ETV Bharat / state

UP Election 2022: आधी आबादी को साध सत्ता पाने में जुटी बसपा, बनाई ये खास रणनीति - वाराणसी में बोलीं कल्पना मिश्रा

प्रदेश में अपने खाए जनाधार को पाने के लिए अब बसपा ने खेला महिला कार्ड, महिला सम्मेलन (BSP Women onference) के जरिए सूबे की सत्ता में वापसी की फिराक. राह में रोडा बनी कांग्रेस से निपटने को पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बनाया एक और प्लान. वहीं, वाराणसी पहुंची कल्पना मिश्रा ने महिलाओं संग की सियासी चर्चा.

आधी आबादी को साध सत्ता पाने में जुटी बसपा
आधी आबादी को साध सत्ता पाने में जुटी बसपा
author img

By

Published : Nov 27, 2021, 9:01 AM IST

Updated : Nov 27, 2021, 12:07 PM IST

वाराणसी: 2022 के सियासी संग्राम (UP Assembly Election-2022) के लिए उत्तर प्रदेश पूरी तरह से तैयार हो चुका है और सूबे में सभी सियासी पार्टियों की सक्रियता देखते बन रही है. इस बीच अपनी सियासी जमीन खो चुकी बहुजन समाज पार्टी अब आधी आबादी से आस लगाए बठी है. यही कारण है कि पार्टी इन्हें टारगेट कर सियासी प्लानिंग के तहत आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है.

सबसे बड़ी बात यह है कि पहले से ही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा यहां महिला वोटर्स को अपने पाले (BSP eyes on women voters) में करने को 40 फीसद महिला प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर चुकी हैं. इतना ही नहीं वे जिलेवार दौरा कर सभाएं भी कर रही हैं, ताकि किसी तरह से इन वोटर्स को अपने पक्ष में कर सीटों के समीकरण को दुरुस्त किया जा सके.

बसपा नेता विष्णु दयाल सेठ

इसके इतर प्रियंका ने मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देकर महिलाओं को अपने साथ जोड़ने की अच्छी पहल की हैं और उनके कई सभाओं में महिलाओं की उमड़ी हुजूम उन्हें मजबूती देने का काम कर रही है. लेकिन अब बहुजन समाज पार्टी महिला सम्मेलन के जरिए यूपी की 45 फीसद महिला वोटर्स तक पहुंचने की जुगत में जुटने जा रही है. हालांकि, सबका मकसद केवल यूपी की महिला वोटर्स को अपने साथ जोड़ना है, क्योंकि यह वह साइलेंट वोटर हैं, जो हवा का रुख बदल सकती है.

इसे भी पढ़ें - TMC ज्वाइन कर सकते हैं वरुण गांधी, जल्द ममता से मुलाकात की संभावना !

दरअसल, महिला सुरक्षा का मुद्दा हमेशा से ही सभी चुनावों में बड़ी ही मजबूती से विपक्ष उठाता रहता है. चाहे सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन विपक्ष में बैठने वाली सियासी पार्टी महिला सुरक्षा और महिलाओं को महंगाई की मार से हो रही परेशानी को बड़ा हथियार बनाकर चुनावी समर में बड़ा फायदा लेना चाहती है.

उत्तर प्रदेश में तो महिलाओं की भागीदारी वोटर्स के रूप में बड़ी है. उत्तर प्रदेश की सियासत में महिला वोटर निर्णायक की भूमिका में हैं. यूपी में कुल 14.40 करोड़ मतदाता हैं. इसमें 7.79 करोड़ पुरुष और 6.61 करोड़ महिलाएं हैं. एक तरह से 45 फीसदी महिला वोटर हैं. यही वजह है कि आधी आबादी हर सियासी पार्टी के निशाने पर हैं.

वाराणसी में बसपा महिला सम्मेलन
वाराणसी में बसपा महिला सम्मेलन

सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी को बड़ी जिम्मेदारी

यही वजह है कि बहुजन समाज पार्टी महिलाओं के बीच पहुंचने के लिए महिलाओं के मुद्दे को हथियार बनाकर महिला वोटर्स को रिझाने का काम करने में जुट गई है. इस पूरे काम की जिम्मेदारी बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा को सौंपी है.

इस क्रम में कल्पना वाराणसी पहुंची और यहां बसपा महिला सम्मेलन में शामिल हुईं. जिसमें महिलाओं से सीधे जुड़ने के लिए महंगाई, महिला सुरक्षा और अनेक तमाम मुद्दों को उठाया. इस दौरान बसपा ने सूबे की वर्तमान भाजपा सरकार को गिरने को महिलाओं को एकजुट होने की अपील की.

महिलाओं को बताएंगे बसपा शासन में सुशासन की कहानी

वाराणसी के मैदागिन स्थित पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित बसपा महिला सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा ने प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. जिस तरह से आरटीआई के जरिए यह खुलासा हुआ है कि यूपी में हर रोज तीन बेटियां लापता हो रही है, वह चिंता का विषय है.

इसे भी पढ़ें -चाचा शिवपाल का भतीजे अखिलेश को दस दिन का अल्टीमेटम...नहीं दी हरी झंडी तो करेंगे धमाका

वाराणसी में बसपा महिला सम्मेलन
वाराणसी में बसपा महिला सम्मेलन

महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़खानी और अन्य घटनाएं भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सिर्फ योगी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इन सबसे अलग है. कानून-व्यवस्था का राज कहीं रह नहीं गया है. वहीं, महंगाई के मुद्दे को उठाते हुए कल्पना मिश्रा ने महिलाओं को सबसे ज्यादा पीड़ित बताया. उनका कहना था कि आज पूरे देश में उत्तर प्रदेश में महंगाई की मार ने आम लोगों का बजट बिगाड़ दिया है.

