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वाराणसी: कोरोना भी नहीं रोक सका कैंसर का इलाज, डॉक्टर्स की मेहनत लाई रंग

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर लगातार कोरोना काल में भी मरीजों के इलाज के लिए जूझ रहे हैं. इस दौरान ज्यादातर मरीजों को ठीक भी किया गया है. हालांकि इन दिनों कोरोना की वजह से डॉक्टरों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा.

मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर
मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर
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Published : Nov 9, 2020, 12:47 PM IST

वाराणसी: कोरोना ने पूरे विश्व की रफ्तार को थामने का काम किया. इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर तो पड़ा ही, लेकिन साथ ही साथ स्वास्थ्य व्यवस्था भी इस दौरान चरमरा गई. एक तरफ जहां कोविड काल में सिर्फ कोविड-19 मरीजों का इलाज जारी रहा और बाकी मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा. वहीं वाराणसी में कैंसर के इलाज के लिए बनाए गए मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कैंसर से जूझ रहे हैं 136 मरीजों को कोरोना की जंग में भी जीत हासिल कराई, जो इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ गए थे. फिलहाल अभी कोरोना से जंग जारी है और कैंसर संस्थान में लगातार खतरनाक बीमारी कैंसर से पीड़ित लोगों का कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है.

कैंसर संस्थान की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों पर यदि गौर करें तो 141 ऐसे मरीज जो कैंसर के इलाज के लिए यहां भर्ती हुए या फिर चेकअप कराने पहुंचे. लेकिन प्रोटोकॉल के तहत पहले हुई कोविड-19 की जांच में यह पॉजिटिव पाए गए. ऐसे लोगों का पहले कोविड-19 का इलाज हुआ और फिर कैंसर का इलाज शुरू किया गया. डॉक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी और इलाज शुरू किया गया. हालांकि इस दौरान पांच लोग जिंदगी की जंग हार गए, लेकिन 136 की जान बचाने में डॉक्टर सफल रहे.

कैंसर संस्थान की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक मार्च में लॉकडाउन से लेकर अनलॉक तक के 6 महीने के दौरान महामना कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में 8000 से ज्यादा नए मरीजों का ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कर इलाज किया गया. इसमें से 3816 मरीज भर्ती किए गए. 957 मरीजों की मेजर तथा 2978 मरीजों की माइनर सर्जरी की गई. 22000 से ज्यादा की डे केयर कीमोथेरेपी और 1009 मरीजों की रेडियोथेरेपी हुई.

महामना मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल के असिस्टेंट मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आकाश आनंद के मुताबिक कोरोना काल के दौरान अस्पताल आने वाले मरीजों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कई उपाय किए गए. इसमें कोरोना वायरस के लिए अलग से लैब और आइसोलेशन वार्ड की स्थापना भी की गई. अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान की अगुवाई में सीनियर डॉक्टरों की कोविड-19 की टीम ने मेहनत करके कैंसर के साथ सामने आए कोविड-19 मरीजों को न सिर्फ स्वस्थ करने का बीड़ा उठाया बल्कि उन्हें इस खतरनाक बीमारी से बचाकर कैंसर का भी सही ट्रीटमेंट शुरू किया.

महीनानए मरीजभर्ती मरीजमेजर सर्जरी कीमोथेरेपी
मार्च996615 125 3045
अप्रैल518 396 72 2174
मई1024 513 114 2594
जून1556 583 128 3068
जुलाई1470 577 160 3694
अगस्त1346 479 153 3764
सितंबर1486 653 205 3843

नोट: यह आंकड़े लॉकडाउन के बाद और अनलॉक शुरू होने तक के हैं.

वाराणसी: कोरोना ने पूरे विश्व की रफ्तार को थामने का काम किया. इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर तो पड़ा ही, लेकिन साथ ही साथ स्वास्थ्य व्यवस्था भी इस दौरान चरमरा गई. एक तरफ जहां कोविड काल में सिर्फ कोविड-19 मरीजों का इलाज जारी रहा और बाकी मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ा. वहीं वाराणसी में कैंसर के इलाज के लिए बनाए गए मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कैंसर से जूझ रहे हैं 136 मरीजों को कोरोना की जंग में भी जीत हासिल कराई, जो इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ गए थे. फिलहाल अभी कोरोना से जंग जारी है और कैंसर संस्थान में लगातार खतरनाक बीमारी कैंसर से पीड़ित लोगों का कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जा रहा है.

कैंसर संस्थान की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों पर यदि गौर करें तो 141 ऐसे मरीज जो कैंसर के इलाज के लिए यहां भर्ती हुए या फिर चेकअप कराने पहुंचे. लेकिन प्रोटोकॉल के तहत पहले हुई कोविड-19 की जांच में यह पॉजिटिव पाए गए. ऐसे लोगों का पहले कोविड-19 का इलाज हुआ और फिर कैंसर का इलाज शुरू किया गया. डॉक्टरों ने हिम्मत नहीं हारी और इलाज शुरू किया गया. हालांकि इस दौरान पांच लोग जिंदगी की जंग हार गए, लेकिन 136 की जान बचाने में डॉक्टर सफल रहे.

कैंसर संस्थान की तरफ से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक मार्च में लॉकडाउन से लेकर अनलॉक तक के 6 महीने के दौरान महामना कैंसर सेंटर और होमी भाभा कैंसर अस्पताल में 8000 से ज्यादा नए मरीजों का ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कर इलाज किया गया. इसमें से 3816 मरीज भर्ती किए गए. 957 मरीजों की मेजर तथा 2978 मरीजों की माइनर सर्जरी की गई. 22000 से ज्यादा की डे केयर कीमोथेरेपी और 1009 मरीजों की रेडियोथेरेपी हुई.

महामना मदन मोहन मालवीय कैंसर अस्पताल के असिस्टेंट मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. आकाश आनंद के मुताबिक कोरोना काल के दौरान अस्पताल आने वाले मरीजों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए कई उपाय किए गए. इसमें कोरोना वायरस के लिए अलग से लैब और आइसोलेशन वार्ड की स्थापना भी की गई. अस्पताल के निदेशक डॉ. सत्यजीत प्रधान की अगुवाई में सीनियर डॉक्टरों की कोविड-19 की टीम ने मेहनत करके कैंसर के साथ सामने आए कोविड-19 मरीजों को न सिर्फ स्वस्थ करने का बीड़ा उठाया बल्कि उन्हें इस खतरनाक बीमारी से बचाकर कैंसर का भी सही ट्रीटमेंट शुरू किया.

महीनानए मरीजभर्ती मरीजमेजर सर्जरी कीमोथेरेपी
मार्च996615 125 3045
अप्रैल518 396 72 2174
मई1024 513 114 2594
जून1556 583 128 3068
जुलाई1470 577 160 3694
अगस्त1346 479 153 3764
सितंबर1486 653 205 3843

नोट: यह आंकड़े लॉकडाउन के बाद और अनलॉक शुरू होने तक के हैं.

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