वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी लगातार संक्रमण बढ़ रहा है. वहीं अस्पतालों में लापरवाही के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. ताजा मामला वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित सर सुंदरलाल चिकित्सालय का है. यहां पर बीएचयू के शोध छात्र अभय की कोविड-19 की संक्रमण की वजह से मौत हो गई. वहीं परिवार वालों और उनके साथियों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की वजह से अभय की मौत हुई है.
पढ़ाई में तेज था अभय
बीएचयू विज्ञान संस्थान के भौतिकी विभाग के सीनियर रिसर्च फेलो 32 वर्षीय अभय जयसवाल बीएचयू के पास चित्तूपुर में किराए के मकान में रहते थे. अभय पढ़ाई में काफी तेज थे. 2010 में उन्होंने बीएचयू से बीएससी किया था. इसके बाद 2012 में आईआईटी दिल्ली से एमएससी किया था. उसके बाद वर्ष 2013 से 2016 तक बतौर प्रोजेक्ट फेलो पेरिस में रहे. 2018 में भौतिकी विभाग के सीनियर रिसर्च फेलो में एडमिशन लिया.
परिवार में अकेली बहन
अभय के माता-पिता का स्वर्गवास पहले ही हो चुका था. अभय किराए के रूम में अपनी छोटी बहन के साथ रहते थे. अभय की तबीयत खराब होने के बाद अभय के दोस्तों ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गए. उनके दोस्तों ने आरोप लगाया है कि सही से इलाज न होने के कारण उनकी मौत हो गई.
छात्रों में आक्रोश
अभय के मित्रों ने बताया कि उन लोगों ने विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों को फोन करके अभय की तबीयत के बारे में बताया. ताकि जल्द से जल्द उसे आईसीयू मिल सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वहीं आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद काशी हिंदू विश्वविद्यालय इकाई के छात्र इस मामले में एमएस से मिलेंगे.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के एमएस प्रोफेसर एस के माथुर ने बताया मरीज गंभीर स्थिति में अस्पताल में आया था. उनके लंग्स ने काम करना बंद कर दिया था. मैंने खुद उसका कोरोनावायरस टेस्ट कराया और उसे आईसीयू में बेड भी दिलवाया, लेकिन उसकी मौत हो गई.