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जानिए क्यों ! पहले पिछड़ा वर्ग और अब सामान्य वर्ग के छात्रों ने किया रोस्टर प्रणाली का विरोध

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामान्य वर्ग के शोध छात्रों और शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को फिर से लागू करने लिए अध्यादेश लाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कानून बनाना है, जिसमें कोर्ट नें 200 प्वाइंट रोस्टर को खत्म कर 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने के आदेश दिए थे.

200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली का विरोध कर रहे छात्र
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Published : Mar 16, 2019, 5:45 AM IST

वाराणसी : केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू करने के लिए सरकार की तरफ से अध्यादेश लाया गया है. इस अध्यादेश का अब विरोध शुरू हो गया है. पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को खत्म कर 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के समर्थन में सामान्य वर्ग के छात्रों और शिक्षकों ने शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली का विरोध कर रहे छात्र

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामान्य वर्ग के शोध छात्रों और शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को फिर से लागू करने लिए अध्यादेश लाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कानून बनाना है, जिसमें कोर्ट नें 200 प्वाइंट रोस्टर को खत्म कर 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने के आदेश दिए थे.

बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लगभग 500 की संख्या में सामान्य वर्ग के छात्रों ने केंद्र सरकार से अध्यादेश वापस लेने का नारा लगाते हुए महिला महाविद्यालय चौराहे तक पैदल मार्च किया और विश्वविद्यालय को प्रतीकात्मक रुप से बंद कराया. छात्रों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी, जिसपर 200 प्वाइंट रोस्टर का विरोध, 13 प्वाइंट रोस्टर का समर्थन और स्वर्ण एकता जिंदाबाद के नारे लिखे थे. वहीं कुछ छात्र केंद्र और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते नजर आए, जबकि कुछ छात्र उनको समझाते दिखे. यह विरोध प्रदर्शन सामान्य छात्र संघर्ष मोर्चा की तरफ से किया गया था.

तिब्बती शोध संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर विवेकानंद तिवारी ने बताया कि आज छात्रों ने 13 प्वाइंट रोस्टर के समर्थन और 200 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला. इसमें हम लोगों ने बीएचयू के छात्र छात्राओं और प्रोफेसरों से निवेदन किया है कि वह सांकेतिक रूप से कक्षाओं को बंद कर हमारे इस विरोध का समर्थन करें. हमने सरकार के इस अध्यादेश के खिलाफ सारे सामान्य वर्ग के छात्र, छात्राओं और शिक्षकों से समर्थन मांगा है. उन्होंने कहा कि हम सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं न कि सरकार का.

वाराणसी : केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली लागू करने के लिए सरकार की तरफ से अध्यादेश लाया गया है. इस अध्यादेश का अब विरोध शुरू हो गया है. पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को खत्म कर 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली के समर्थन में सामान्य वर्ग के छात्रों और शिक्षकों ने शुक्रवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया.

200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली का विरोध कर रहे छात्र

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामान्य वर्ग के शोध छात्रों और शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को फिर से लागू करने लिए अध्यादेश लाया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कानून बनाना है, जिसमें कोर्ट नें 200 प्वाइंट रोस्टर को खत्म कर 13 प्वाइंट रोस्टर को लागू करने के आदेश दिए थे.

बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लगभग 500 की संख्या में सामान्य वर्ग के छात्रों ने केंद्र सरकार से अध्यादेश वापस लेने का नारा लगाते हुए महिला महाविद्यालय चौराहे तक पैदल मार्च किया और विश्वविद्यालय को प्रतीकात्मक रुप से बंद कराया. छात्रों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थी, जिसपर 200 प्वाइंट रोस्टर का विरोध, 13 प्वाइंट रोस्टर का समर्थन और स्वर्ण एकता जिंदाबाद के नारे लिखे थे. वहीं कुछ छात्र केंद्र और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते नजर आए, जबकि कुछ छात्र उनको समझाते दिखे. यह विरोध प्रदर्शन सामान्य छात्र संघर्ष मोर्चा की तरफ से किया गया था.

तिब्बती शोध संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर विवेकानंद तिवारी ने बताया कि आज छात्रों ने 13 प्वाइंट रोस्टर के समर्थन और 200 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला. इसमें हम लोगों ने बीएचयू के छात्र छात्राओं और प्रोफेसरों से निवेदन किया है कि वह सांकेतिक रूप से कक्षाओं को बंद कर हमारे इस विरोध का समर्थन करें. हमने सरकार के इस अध्यादेश के खिलाफ सारे सामान्य वर्ग के छात्र, छात्राओं और शिक्षकों से समर्थन मांगा है. उन्होंने कहा कि हम सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं न कि सरकार का.

Intro:शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण में 200 पॉइंट रोस्टर प्रणाली लागू करने के मोदी सरकार के अध्यादेश का अब विरोध शुरू हो गया पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 200 पॉइंट रोस्टर प्रणाली को समाप्त कर 13 पॉइंट रोस्टर प्रणाली के समर्थन में छात्रों की मांग उठी जिसके साथ आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सामान्य वर्ग के छात्रों ने विश्वविद्यालय को प्रतीकात्मक रूप से बंद कराया और सरकार से आरक्षण में पुराने व्यवस्था को लागू करने की मांग की इस आंदोलन में छात्र शिक्षक दोनों शामिल रहे।


काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सामान्य वर्ग के छात्रों ने शोध छात्रों और शिक्षकों द्वारा काली पट्टी बांधकर एक सत्याग्रह यात्रा के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा विश्वविद्यालय को इकाई मानकर लगाएगा अध्यादेश का विरोध किया गया।

छात्रों द्वारा तख्तियां पर मुख्य रूप से 200 पॉइंट रोस्टर का विरोध 13 पॉइंट हॉस्टल का समर्थन स्वर्ण एकता जिंदाबाद के स्लोगन लिखे थे


Body:बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लगभग 500 की संख्या में सामान्य वर्ग के छात्र केंद्र सरकार से अध्यादेश वापस लेने का नारा लगाते हुए महिला महाविद्यालय चौराहे तक पैदल मार्च किया सामान्य छात्र संघर्ष मोर्चा के तरफ से आयोजित इस सत्याग्रह यात्रा में 200 प्वाइंट रोस्टर का विरोध किया गया और सुप्रीम कोर्ट द्वारा विभाग को इकाई मानकर शैक्षणिक नियुक्ति करने के निर्णय को पुनः लागू करने की मांग की गई। वहीं कुछ छात्र केंद्र और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते नजर आए वहीं कुछ छात्रों को समझाते। छात्रों का कहना था कि हम अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं।


Conclusion:तिब्बती शोध संस्थान असिस्टेंट प्रोफेसर विवेकानंद तिवारी ने बताया आज हम लोगों ने 13 प्वाइंट रोस्टर के समर्थन और 200 पॉइंट रोस्टर के विरोध में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला है जिनमें हम लोगों ने बीएचयू के छात्र छात्राओं से और प्रोफेसरों से निवेदन किया है कि वह संकेतिक रूप से बंद कर हमारे इस विरोध का समर्थन करें हम सरकार द्वारा अध्यादेश 200 पॉइंट रोस्टर के विरोध में सारे सामान्य वर्ग के छात्र छात्रा और अध्यापक से समर्थन मांगा और हम यह बता देना चाहते हैं कि हम सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध करते हैं ना कि सरकार का


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