वाराणसी : केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू करने के लिए सरकार की तरफ से अध्यादेश लाया गया है. इस अध्यादेश का अब विरोध शुरू हो गया है. पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को खत्म कर 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के समर्थन में सामान्य वर्ग के छात्रों और शिक्षकों ने शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामान्य वर्ग के शोध छात्रों और शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को फिर से लागू करने लिए अध्यादेश लाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कानून बनाना है, जिसमें कोर्ट नें 200 प्वाइंट रोस्टर को खत्म कर 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने के आदेश दिए थे.
बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लगभग 500 की संख्या में सामान्य वर्ग के छात्रों ने केंद्र सरकार से अध्यादेश वापस लेने का नारा लगाते हुए महिला महाविद्यालय चौराहे तक पैदल मार्च किया और विश्वविद्यालय को प्रतीकात्मक रुप से बंद कराया. छात्रों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी, जिसपर 200 प्वाइंट रोस्टर का विरोध, 13 प्वाइंट रोस्टर का समर्थन और स्वर्ण एकता जिंदाबाद के नारे लिखे थे. वहीं कुछ छात्र केंद्र और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते नजर आए, जबकि कुछ छात्र उनको समझाते दिखे. यह विरोध प्रदर्शन सामान्य छात्र संघर्ष मोर्चा की तरफ से किया गया था.
तिब्बती शोध संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर विवेकानंद तिवारी ने बताया कि आज छात्रों ने 13 प्वाइंट रोस्टर के समर्थन और 200 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला. इसमें हम लोगों ने बीएचयू के छात्र छात्राओं और प्रोफेसरों से निवेदन किया है कि वह सांकेतिक रूप से कक्षाओं को बंद कर हमारे इस विरोध का समर्थन करें. हमने सरकार के इस अध्यादेश के खिलाफ सारे सामान्य वर्ग के छात्र, छात्राओं और शिक्षकों से समर्थन मांगा है. उन्होंने कहा कि हम सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं न कि सरकार का.