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किसान आंदोलन में मृत किसानों को छात्रों ने दी श्रदांजलि - किसान आंदोलन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के मुख्य द्वार पर गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों को श्रंद्धांजलि दी गई. जॉइंट एक्शन कमेटी और किसान सत्याग्रह के बैनर तले किसानों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही किसान ज्योति का प्रज्वलन किया गया.

मृत किसानों को श्रदांजलि देते छात्र.
मृत किसानों को श्रदांजलि देते छात्र.
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Published : Jan 25, 2021, 9:28 PM IST

वाराणसीः बीएचयू (BHU) के छात्रों ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की बात न सुनकर अडानी-अम्बानी के मन की बात कर रही है. किसान पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपने हक की मांग के साथ धरने पर हैं. अब तक 100 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन अडानी-अम्बनी सरकार अपनी तानाशाही प्रवृत्ति अपनाए हुए है. यह तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं. मोदी सरकार जानबूझ कर किसानों को अडानी-अम्बानी का बंधुआ बना रही है.

मृत किसानों को श्रदांजलि देते छात्र.
मृत किसानों को श्रदांजलि देते छात्र.

सभा स्थल पर कहा गया कि यह गणतंत्र किसानों, महिलाओं, मजदूरों, छात्रों, दलितों और अल्पसंख्यकों का है. सरकार लाठी-बंदूक से किसानों का हक नहीं छीन सकती. किसान अपनी मांगों के साथ 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर और तिरंगे के साथ 'किसान गणतंत्र परेड' भी करेंगे. इनके समर्थन में छात्र भी सड़कों पर हैं.

रजत सिंह ने कहा किसानों की शहादत इस बात का प्रमाण है कि अडानी-अम्बानी-मोदी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है. मोदी सरकार पूर्ण रूप से अडानी-अम्बानी के इशारे पर काम कर रही है. यह गणतंत्र किसानों, महिलाओं, मजदूरों, छात्रों, दलितों और अल्पसंख्यकों का है. सरकार लाठी-बंदूक से किसानों का हक नहीं छीन सकती. किसान अपने मांगों के साथ 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर और तिरंगे के साथ 'किसान गणतंत्र परेड' भी करेंगे. श्रद्धांजलि और किसान ज्योति प्रज्ज्वलन में मुख्य रूप से धनंजय, संजीव सिंह, विवेक मिश्र, अमित कुमार, अवंतिका, साक्षी, अनुष्का, कीर्ति, प्रज्ञा, दिलीप,कुलदीप, राकेश, विवेक कुमार, नीरज, प्रियेश ,जय,राणा रोहित, श्यामबाबू, मुरारी, आदि लोग मौजूद थे.

वाराणसीः बीएचयू (BHU) के छात्रों ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की बात न सुनकर अडानी-अम्बानी के मन की बात कर रही है. किसान पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपने हक की मांग के साथ धरने पर हैं. अब तक 100 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन अडानी-अम्बनी सरकार अपनी तानाशाही प्रवृत्ति अपनाए हुए है. यह तीनों कृषि कानून किसान विरोधी हैं. मोदी सरकार जानबूझ कर किसानों को अडानी-अम्बानी का बंधुआ बना रही है.

मृत किसानों को श्रदांजलि देते छात्र.
मृत किसानों को श्रदांजलि देते छात्र.

सभा स्थल पर कहा गया कि यह गणतंत्र किसानों, महिलाओं, मजदूरों, छात्रों, दलितों और अल्पसंख्यकों का है. सरकार लाठी-बंदूक से किसानों का हक नहीं छीन सकती. किसान अपनी मांगों के साथ 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर और तिरंगे के साथ 'किसान गणतंत्र परेड' भी करेंगे. इनके समर्थन में छात्र भी सड़कों पर हैं.

रजत सिंह ने कहा किसानों की शहादत इस बात का प्रमाण है कि अडानी-अम्बानी-मोदी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं है. मोदी सरकार पूर्ण रूप से अडानी-अम्बानी के इशारे पर काम कर रही है. यह गणतंत्र किसानों, महिलाओं, मजदूरों, छात्रों, दलितों और अल्पसंख्यकों का है. सरकार लाठी-बंदूक से किसानों का हक नहीं छीन सकती. किसान अपने मांगों के साथ 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर और तिरंगे के साथ 'किसान गणतंत्र परेड' भी करेंगे. श्रद्धांजलि और किसान ज्योति प्रज्ज्वलन में मुख्य रूप से धनंजय, संजीव सिंह, विवेक मिश्र, अमित कुमार, अवंतिका, साक्षी, अनुष्का, कीर्ति, प्रज्ञा, दिलीप,कुलदीप, राकेश, विवेक कुमार, नीरज, प्रियेश ,जय,राणा रोहित, श्यामबाबू, मुरारी, आदि लोग मौजूद थे.

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