वाराणसी: कोरोना काल में जिस प्रकार लोगों की फिजिकल एक्टिविटी प्रभावित हुई उसने निश्चित तौर पर लोगों के स्वास्थ्य व हड्डियों पर प्रभाव डाला हैं. कोरोना के बाद प्रभावित लोगों में पोस्ट कोविड इफेक्ट के खतरे बढ़ गए हैं. लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है. इस बीमारी में हड्डियां धीरे धीरे कमजोर होने लगती हैं. बता दें कि नवजात बच्चों से लेकर बढ़ते बच्चों में कैल्शियम और विटामिन-डी की जरूरत अधिक होती है. इसकी कमी से बच्चों में रिकेट्स और स्कर्वी जैसे रोग हो सकते हैं. कोरोना काल में बदले जीवन शैली ने इस रोग को और बढ़ा दिया है.
चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के काय चिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार ने बताया कि कोरोना काल में घर मे रहने से लोगों की फिजिकल एक्टिविटी कम हो गयी है. यही वजह है कि ओस्टीयोपोरोसिस की समस्या भी बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी में तो हड्डियां उम्र के साथ मुलायम होकर चिटकने लगती हैं. इन सभी लोगो में एक बात कॉमन होती है की सभी ओस्टीयोपोरोसिस से परेशान हैं. इसके लिए हड्डियों को मजबूत करने की जरूरत है. स्वस्थ हड्डियों के लिए कैल्शियम और विटामिन डी के अतिरिक्त प्रोटीन, विटामिन के, मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन सी और दूसरे पोषक तत्व आवश्यक हैं.
जानकारी देते, डॉ. अजय गुप्ता, चिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग, राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय ओस्टीयोपोरोसिस का खतरा 1.डॉ गुप्ता ने बताया कि महिलाओ में रजोनिवृत्ति के बाद या पचास साल की उम्र के ऊपर शरीर मे बहुत से हॉरमोन संबंधित परिवर्तन होते है जिसकी वजह से इनको ओस्टीयोपोरोसिस का रिस्क ज्यादा रहता है. 2. किसी अन्य बीमारी के कारण बहुत दिनों से बिस्तर पर पड़े हुए हैं जिसके कारण फिजिकल एक्टिविटी नहीं होने से इसका खतरा रहता है. 3. यदि आप बहुत कम चलते-फिरते हैं, अक्सर आलसी की तरह पड़े रहते हैं और व्यायाम आदि से दूर रहते है.4. यदि गठिया, थायरॉयड, खून की कमी आदि किसी भी लंबी बीमारी से पीड़ित हैं. 5. यदि किसी अन्य रोग के इलाज के लिए या अन्य कारणों से आप स्टेरॉयड्स ले रहे हैं तो आपको ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा है.6. मिर्गी की दवाइयां, लीथियम नामक दवा तथा इम्यूनोसप्रेशन करने वाली दवाइयां जो गठिया में खूब लिखी जाती हैं वे भी हड्डियों को कमजोर करती हैं.7. यदि खूब शराब और सिगरेट पीते हैं.8. साठ साल से ऊपर के बुजुर्ग हैं.
रोकथाम1. व्यायाम, खासतौर पर चलना, जॉगिंग आदि जितना करेंगे और जितनी उम्र तक करते रहेंगे, हड्डियों को ताकत मिलेगी.2. आलस्य हड्डियों का दुश्मन है इसलिए हमेशा मेहनत करते रहें.3. दूध-दही और पनीर के बने आहार द्रव्यों का पर्याप्त सेवन करें. इनमें कैल्शियम होता है.4. हमें प्रतिदिन 1000 मिलीग्राम तक कैल्शियम की जरूरत होती है इनकी गोलियां से मात्रा पूरी कर सकते हैं.5. रोज पंद्रह मिनट से पच्चीस मिनट धूप में गुजारें. शरीर का प्राकृतिक विटामिन डी चमड़ी के नीचे, धूप की गर्मी और अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बनता है.6. विटामिन-डी की मात्रा 800-1000 यूनिट रोजाना तक होती है. इसके लिए नियमित धूप का सेवन करे.7. आयुर्वेद में प्रवाल पिष्टी, प्रवाल पंचामृत, गोदन्ती, मुक्ता भस्म आदि का सेवन करना चाहिए.8. लाक्षा गुग्गुल, आभा गुग्गुल, शल्लकी, अस्थिसंहारक यानी हड़जोड़ का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है.9. हड्डियों की मजबूती के लिए विटामिन डी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में सहायता करता है.
10.विटामिन डी की सर्वाधिक मात्रा सूर्य के प्रकाश से और अन्य भोज्य स्रोतों जिनमें वसायुक्त मछली, लीवर, अंडे, आदि से प्राप्त होती है.
ऑस्टियोपोरोसिस के संकेत
- हड्डी में बार-बार फ्रैक्चर
- त्वचा में रुखापन
- ऑस्टियोपोरोसिस
- ज्यादा कमी से अंगुलियां के सुन्न होने की समस्या
- हृदय की धड़कनें असामान्य
- शरीर में लगातार थकावट
- हाथ और पांव में दर्द रहना
- कमर में दर्द की शिकायत