वाराणसी: कोरोना वायरस के बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए देश में लॉकडाउन किया गया. इस देशव्यापी लॉकडाउन के बाद वैसे तो बहुत सी मुसीबतें लोगों को उठानी पड़ रही हैं, लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी हैं जिनका लोगों तक पहुंचना बहुत जरूरी है.
ऐसी ही एक सबसे बड़ी जरूरत इंसानी जीवन के लिए खून है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान जिलों में संचालित होने वाले सरकारी ब्लड बैंक में स्टोर किए गए ब्लड धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं. ब्लड की कम हो रही यूनिट की वजह से यहां मौजूद अधिकारियों के माथे पर शिकन है और चिंता भी क्योंकि यदि खून की जरूरत इस दौर में पड़ गई तो स्थितियां और बिगड़ सकती हैं.
लॉकडाउन के बाद खत्म हो रही ब्लड यूनिट
दरअसल, वाराणसी के मंडलीय अस्पताल में संचालित होने वाले ब्लड बैंक और कंपोनेंट यूनिट में लॉकडाउन शुरू होने से पहले 300 यूनिट ब्लड मौजूद था, जो ब्लड बैंक की क्षमता के अनुसार पर्याप्त था, लेकिन लॉकडाउन होने के बाद यह घटते-घटते अब सिर्फ 100 यूनिट पर रह गया है.
इसकी बड़ी वजह यह है कि अब कोई भी सामाजिक संस्था या ब्लड डोनर यहां ब्लड डोनेशन के लिए नहीं पहुंच रहा है, जिसके कारण ब्लड बैंक में ब्लड यूनिट की कमी हो सकती है. मंडलीय अपर निदेशक और अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. बीएन श्रीवास्तव की माने तो हालात बिगड़ सकते हैं, क्योंकि 300 यूनिट ब्लड घटकर 100 यूनिट ही रह गया है और यदि हालात ऐसे ही रहे और लॉकडाउन चलता रहा तो और भी कमी हो सकती है.
बिना एक्सचेंज के देना पड़ रहा ब्लड
डॉक्टर श्रीवास्तव का कहना है इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि इस वक्त जो भी लोग जरूरत के वक्त ब्लड लेने आ रहे हैं, वह एक्सचेंज नहीं दे पा रहे हैं. यानी ब्लड के बदले ब्लड उन्हें नहीं मिल पा रहा है.
डॉक्टर ने बताया कि पहले से ही उनके पास डोनर ब्लड की कमी है, जिसके कारण उन्हें बिना एक्सचेंज के ही ब्लड देना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में उनके पास भी ब्लड की कमी हो रही है और डोनर के न आने के कारण स्थिति और बिगड़ रही है. हालात ये हैं कि AB नेगेटिव जैसा रेयर ब्लड ग्रुप सिर्फ दो यूनिट ही ब्लड बैंक में बचा है, जो आगे परेशानी खड़ा कर सकता है.
स्वास्थ्य विभाग के लोगों से की जा रही ब्लड डोनेशन की अपील
प्रमुख अधीक्षक का कहना है कि स्थितियां सुधारने के लिए अस्पताल प्रशासन अपनी तरफ से प्रयास करने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने अपने स्वास्थ्य कर्मचारियों और अस्पताल के कर्मचारियों को ब्लड डोनेशन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं. यदि ब्लड की कमी होती है तो ब्लड डोनेशन का काम स्वास्थ्य कर्मचारियों और स्वास्थ्य विभाग के अन्य लोगों के जरिए पूरा करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने यह अपील भी की है कि ब्लड डोनर इस मुसीबत की घड़ी में अपने सामाजिक दायित्व को भी पूरा करें, ताकि मुसीबत के दौर में ब्लड की कमी ना हो.