वाराणसीः अमर शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी स्मारक बनवाने की मुहिम को लेकर रविवार को वाराणसी नागरिक समाज एवं बीएचयू के छात्रों की बैठक अहिल्याबाई घाट पर हुई. बैठक में बनारस में लाहिड़ी स्मारक बनाने के लिए 13 दिसम्बर को मंडलायुक्त को एक पत्रक देने का निर्णय लिया गया.
17 दिसम्बर को राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी का 93वां शहादत दिवस है. बैठक में बीएचयू के छात्रों की तरफ से निर्णय लिया गया कि परिसर में राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया जाएगा. साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन से उनके नाम से सड़क, हॉस्टल और व्याख्यान केंद्र खोले जाने की मांग होगी. छात्र घाट पर रहने वाले नाविक समाज से मिले. इस दौरान महान क्रांतिकारी की स्मृति मनवाने की मुहिम में नाविक समाज ने भी खुलकर अपना समर्थन दिया.
बीएचयू छात्र विकास सिंह ने बताया कि देश के महान स्वतंत्रता सेनानी को आज उनका शहर ही भूल रहा है. हम महामना के मानस पुत्र अपने पूर्व महान क्रांतिकारी राजेंद्र नाथ लाहिड़ी के लिए मंडलायुक्त से मिलकर उनकी स्मृति में बनारस में आयोजन हो इस पर चर्चा करेंगे. आज हम लोगों ने अहिल्याबाई घाटपर महान क्रांतिकारी को याद किया और लोगों को उनके प्रति जागरूक किया.
बीएचयू से की थी पढ़ाई
राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी का जन्म बंगाल (आज का बांग्लादेश) में पबना जिले के मड़यां गांव में 29 जून 1901 को हुआ था. दिल में राष्ट्र-प्रेम की चिन्गारी लेकर मात्र नौ वर्ष की आयु में ही वह बंगाल से अपने मामा के घर वाराणसी आ गए. वाराणसी में ही उनकी शिक्षा दीक्षा सम्पन्न हुई. काकोरी काण्ड के दौरान लाहिड़ी बीएचयू में इतिहास विषय में एमए (प्रथम वर्ष) के छात्र थे. 17 दिसम्बर 1927 को गोण्डा के जिला कारागार में अपने साथियों से दो दिन पहले उन्हें फांसी दे दी गई थी.