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बीएचयू में आयुर्वेदिक दवा का ट्रायल, अगले महीने पता चलेगा- कोरोना मरीजों पर कितना असर

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आयुर्वेद संकाय में कोरोना पर चल रहे आयुर्वेदिक औषधि का ट्रायल अगले महीने तक पूरा हो जाएगा. इसके बाद पता चल सकेगा कि यह दवा कोरोना मरीजों के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कितनी कारगर है. जिसका रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी. परिणाम पर सभी की नजर टिकी है.

बीएचयू में आयुर्वेदिक दवा का ट्रायल
बीएचयू में आयुर्वेदिक दवा का ट्रायल
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Published : Jun 18, 2021, 11:50 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विज्ञान संस्थान आयुर्वेद संकाय भारत के पुराने आयुर्वेद शिक्षा देने वाले संस्थाओं में से एक है. ऐसे में यहां के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा लगातार किस तरह कोविड-19 पर विजय पाया जाए और उससे संक्रमित व्यक्तियों को ठीक किया जाए इस पर लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी के तहत एक दवा का ट्रायल मरीजों पर किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट जल्द आएगी.

आयुर्वेद संकाय की काय चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि यह दवा पहले से बाजार में मौजूद है. इसका प्रयोग अब तक हम लोग जॉन्डिस सहित अन्य विकृतियों में कर रहे थे, अब इसका ट्रायल हम कोरोना के मरीजों पर कर रहे हैं. देखना है यह कितना असर होगा. यह जानने के लिए सीएसआईआर के देखरेख में तीन जगह पुणे, लखनऊ और बीएचयू में ट्राई चल रहा है. प्रोफेसर ने आगे बताया कि कोरोना काल में आयुर्वेद प्लांट है. इससे बनी दवा में यह देखा जा रहा है कि भूख बढ़ाने के साथी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने रक्त संबंधी बीमारियों में यह कितना असरदार है. अस्पताल और होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को यह दवा दी गई है, जो कि पहले से एलोपैथिक दवाएं ले रहे हैं. उसके साथ आयुर्वेदिक भी दवा ले रहे हैं. उम्मीद जताया है कि अगले महीने तक इसके परिणाम आ सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-बीएचयू शोध प्रवेश परीक्षा में धांधली का आरोप, परीक्षा निरस्त कराने की मांग

सामान्य ऑक्सीजन लेवल पर हो रहा है ट्रायल
प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद की देखरेख में दवा का ट्रायल चल रहा है. अच्छी बात यह है कि उन मरीजों पर ट्रायल किया जा रहा है, जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से ऊपर है. इस वजह से थोड़ी देर भी हुई चौकी दूसरी राहर की शुरुआत में ऐसे बहुत कम ही मरीज देखने को मिले, जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से कम हो ऐसे में 100 मरीज पर ट्रायल में सबसे ज्यादा 75 होम आइसोलेशन वाले जबकि, 25 मई अस्पतालों में भर्ती है. 21 दिन तक दवा देनी है 18 मई से ही ट्रायल शुरू है. इस हिसाब से जुलाई में परिणाम आने के बाद ही यह रिपोर्ट सीएमआर में भेजी जाएगी.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विज्ञान संस्थान आयुर्वेद संकाय भारत के पुराने आयुर्वेद शिक्षा देने वाले संस्थाओं में से एक है. ऐसे में यहां के डॉक्टरों और विशेषज्ञों द्वारा लगातार किस तरह कोविड-19 पर विजय पाया जाए और उससे संक्रमित व्यक्तियों को ठीक किया जाए इस पर लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी के तहत एक दवा का ट्रायल मरीजों पर किया जा रहा है, जिसकी रिपोर्ट जल्द आएगी.

आयुर्वेद संकाय की काय चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि यह दवा पहले से बाजार में मौजूद है. इसका प्रयोग अब तक हम लोग जॉन्डिस सहित अन्य विकृतियों में कर रहे थे, अब इसका ट्रायल हम कोरोना के मरीजों पर कर रहे हैं. देखना है यह कितना असर होगा. यह जानने के लिए सीएसआईआर के देखरेख में तीन जगह पुणे, लखनऊ और बीएचयू में ट्राई चल रहा है. प्रोफेसर ने आगे बताया कि कोरोना काल में आयुर्वेद प्लांट है. इससे बनी दवा में यह देखा जा रहा है कि भूख बढ़ाने के साथी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने रक्त संबंधी बीमारियों में यह कितना असरदार है. अस्पताल और होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को यह दवा दी गई है, जो कि पहले से एलोपैथिक दवाएं ले रहे हैं. उसके साथ आयुर्वेदिक भी दवा ले रहे हैं. उम्मीद जताया है कि अगले महीने तक इसके परिणाम आ सकते हैं.

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सामान्य ऑक्सीजन लेवल पर हो रहा है ट्रायल
प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद की देखरेख में दवा का ट्रायल चल रहा है. अच्छी बात यह है कि उन मरीजों पर ट्रायल किया जा रहा है, जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से ऊपर है. इस वजह से थोड़ी देर भी हुई चौकी दूसरी राहर की शुरुआत में ऐसे बहुत कम ही मरीज देखने को मिले, जिनका ऑक्सीजन लेवल 90 से कम हो ऐसे में 100 मरीज पर ट्रायल में सबसे ज्यादा 75 होम आइसोलेशन वाले जबकि, 25 मई अस्पतालों में भर्ती है. 21 दिन तक दवा देनी है 18 मई से ही ट्रायल शुरू है. इस हिसाब से जुलाई में परिणाम आने के बाद ही यह रिपोर्ट सीएमआर में भेजी जाएगी.

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