बजट बिगड़ने का सबसे बड़ा असर महिलाओं पर पड़ता है, क्योंकि उनको घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है. इन सब से महिलाएं त्रस्त हो गई हैं. आगे उन्होंने कहा कि 2007 से 2012 के बीच बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल को याद कराने के लिए हम महिलाओं के बीच पहुंच रहे हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: 2022 के सियासी संग्राम (UP Assembly Election-2022) के लिए उत्तर प्रदेश पूरी तरह से तैयार हो चुका है और सूबे में सभी सियासी पार्टियों की सक्रियता देखते बन रही है. इस बीच अपनी सियासी जमीन खो चुकी बहुजन समाज पार्टी अब आधी आबादी से आस लगाए बठी है. यही कारण है कि पार्टी इन्हें टारगेट कर सियासी प्लानिंग के तहत आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है.

सबसे बड़ी बात यह है कि पहले से ही कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा यहां महिला वोटर्स को अपने पाले (BSP eyes on women voters) में करने को 40 फीसद महिला प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर चुकी हैं. इतना ही नहीं वे जिलेवार दौरा कर सभाएं भी कर रही हैं, ताकि किसी तरह से इन वोटर्स को अपने पक्ष में कर सीटों के समीकरण को दुरुस्त किया जा सके.

बसपा नेता विष्णु दयाल सेठ

इसके इतर प्रियंका ने मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा देकर महिलाओं को अपने साथ जोड़ने की अच्छी पहल की हैं और उनके कई सभाओं में महिलाओं की उमड़ी हुजूम उन्हें मजबूती देने का काम कर रही है. लेकिन अब बहुजन समाज पार्टी महिला सम्मेलन के जरिए यूपी की 45 फीसद महिला वोटर्स तक पहुंचने की जुगत में जुटने जा रही है. हालांकि, सबका मकसद केवल यूपी की महिला वोटर्स को अपने साथ जोड़ना है, क्योंकि यह वह साइलेंट वोटर हैं, जो हवा का रुख बदल सकती है.

इसे भी पढ़ें - TMC ज्वाइन कर सकते हैं वरुण गांधी, जल्द ममता से मुलाकात की संभावना !

दरअसल, महिला सुरक्षा का मुद्दा हमेशा से ही सभी चुनावों में बड़ी ही मजबूती से विपक्ष उठाता रहता है. चाहे सरकार किसी की भी रही हो, लेकिन विपक्ष में बैठने वाली सियासी पार्टी महिला सुरक्षा और महिलाओं को महंगाई की मार से हो रही परेशानी को बड़ा हथियार बनाकर चुनावी समर में बड़ा फायदा लेना चाहती है.

उत्तर प्रदेश में तो महिलाओं की भागीदारी वोटर्स के रूप में बड़ी है. उत्तर प्रदेश की सियासत में महिला वोटर निर्णायक की भूमिका में हैं. यूपी में कुल 14.40 करोड़ मतदाता हैं. इसमें 7.79 करोड़ पुरुष और 6.61 करोड़ महिलाएं हैं. एक तरह से 45 फीसदी महिला वोटर हैं. यही वजह है कि आधी आबादी हर सियासी पार्टी के निशाने पर हैं.

वाराणसी में बसपा महिला सम्मेलन
वाराणसी में बसपा महिला सम्मेलन

सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी को बड़ी जिम्मेदारी

यही वजह है कि बहुजन समाज पार्टी महिलाओं के बीच पहुंचने के लिए महिलाओं के मुद्दे को हथियार बनाकर महिला वोटर्स को रिझाने का काम करने में जुट गई है. इस पूरे काम की जिम्मेदारी बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा को सौंपी है.

इस क्रम में कल्पना वाराणसी पहुंची और यहां बसपा महिला सम्मेलन में शामिल हुईं. जिसमें महिलाओं से सीधे जुड़ने के लिए महंगाई, महिला सुरक्षा और अनेक तमाम मुद्दों को उठाया. इस दौरान बसपा ने सूबे की वर्तमान भाजपा सरकार को गिरने को महिलाओं को एकजुट होने की अपील की.

महिलाओं को बताएंगे बसपा शासन में सुशासन की कहानी

वाराणसी के मैदागिन स्थित पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित बसपा महिला सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा ने प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. जिस तरह से आरटीआई के जरिए यह खुलासा हुआ है कि यूपी में हर रोज तीन बेटियां लापता हो रही है, वह चिंता का विषय है.

इसे भी पढ़ें -चाचा शिवपाल का भतीजे अखिलेश को दस दिन का अल्टीमेटम...नहीं दी हरी झंडी तो करेंगे धमाका

वाराणसी में बसपा महिला सम्मेलन
वाराणसी में बसपा महिला सम्मेलन

महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़खानी और अन्य घटनाएं भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सिर्फ योगी सरकार में महिलाओं की सुरक्षा के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इन सबसे अलग है. कानून-व्यवस्था का राज कहीं रह नहीं गया है. वहीं, महंगाई के मुद्दे को उठाते हुए कल्पना मिश्रा ने महिलाओं को सबसे ज्यादा पीड़ित बताया. उनका कहना था कि आज पूरे देश में उत्तर प्रदेश में महंगाई की मार ने आम लोगों का बजट बिगाड़ दिया है.

बजट बिगड़ने का सबसे बड़ा असर महिलाओं पर पड़ता है, क्योंकि उनको घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है. इन सब से महिलाएं त्रस्त हो गई हैं. आगे उन्होंने कहा कि 2007 से 2012 के बीच बहुजन समाज पार्टी के शासनकाल को याद कराने के लिए हम महिलाओं के बीच पहुंच रहे हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Nov 27, 2021, 12:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.