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वाराणसी: जब लहरों पर लगेगा शौचालय, तो कैसे साफ होगी गंगा

जिले में गंगा की लहरों पर लोगों को शौचालय की सुविधा देने की नजीर सामने आई है. इस उद्देश्य से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए गंगा पर ही बायो टॉयलेट लगाने का काम सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है. इसके तहत एक बायो टॉयलेट दशाश्वमेध घाट पर लगाया भी जा चुका है.

वाराणसी घाट.
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Published : Jun 26, 2019, 1:26 PM IST

वाराणसी: सरकार ने गंगा को साफ करने के तमाम दावे किए लेकिन ये दावे सिर्फ दावे ही रह गए. दरअसल दशाश्वमेध घाट पर गंगा की लहरों के बीच एक बायो टॉयलेट लगा दिया गया है. इस बायो टॉयलेट को नाव पर बनाया गया है. बायो टॉयलेट गंगा की धारा पर ही शौचालय की सुविधा देने वाला है, जिसको लेकर लोग जमकर इसका विरोध कर रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता.
  • शौचालय की सुविधा देने के उद्देश्य से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए गंगा पर ही बायो शौचालय लगाने का काम सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है.
  • एक बायो टॉयलेट दशाश्वमेध घाट पर लगाया जा चुका है, बाकी 2 जल्द ही घाट पर लगने वाले हैं, ये स्पेशल शौचालय नाव पर ही तैयार हुए हैं.
  • दावा है कि इस बायो टॉयलेट का कचरा गंगा में नहीं गिराया जाएगा और न ही इस शौचालय में गंगा के पानी का इस्तेमाल होगा.
  • कहा जा रहा है कि गंगा साफ-सुथरी रहेगी और गंगा की पवित्रता और शुद्धता पर इस शौचालय से कोई भी असर नहीं पड़ेगा.
  • इतने दावों के बाद भी कंपनी का कोई भी अधिकारी कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं है.
  • वाराणसी की जनता अब इन शौचालयों का जमकर विरोध कर रही है.

वाराणसी: सरकार ने गंगा को साफ करने के तमाम दावे किए लेकिन ये दावे सिर्फ दावे ही रह गए. दरअसल दशाश्वमेध घाट पर गंगा की लहरों के बीच एक बायो टॉयलेट लगा दिया गया है. इस बायो टॉयलेट को नाव पर बनाया गया है. बायो टॉयलेट गंगा की धारा पर ही शौचालय की सुविधा देने वाला है, जिसको लेकर लोग जमकर इसका विरोध कर रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता.
  • शौचालय की सुविधा देने के उद्देश्य से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए गंगा पर ही बायो शौचालय लगाने का काम सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है.
  • एक बायो टॉयलेट दशाश्वमेध घाट पर लगाया जा चुका है, बाकी 2 जल्द ही घाट पर लगने वाले हैं, ये स्पेशल शौचालय नाव पर ही तैयार हुए हैं.
  • दावा है कि इस बायो टॉयलेट का कचरा गंगा में नहीं गिराया जाएगा और न ही इस शौचालय में गंगा के पानी का इस्तेमाल होगा.
  • कहा जा रहा है कि गंगा साफ-सुथरी रहेगी और गंगा की पवित्रता और शुद्धता पर इस शौचालय से कोई भी असर नहीं पड़ेगा.
  • इतने दावों के बाद भी कंपनी का कोई भी अधिकारी कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं है.
  • वाराणसी की जनता अब इन शौचालयों का जमकर विरोध कर रही है.
Intro:summary: दशाश्वमेध घाट समेत बनारस में गंगा की लहरों पर लोगों को शौचालय की सुविधा देने के उद्देश्य से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए गंगा पर ही बायो शौचालय लगाने का काम सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है. एक बायो टॉयलेट दशाश्वमेध घाट पर लगाया जा चुका है बाकी दो जल्द ही घाट पर लगने वाले हैं.

स्पेशल:

वाराणसी: स्वच्छ गंगा निर्मल गंगा अविरल गंगा 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को लेकर यही नारा दिया गया था दावा था कि नमामि गंगे योजना के तहत गंगा साफ सुथरी हो जाएगी, घाट चमकने लगेंगे, गंगा किनारे गंदगी नहीं दिखेगी. इन सब से दूर यह दावे बस दावे ही रह गए, लेकिन गंगा साफ नहीं हो सकी सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि जिस गंगा को मां कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सत्ता हासिल की आज उसी मां गंगा पर लोग मल मूत्र विसर्जन करने की तैयारी कर रहे हैं. विश्वास नहीं होता तो धर्म नगरी वाराणसी के उस घाट पर आकर देख लीजिए जहां पर नियमित गंगा आरती होती है जी हां यह सच है कि वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर गंगा की लहरों के बीच एक बायो टॉयलेट लगा दिया गया है. नाव पर बनाई है बायो टॉयलेट गंगा की धारा पर ही शौचालय की सुविधा देने वाला है जिसका विरोध भी तेज हो गया है.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 दरअसल दशाश्वमेध घाट समेत बनारस में गंगा की लहरों पर लोगों को शौचालय की सुविधा देने के उद्देश्य से डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के जरिए गंगा पर ही बायो शौचालय लगाने का काम सरकार के निर्देश पर किया जा रहा है. एक बायो टॉयलेट दशाश्वमेध घाट पर लगाया जा चुका है बाकी 2 जल्द ही घाट पर लगने वाले हैं. गुजरात से आएंगे स्पेशल शौचालय नाव पर ही तैयार हुए हैं. दावा है कि इस बायो टॉयलेट का एक भी बूंद कचरा गंगा में नहीं गिराया जाएगा और ना ही इस शौचालय में गंगा के पानी का इस्तेमाल होगा लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है इन दावों के बाद कंपनी का कोई भी अधिकारी कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं हो रहा बस दावे हो रहे हैं कि गंगा साफ सुथरी रहेगी और गंगा की पवित्रता और शुद्धता पर कोई भी असर इस शौचालय से नहीं पड़ेगा, लेकिन पब्लिक अब इन शौचालयों का विरोध शुरू कर चुकी है.

बाईट- उमेश पाठक, तीर्थ पुरोहित


Conclusion:वीओ-02 भले ही इस शौचालय को लगाने वाली कंपनी गंगा की शुद्धता बनए रखने की बात कर रही हो लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या जिसे हम मां कहते हैं उस पर शौचालय लगाकर मल मूत्र का त्याग किया जाना उचित है धर्म और अध्यात्म के लिहाज से शायद यह बिल्कुल ही गलत है क्योंकि गंगा पर शौचालय लगाए जाने के बाद जिससे हम देवी मां की तरह पूजते हैं उसकी पवित्रता और शुद्धता कहीं ना कहीं से प्रभावित जरूर होगी इन सबके बीच बनारस के लोग और काशी आकर अपने पूर्वजों को तारने का कर्मकांड करने वाले भी सरकार के इस कदम से आहत हैं.

बाइट- अजय चौहान, श्रद्धालु


क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र
9839809074
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