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वाराणसी: बीएचयू के छात्रों ने आईटी सेल का किया गठन, जुटा रहे जनसमर्थन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. इस पर संस्कृत विद्या धर्म संकाय के छात्र अपनी बात को जनमानस तक पहुंचाने के लिए आईटी सेल का गठन किया.

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बीएचयू के छात्रों ने आईटी सेल का गठन किया
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Published : Dec 6, 2019, 11:18 AM IST

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में पिछले 20 दिनों से छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय प्रशासन से इस नियुक्ति को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. त्रिपुंड लगाए शिखा रखे संस्कृत का उच्चारण करने वाले यह छात्र किसी से पीछे नहीं है. ऐसे में वेद और व्याकरण की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र किसी से पीछे नहीं हैं. बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म संकाय के छात्र अपनी बात को जनमानस तक पहुंचाने के लिए अब आईटी सेल का गठन किया. इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

बीएचयू के छात्रों ने आईटी सेल का गठन किया
आईटी सेल ऐसे करता है काम
सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने के लिए संस्कृत पढ़ने वाले छात्र बकायदा आईआईटी के स्टूडेंट की तरह 10 की टीम बनाकर फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर और बहुत से सोशल साइट्स को दिन-रात पैनी नजर रखे हुए हैं. कुछ घंटों पर छात्रों की यह टीम बदल जाती है फिर 10 की संख्या में छात्र अपने पेज से लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक खबरें जो फैलाई जाती हैं. उनके उत्तर देने का काम करते हैं. छात्रों का साफ कहना है कि हम किसी धर्म या संप्रदाय का विरोध नहीं कर रहे है. हम महामना के मूल्यों की रक्षा के लिए जो उनके नियम बनाए गए थे. हमारे इस संकाय के लिए हम उनका पालन कर रहे हैं.

हमारी एक आईटी सेल है जिससे हमारी 10 छात्रों की एक टीम है जो एक-एक कर समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात हम जनमानस में पहुंचाने का काम कर रहे हैं. हमारा मकसद किसी भी धर्म या जाति का विरोध करना नहीं है. देश की जनता और विश्वविद्यालय प्रशासन से यह निवेदन है कि वह हमारे साथ हो. भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने जो नियम बनाए हैं. उसका पालन होगा.
मिथिलेश उपाध्याय,छात्र

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में पिछले 20 दिनों से छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय प्रशासन से इस नियुक्ति को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं. त्रिपुंड लगाए शिखा रखे संस्कृत का उच्चारण करने वाले यह छात्र किसी से पीछे नहीं है. ऐसे में वेद और व्याकरण की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र किसी से पीछे नहीं हैं. बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म संकाय के छात्र अपनी बात को जनमानस तक पहुंचाने के लिए अब आईटी सेल का गठन किया. इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.

बीएचयू के छात्रों ने आईटी सेल का गठन किया
आईटी सेल ऐसे करता है काम
सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने के लिए संस्कृत पढ़ने वाले छात्र बकायदा आईआईटी के स्टूडेंट की तरह 10 की टीम बनाकर फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर और बहुत से सोशल साइट्स को दिन-रात पैनी नजर रखे हुए हैं. कुछ घंटों पर छात्रों की यह टीम बदल जाती है फिर 10 की संख्या में छात्र अपने पेज से लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक खबरें जो फैलाई जाती हैं. उनके उत्तर देने का काम करते हैं. छात्रों का साफ कहना है कि हम किसी धर्म या संप्रदाय का विरोध नहीं कर रहे है. हम महामना के मूल्यों की रक्षा के लिए जो उनके नियम बनाए गए थे. हमारे इस संकाय के लिए हम उनका पालन कर रहे हैं.

हमारी एक आईटी सेल है जिससे हमारी 10 छात्रों की एक टीम है जो एक-एक कर समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात हम जनमानस में पहुंचाने का काम कर रहे हैं. हमारा मकसद किसी भी धर्म या जाति का विरोध करना नहीं है. देश की जनता और विश्वविद्यालय प्रशासन से यह निवेदन है कि वह हमारे साथ हो. भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने जो नियम बनाए हैं. उसका पालन होगा.
मिथिलेश उपाध्याय,छात्र

Intro:
वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय प्रोफेसर फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में लेकर पिछले 20 दिनों से छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय प्रशासन से इस नियुक्ति को बर्खास्त करने की मांग करें। त्रिपुंड लगाए शिखा रखे संस्कृत का उच्चारण करने वाले या छात्र किसी से पीछे नहीं है। ऐसे में वेद और व्याकरण की शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र किसी से पीछे नहीं हैं। बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म संकाय के छात्र अपनी बात को जनमानस तक पहुंचाने के लिए अब आईटी सेल का गठन किया। इसके साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

Body:आईटी सेल ऐसे करता है काम।

सोशल मीडिया पर अपनी बात रखने के लिए संस्कृत पढ़ने वाले छात्र बकायदा आईआईटी के स्टूडेंट की तरह 10 की टीम बनाकर। फेसबुक, इंस्टाग्राम, टि्वटर और बहुत से सोशल साइट्स को दिन-रात पैनी नजर रखे हुए हैं। कुछ घंटों पर छात्रों की यह टीम बदल जाती है फिर 10 की संख्या में छात्र अपने पेज से लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक खबरें जो फैलाई जाती हैं। उनके उत्तर देने का काम करते हैं। शत्रु का साफ कहना है। कि हम किसी धर्म या संप्रदाय का विरोध नहीं कर रहा है। हम महामना के मूल्यों की रक्षा के लिए जो उनके नियम बनाए गए थे। हमारे इस संकाय के लिए हम उनका पालन कर रहे हैं।

Conclusion:मिथिलेश उपाध्याय ने बताया हमारी एक आईटी सेल है जिससे हमारी 10 छात्रों की एक टीम है जो एक-एक कर समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात हम जनमानस में पहुंचाने का काम कर रहे हैं। हमारा मकसद किसी भी धर्म या जाति का विरोध करना नहीं है। बल्कि महामना के मूल्यों का रक्षा करना है। जो कोई भी संस्था बनती है तो उनके अपने नियम होते हैं। इसी तरह हमारे संकाय का नियम है।जो विश्वविद्यालय के संविधान में भी उल्लेखित हैं। देश की जनता और विश्वविद्यालय प्रशासन से यह निवेदन है कि वह हमारे साथ हो। भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने जो नियम बनाए हैं। उसका पालन होगा।

बाईट :-- मिथिलेश उपाध्याय,छात्र,बीएचयू


आशुतोष उपाध्याय
9005099684





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