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जोशीमठ आपदा में मदद के लिए काशी के 10 साल के बच्चे ने बढ़ाया मदद का हाथ

वाराणसी में एक बच्चे ने गुल्लक तोड़कर जोशीमठ के लोगों को रुपये दान किए हैं. शिवांश शर्मा के गुल्लक से लगभग 12465 रुपए निकले थे. जिनमें से कुछ पैसे रखकर बाकी पैसे लोगों की मदद के लिए भेज है.

जोशीमठ आपदा
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Published : Jan 13, 2023, 10:40 PM IST

जानकारी देते हुए शिवांश शर्मा

वाराणसी: उत्तराखंड के जोशीमठ में आई आपदा ने प्रकृति के उस रूप को दर्शाने का काम किया है, जो निश्चित तौर पर मानव की गलतियों का नतीजा कहा जा सकता है. लेकिन इस आपदा की वजह से न सिर्फ वहां के रहने वाले बल्कि देशभर के लोगों को तकलीफ में डाल दिया है. वहां के लोगों को घर छोड़कर जाने से लेकर लोगों के सामने खाने पीने तक की परेशानियां ने न सिर्फ बड़ो बल्कि बच्चों को भी झकझोर दिया है. ज्योतिर मठ से आ रहे वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों ने काशी के एक 10 साल के मासूम को विचलित कर दिया. काशी के रहने वाले शिवांश शर्मा ने इस आपदा में परेशान लोगों और वहां के ज्योतिष मठ में रह रहे साधु-संतों के खानपान और अन्य चीजों के लिए अपने गुल्लक तोड़कर मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. भले ही मदद के लिए दी गई धनराशि ज्यादा नहीं है, लेकिन एक बच्चे की भावनाओं की कीमत इस धनराशि से कहीं ज्यादा है.

दरअसल वाराणसी के शिवांश शर्मा एक धार्मिक और व्यवसायिक परिवार से जुड़े हैं. वाराणसी के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा चार में पढ़ने वाला शिवांश 2 दिन पहले अपने पिता अजय शर्मा के मोबाइल में ज्योतिष मठ में आई आपदा के वीडियो देख रहा था. यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार सामने आ रहे दर्दनाक वीडियो से इतना विचलित हुआ कि उसने अपनी गुल्लक तोड़ने लगा. पिता अजय शर्मा का कहना है कि बेटे को गुल्लक तोड़ता देख कर हम सभी ने उससे पूछा कि गुल्लक क्यों तोड़ रहे हो जिस पर उसने पैसे गिनते हुए जवाब दिया कि ज्योतिर मठ में आई आपदा और वहां पर रह रहे संत और अन्य लोगों को खाने पीने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है. इसलिए मैं यह धनराशि उन लोगों की मदद के लिए भेजूंगा.

मदद के लिए जब कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया तो फिर ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के कार्यालय से संपर्क किया गया और मदद के लिए उनसे हमने गुजारिश की. जिस पर उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाता संख्या में क्यूआर कोड ऑनलाइन पेमेंट सुविधा के जरिए 10000 रुपये कि धनराशि जो गुल्लक तोड़ने पर निकली थी, वह इस आपदा में परेशान लोगों की मदद के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर की गई. बच्चे की गुल्लक से लगभग 12465 रुपए मिले थे. जिनमें से कुछ पैसे रखकर बाकी पैसे लोगों की मदद के लिए शिवांश ने भेजने का निर्णय लिया.

जानकारी देते हुए शिवांश शर्मा

वाराणसी: उत्तराखंड के जोशीमठ में आई आपदा ने प्रकृति के उस रूप को दर्शाने का काम किया है, जो निश्चित तौर पर मानव की गलतियों का नतीजा कहा जा सकता है. लेकिन इस आपदा की वजह से न सिर्फ वहां के रहने वाले बल्कि देशभर के लोगों को तकलीफ में डाल दिया है. वहां के लोगों को घर छोड़कर जाने से लेकर लोगों के सामने खाने पीने तक की परेशानियां ने न सिर्फ बड़ो बल्कि बच्चों को भी झकझोर दिया है. ज्योतिर मठ से आ रहे वीडियो और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों ने काशी के एक 10 साल के मासूम को विचलित कर दिया. काशी के रहने वाले शिवांश शर्मा ने इस आपदा में परेशान लोगों और वहां के ज्योतिष मठ में रह रहे साधु-संतों के खानपान और अन्य चीजों के लिए अपने गुल्लक तोड़कर मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. भले ही मदद के लिए दी गई धनराशि ज्यादा नहीं है, लेकिन एक बच्चे की भावनाओं की कीमत इस धनराशि से कहीं ज्यादा है.

दरअसल वाराणसी के शिवांश शर्मा एक धार्मिक और व्यवसायिक परिवार से जुड़े हैं. वाराणसी के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में कक्षा चार में पढ़ने वाला शिवांश 2 दिन पहले अपने पिता अजय शर्मा के मोबाइल में ज्योतिष मठ में आई आपदा के वीडियो देख रहा था. यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगातार सामने आ रहे दर्दनाक वीडियो से इतना विचलित हुआ कि उसने अपनी गुल्लक तोड़ने लगा. पिता अजय शर्मा का कहना है कि बेटे को गुल्लक तोड़ता देख कर हम सभी ने उससे पूछा कि गुल्लक क्यों तोड़ रहे हो जिस पर उसने पैसे गिनते हुए जवाब दिया कि ज्योतिर मठ में आई आपदा और वहां पर रह रहे संत और अन्य लोगों को खाने पीने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है. इसलिए मैं यह धनराशि उन लोगों की मदद के लिए भेजूंगा.

मदद के लिए जब कोई रास्ता नहीं दिखाई दिया तो फिर ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के कार्यालय से संपर्क किया गया और मदद के लिए उनसे हमने गुजारिश की. जिस पर उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाता संख्या में क्यूआर कोड ऑनलाइन पेमेंट सुविधा के जरिए 10000 रुपये कि धनराशि जो गुल्लक तोड़ने पर निकली थी, वह इस आपदा में परेशान लोगों की मदद के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर की गई. बच्चे की गुल्लक से लगभग 12465 रुपए मिले थे. जिनमें से कुछ पैसे रखकर बाकी पैसे लोगों की मदद के लिए शिवांश ने भेजने का निर्णय लिया.

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