वाराणसी: जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय छात्रों की पिटाई के विरोध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों ने हाथ में पोस्टर लेकर विरोध प्रदर्शन किया. जामिया विश्वविद्यालय सहित बीएचयू के छात्रों का आरोप है कि यह हमला जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कराया गया है.
संघी कुलपतियों की वजह से है तानाशाही रवैया
इस घटना का पूरे देश भर में विरोध हो रहा है. इसी कड़ी में बीएचयू के छात्र जामिया के छात्रों के समर्थन में उतरे और विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों ने आरोप लगाया कि आजकल विश्वविद्यालयों में संघी कुलपतियों की वजह से तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है.
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बीएचयू छात्र ने दी जानकारी
बीएचयू छात्र आशुतोष कुमार ने बताया कि जामिया यूनिवर्सिटी में 5 तारीख को इजरायल के कुछ प्रतिनिधि यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम में आने वाले थे. लेकिन जिस तरह से इजराइल का तानाशाही रवैया विश्व में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार का उल्लंघन किया है. उसके विरोध में जामिया यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने विरोध किया. जिसके बाद जामिया यूनिवर्सिटी द्वारा उन्हें एक लेटर दिया गया. जिसके बाद वह लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज करा रहे थे.
50 लोगों ने छात्रों पर किया हमला
आशुतोष ने आगे बताया कि मंगलवार को उनके धरने का दसवां दिन था. ऐसे में लगभग 50 की संख्या में अराजक तत्वों ने उन पर हमला किया. जिसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि विश्वविद्यालयों में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है. हम बनारस से उस घटना का विरोध करते हैं और जामिया में घायल छात्रों का समर्थन करते हैं.