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वाराणसी: गंगा में चलेंगी सीएनजी बोट, प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति - वाराणसी गंगा

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में अब सीएनजी बोट चलेंगी. इसके लिए नगर निगम और नागरिकों के बीच वार्ता हो चुकी है. जल्द ही यह ट्रायल करके सीएनजी किट लगाई जाएंगी. गंगा में सीएनजी बोट चलने से प्रदूषण में सुधार होगा.

गंगा के किनारे लगी नाव.
गंगा के किनारे लगी नाव.
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Published : Jun 26, 2020, 2:59 PM IST

वाराणसी: बनारस की पहचान मां गंगा और उसके किनारे अर्द्धचंद्राकार में फैले 11 किमी के घाट से है. देशी या विदेशी सभी सैलानी यहां शांति की तलाश में पहुंचते हैं. पिछले कुछ सालों में जिस तरीके से गंगा में चलने वाली डीजल बोट से निकलने वाले धुएं ने पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ा है उसको लेकर पर्यावरण विभाग काफी चिंतित है. इसी को लेकर अब यहां बोट को सीएनजी से चालाए जाने की तैयारी तेज हो गई है. इसके लिए वाराणसी नगर निगम और नागरिकों के बीच वार्ता भी हो चुकी है. जल्द ही ट्रायल करके अन्य गांवों में भी सीएनजी किट लगाए जाएंगे.

गंगा में चलेंगी सीएनजी बोट.
कमिश्नर का निर्देश
निरीक्षण के दौरान वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने माझी समाज के लोगों से अपने-अपने गांव में सीएनजी किट लगवाए जाने पर जोर देते हुए मौके से ही गेल के अधिकारी से फोन पर वार्ता की. उन्होंने कुछ नाव में प्रतीकात्मक रूप से सीएनजी किट लगवाए जाने का निर्देश दिया, ताकि नाव सीएनजी गैस किट से प्रयोगात्मक रूप से वाकिफ और प्रेरित हो सके. उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि नाव में सीएनजी किट लगने से पर्यावरण के साथ-साथ गंगा नदी का भी पर्यावरण शुद्ध होने में यह सहायक साबित होगा.
प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
गंगा को शुद्ध करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई प्रयास किए, लेकिन फिर भी गंगा का पानी साफ नहीं हो सका. लॉकडाउन की वजह से मिल और कल कारखाने बंद हो गए तो गंगा थोड़ी साफ हुई. गंगा हमेशा साफ रहे इसके लिए अब सीएनजी बोट चलाई जाएंगी. जिसकी वजह से डीजल का जो तेल गंगा में गिरता है वह नहीं गिरेगा. उससे निकलने वाला धुआं जो पूरे वातावरण को प्रदूषित करता है वह भी नहीं होगा. साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होगा. देशी-विदेशी पर्यटकों को भी काफी समस्याएं होती थी वह भी अब नहीं होंगी.
ई-नाव भी चली थी
गंगा को शुद्ध करने का नगर निगम द्वारा नाव के माध्यम से यह पहला प्रयास नहीं है. इससे पहले भी बहुत सी नाव में इलेक्ट्रॉनिक किट लगाई गई, लेकिन बैटरी की प्रॉपर चार्जिंग न होने और घाट पर चार्जिंग की व्यवस्था न होने की वजह से यह प्रयास सफल नहीं हो सका.
गेल करेगा मदद
जिले के खिड़कियां घाट पर सीएनजी सब स्टेशन बनाया जा रहा है. जहां पर नाविकों को सीएनजी लेना होगा. वाराणसी में जल्द से जल्द सीएनजी से बोट चलाई जाए इसके लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है. इसमें गेल पूरी तरह नागरिकों की मदद करेगा. गेल जोकि नाव में किट लगाएगा उसमें 60-40 पर बात हुई है. 40 प्रतिशत हिस्सा नाविक को किश्त में देना होगा.

सीएनजी से अगर हमारी नावें चलेंगी तो यह बहुत अच्छा होगा. इससे निकलने वाले धुएं से मां गंगा प्रदूषित नहीं होंगी. सीएनजी का जो खर्च होगा डीजल की तुलना में बिल्कुल आधा होगा. अगर सभी नाव में सीएनजी लग जाएगी तो यह हमारे आए के लिए भी अच्छा होगा. प्रदूषण भी नहीं होगा. गंगा में 5 किलोमीटर की दूरी हम 2 से ढाई लीटर डीजल में करते हैं सीएनजी आने से यह खर्च बिल्कुल आधा हो जाएगा.
-मनीष साहनी, नाविक

नगर आयुक्त से हम लोगों की वार्ता हुई है. सीएनजी से नाव चलाई जाए. अभी एक नाव पर ट्रायल किया जाएगा. अगर यह सक्सेज हुआ तो अन्य नाव में सीएनजी किट लगाई जाएंगी. इससे बहुत फायदा है. पहला तो डीजल से गिरने वाला तेल मां गंगा में नहीं गिरेगा. वायु प्रदूषण नहीं होगा. ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा. उसके साथ थी जो बाहर से पर्यटक आते हैं, उन्हें धुआं लगता है वह भी नहीं लगेगा.
-शंभू साहनी, नाविक

