सामने, जांच कमेटी गठित

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के नर्सिंग स्टाफ का कार्य बहिष्कार चौथे दिन भी जारी रखा. नर्सिंग स्टाफ तत्काल एमएस को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. करीब 200 से अधिक की संख्या प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और एमएस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का आरोप है कि मनीष नाम के नर्सिंग स्टाफ को सबके सामने पीटा गया.

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Published : Jan 12, 2022, 7:53 AM IST

वाराणसी: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के नर्सिंग स्टाफ का कार्य बहिष्कार चौथे दिन भी जारी रखा. नर्सिंग स्टाफ तत्काल एमएस को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. करीब 200 से अधिक की संख्या प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और एमएस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का आरोप है कि मनीष नाम के नर्सिंग स्टाफ को सबके सामने पीटा गया. इसके अलावा भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि आए दिन स्टाफ से बदतमीजी और उन्हें धमकियां दी जाती है. हालांकि इस पूरे मामले पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सीसीटीवी फुटेज जारी किया है, जिसमें कहीं भी चिकित्सा अधीक्षक स्टाफ को मारते नजर नहीं आ रहे हैं.

एमएस प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि धरने पर बैठे नर्सिंग ऑफिसरों से लगातार अपील की जा रही है कि वो काम पर लौट आए. जांच कमेटी को सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए हैं. हकीकत भी बता चुके हैं. अब रिपोर्ट का इंतजार है. फिलहाल कोरोना काल में मरीजों के हित में किसी को भी धरना, प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

बीएचयू नर्सिंग स्टाफ विवाद

इसे भी पढ़ें - UP Weather Update: बारिश और हवाओं ने गिराया दिन का तापमान, जानें अपने शहर का हाल

बता दें कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. ऐसे में वैश्विक महामारी कोविड-19 को देखते हुए बीएचयू के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में L1 और L2 के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. यहां बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश के साथ ही नेपाल से भी मरीज नॉर्मल ओपीडी में आते हैं. एक दिन में लगभग 8000 मरीज यहां डॉक्टरों की परामर्श लेते हैं.

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वाराणसी: वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के नर्सिंग स्टाफ का कार्य बहिष्कार चौथे दिन भी जारी रखा. नर्सिंग स्टाफ तत्काल एमएस को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. करीब 200 से अधिक की संख्या प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और एमएस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का आरोप है कि मनीष नाम के नर्सिंग स्टाफ को सबके सामने पीटा गया. इसके अलावा भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कहा कि आए दिन स्टाफ से बदतमीजी और उन्हें धमकियां दी जाती है. हालांकि इस पूरे मामले पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सीसीटीवी फुटेज जारी किया है, जिसमें कहीं भी चिकित्सा अधीक्षक स्टाफ को मारते नजर नहीं आ रहे हैं.

एमएस प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि धरने पर बैठे नर्सिंग ऑफिसरों से लगातार अपील की जा रही है कि वो काम पर लौट आए. जांच कमेटी को सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए हैं. हकीकत भी बता चुके हैं. अब रिपोर्ट का इंतजार है. फिलहाल कोरोना काल में मरीजों के हित में किसी को भी धरना, प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

बीएचयू नर्सिंग स्टाफ विवाद

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बता दें कि बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल को पूर्वांचल का एम्स कहा जाता है. ऐसे में वैश्विक महामारी कोविड-19 को देखते हुए बीएचयू के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में L1 और L2 के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है. यहां बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश के साथ ही नेपाल से भी मरीज नॉर्मल ओपीडी में आते हैं. एक दिन में लगभग 8000 मरीज यहां डॉक्टरों की परामर्श लेते हैं.

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