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जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों की पिटाई पर बीएचयू के छात्रों ने किया विरोध

मंगलवार को जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों की पिटाई के विरोध में बीएचयू के छात्रों ने प्रदर्शन किया. बीएचयू के छात्रों का आरोप है कि हमला जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कराया गया है.

जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों की पिटाई का BHU के छात्रों ने किया विरोध.
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Published : Oct 24, 2019, 4:30 AM IST

वाराणसी: जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय छात्रों की पिटाई के विरोध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने हाथ में पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया. जामिया विश्वविद्यालय सहित बीएचयू के छात्रों का आरोप है कि यह हमला जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कराया गया है.

जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों की पिटाई का BHU के छात्रों ने किया विरोध.

संघी कुलपतियों की वजह से है तानाशाही रवैया
इस घटना का पूरे देश भर में विरोध हो रहा है. इसी कड़ी में बीएचयू के छात्र जामिया के छात्रों के समर्थन में उतरे और विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने आरोप लगाया कि आजकल विश्वविद्यालयों में संघी कुलपतियों की वजह से तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- दीक्षांत समारोह में विद्वतजनों ने खादी जैकेट पहनकर समारोह को बनाया खास

बीएचयू छात्र ने दी जानकारी
बीएचयू छात्र आशुतोष कुमार ने बताया कि जामिया यूनिवर्सिटी में 5 तारीख को इजरायल के कुछ प्रतिनिधि यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम में आने वाले थे. लेकिन जिस तरह से इजराइल का तानाशाही रवैया विश्व में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार का उल्लंघन किया है. उसके विरोध में जामिया यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने विरोध किया. जिसके बाद जामिया यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें एक लेटर दिया गया. जिसके बाद वह लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे थे.

50 लोगों ने छात्रों पर किया हमला
आशुतोष ने आगे बताया कि मंगलवार को उनके धरने का दसवां दिन था. ऐसे में लगभग 50 की संख्या में अराजक तत्वों ने उन पर हमला किया. जिसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि विश्वविद्यालयों में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है. हम बनारस से उस घटना का विरोध करते हैं और जामिया में घायल छात्रों का समर्थन करते हैं.

वाराणसी: जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय छात्रों की पिटाई के विरोध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने हाथ में पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया. जामिया विश्वविद्यालय सहित बीएचयू के छात्रों का आरोप है कि यह हमला जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कराया गया है.

जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों की पिटाई का BHU के छात्रों ने किया विरोध.

संघी कुलपतियों की वजह से है तानाशाही रवैया
इस घटना का पूरे देश भर में विरोध हो रहा है. इसी कड़ी में बीएचयू के छात्र जामिया के छात्रों के समर्थन में उतरे और विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने आरोप लगाया कि आजकल विश्वविद्यालयों में संघी कुलपतियों की वजह से तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है.

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बीएचयू छात्र ने दी जानकारी
बीएचयू छात्र आशुतोष कुमार ने बताया कि जामिया यूनिवर्सिटी में 5 तारीख को इजरायल के कुछ प्रतिनिधि यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम में आने वाले थे. लेकिन जिस तरह से इजराइल का तानाशाही रवैया विश्व में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार का उल्लंघन किया है. उसके विरोध में जामिया यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने विरोध किया. जिसके बाद जामिया यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें एक लेटर दिया गया. जिसके बाद वह लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे थे.

50 लोगों ने छात्रों पर किया हमला
आशुतोष ने आगे बताया कि मंगलवार को उनके धरने का दसवां दिन था. ऐसे में लगभग 50 की संख्या में अराजक तत्वों ने उन पर हमला किया. जिसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि विश्वविद्यालयों में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है. हम बनारस से उस घटना का विरोध करते हैं और जामिया में घायल छात्रों का समर्थन करते हैं.

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने हाथों में पोस्टर लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय छात्रों की पिटाई का विरोध किया।वहीं जामिया विश्वविद्यालय का जमकर विरोध किया। हाथों में पोस्टर लेकर दर्जनों की संख्या में छात्र बीएचयू गेट पर जमकर किया विरोध प्रदर्शन।


Body:

यह है पूरा मामला

जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पिछले 9 दिनों से लोकतांत्रिक ढंग से विरोध कर रहे छात्र-छात्राओं के ऊपर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रायोजित हमले के खिलाफ छात्र छात्राओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। जामिया विश्वविद्यालय सहित बीएचयू के छात्रों का आरोप है कि यह हमला जामिया विश्वविद्यालय द्वारा कराया गया है पूरे देश भर में इसका विरोध हो रहा है इसी कड़ी में बीएचयू के छात्रों ने भी घायल जामिया के छात्रों के साथ है और उन्होंने भी उनका विरोध किया। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि आजकल विश्वविद्यालयों में संघी कुलपतियों की वजह से तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है।



Conclusion:

छात्र आशुतोष ने बताया जामिया यूनिवर्सिटी में 5 तारीख को जिसमें इजरायल के कुछ प्रतिनिधि यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम में आने वाले थे लेकिन जिस तरह से इजराइल का तानाशाही रवैया विश्व में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार का उल्लंघन किया है उसके विरोध में जामिया यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने 8 मरीजों का विरोध किया जिसके बाद जामिया यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें एक लेटर दिया गया जिसके बाद वह लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे थे। कल उनके धरने का दसवां दिन था ऐसे में लगभग 50 की संख्या में अराजक तत्वों ने उन पर हमला किया जिसका हम विरोध करते हैं क्योंकि विश्वविद्यालयों में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है ऐसे में जामिया ऐसे विश्वविद्यालय में छात्रों पर विरोध होना यह दुखद है हम बनारस से उस घटना का विरोध करते हैं और जामिया में घायल छात्रों का समर्थन करते हैं।

वाइट:-- छात्र आशुतोष कुमार, बीएचयू

आशुतोष उपाध्याय वाराणसी
9005099684
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