वाराणसी: बनारस की पहचान मां गंगा और उसके किनारे अर्द्धचंद्राकार में फैले 11 किमी के घाट से है. देशी या विदेशी सभी सैलानी यहां शांति की तलाश में पहुंचते हैं. पिछले कुछ सालों में जिस तरीके से गंगा में चलने वाली डीजल बोट से निकलने वाले धुएं ने पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ा है उसको लेकर पर्यावरण विभाग काफी चिंतित है. इसी को लेकर अब यहां बोट को सीएनजी से चालाए जाने की तैयारी तेज हो गई है. इसके लिए वाराणसी नगर निगम और नागरिकों के बीच वार्ता भी हो चुकी है. जल्द ही ट्रायल करके अन्य गांवों में भी सीएनजी किट लगाए जाएंगे.

गंगा में चलेंगी सीएनजी बोट.
कमिश्नर का निर्देश
निरीक्षण के दौरान वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने माझी समाज के लोगों से अपने-अपने गांव में सीएनजी किट लगवाए जाने पर जोर देते हुए मौके से ही गेल के अधिकारी से फोन पर वार्ता की. उन्होंने कुछ नाव में प्रतीकात्मक रूप से सीएनजी किट लगवाए जाने का निर्देश दिया, ताकि नाव सीएनजी गैस किट से प्रयोगात्मक रूप से वाकिफ और प्रेरित हो सके. उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि नाव में सीएनजी किट लगने से पर्यावरण के साथ-साथ गंगा नदी का भी पर्यावरण शुद्ध होने में यह सहायक साबित होगा.
प्रदूषण से मिलेगी मुक्ति
गंगा को शुद्ध करने के लिए प्रदेश सरकार ने कई प्रयास किए, लेकिन फिर भी गंगा का पानी साफ नहीं हो सका. लॉकडाउन की वजह से मिल और कल कारखाने बंद हो गए तो गंगा थोड़ी साफ हुई. गंगा हमेशा साफ रहे इसके लिए अब सीएनजी बोट चलाई जाएंगी. जिसकी वजह से डीजल का जो तेल गंगा में गिरता है वह नहीं गिरेगा. उससे निकलने वाला धुआं जो पूरे वातावरण को प्रदूषित करता है वह भी नहीं होगा. साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होगा. देशी-विदेशी पर्यटकों को भी काफी समस्याएं होती थी वह भी अब नहीं होंगी.
ई-नाव भी चली थी
गंगा को शुद्ध करने का नगर निगम द्वारा नाव के माध्यम से यह पहला प्रयास नहीं है. इससे पहले भी बहुत सी नाव में इलेक्ट्रॉनिक किट लगाई गई, लेकिन बैटरी की प्रॉपर चार्जिंग न होने और घाट पर चार्जिंग की व्यवस्था न होने की वजह से यह प्रयास सफल नहीं हो सका.
गेल करेगा मदद
जिले के खिड़कियां घाट पर सीएनजी सब स्टेशन बनाया जा रहा है. जहां पर नाविकों को सीएनजी लेना होगा. वाराणसी में जल्द से जल्द सीएनजी से बोट चलाई जाए इसके लिए सरकार पूरी तरह से तैयार है. इसमें गेल पूरी तरह नागरिकों की मदद करेगा. गेल जोकि नाव में किट लगाएगा उसमें 60-40 पर बात हुई है. 40 प्रतिशत हिस्सा नाविक को किश्त में देना होगा.

सीएनजी से अगर हमारी नावें चलेंगी तो यह बहुत अच्छा होगा. इससे निकलने वाले धुएं से मां गंगा प्रदूषित नहीं होंगी. सीएनजी का जो खर्च होगा डीजल की तुलना में बिल्कुल आधा होगा. अगर सभी नाव में सीएनजी लग जाएगी तो यह हमारे आए के लिए भी अच्छा होगा. प्रदूषण भी नहीं होगा. गंगा में 5 किलोमीटर की दूरी हम 2 से ढाई लीटर डीजल में करते हैं सीएनजी आने से यह खर्च बिल्कुल आधा हो जाएगा.
-मनीष साहनी, नाविक

नगर आयुक्त से हम लोगों की वार्ता हुई है. सीएनजी से नाव चलाई जाए. अभी एक नाव पर ट्रायल किया जाएगा. अगर यह सक्सेज हुआ तो अन्य नाव में सीएनजी किट लगाई जाएंगी. इससे बहुत फायदा है. पहला तो डीजल से गिरने वाला तेल मां गंगा में नहीं गिरेगा. वायु प्रदूषण नहीं होगा. ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा. उसके साथ थी जो बाहर से पर्यटक आते हैं, उन्हें धुआं लगता है वह भी नहीं लगेगा.
-शंभू साहनी, नाविक

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