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बीएचयू की पहली "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड" होल्डर नेहा सिंह की सात पुस्तकों का विमोचन

वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा नेहा सिंह के गिनीज सर्टिफिकेट के अनावरण के साथ-साथ लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा लिखी गई सात किताबों का विमोचन कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने किया. नेहा सिंह भगवद्गीता पर आधारित "मोक्ष का पेड़" नामक सबसे बड़ा पेंटिंग बनाकर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा चुकी हैं.

नेहा सिंह, बीएचयू
नेहा सिंह द्वारा लिखित सात पुस्तकों का विमोचन
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Published : Dec 31, 2020, 10:35 AM IST

वाराणसी: बीएचयू के इतिहास में पहली बार "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड" में अपना नाम दर्ज कराने वाली, वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा नेहा सिंह के गिनीज सर्टिफिकेट के अनावरण के साथ-साथ लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा लिखी गयी सात किताबों का विमोचन कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने किया. इस अवसर पर वैदिक विज्ञान केन्द्र के समन्वयक प्रो. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी भी मौजूद रहे.

नेहा सिंह, बीएचयू
नेहा सिंह द्वारा लिखित सात पुस्तकों का विमोचन
बता दें कि बलिया की रहने वाली नेहा सिंह जो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा हैं ने हाल ही में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार भगवद्गीता पर आधारित "मोक्ष का पेड़" नामक सबसे बड़ा पेंटिंग बनाकर अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा चुकी हैं. बलिया के DM हरि प्रताप शाही ने खुद नेहा सिंह के घर जाकर नेहा सिंह को सर्टिफिकेट दिया था.

कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने कहा यदि एक सौ चार वर्ष के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास में बीएचयू के किसी विद्यार्थी ने ऐसा कार्य किया है. तो ये मेरा भी सौभाग्य है कि मेरे कुलपति रहते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का नाम विश्व पटल पर रोशन करने वाले इस ऐतिहसिक पल का साक्षी बनने का अवसर मिला.

नेहा सिंह, बीएचयू
नेहा सिंह द्वारा लिखित सात पुस्तकों का विमोचन

कुलपति ने नेहा सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में भारत की संस्कृति एवं संस्कार के ऊपर इतना कुछ अध्ययन कर पाना तारीफ के काबिल काम है. ललित कला, अध्यात्म एवं संस्कृति को जोड़कर ऐसे कार्य करने में रुचि रखने वाली नेहा सिंह एक विलक्ष्ण एवं अति प्रतिभावान विद्यार्थी हैं. नेहा ने अब तक जितने कार्य किए हैं वह अनेकों नव युवक-युवतियों एवं विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है.

इस अवसर पर नेहा सिंह ने कहा कि ललित कला में निपुणता हासिल करने में अपना मार्गदर्शक काशी विद्यापीठ के सेवा निवृत्त प्रोफेसर मंजुला चतुर्वेदी एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर सुरेश नायर को मानती हैं.

इस अवसर पर नेहा सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के कई कार्यक्रमों में कई बार कुलपति का अति प्रेरणादायक भाषण सुनने का अवसर प्राप्त हुआ था और मन में इच्छा जागृत हुई थी कि कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर के कार्यकाल में ही ऐसे कुछ बड़ा करना है. निरंतर कोशिश से लॉकडाउन के दौरान खाली समय में समय का सदुपयोग करके अपने सपने को पूरा कर पाई.

नेहा सिंह को उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल राजभर ने भी घर पहुंचकर बधाई दी एवं नेहा सिंह को उच्च पद देकर सम्मानित करने का आश्वासन भी दिया. नेहा सिंह को अपने विश्वविद्यालय में प्रेरणा एवं मार्गदर्शन के लिए कई विश्वविद्यालयों से बुलावा भी आ रहा है. नेहा कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में निरंतर ऐसे ही कार्य करते हुए देश का नाम रोशन करना चाहती हैं.

नेहा सिंह सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत फ़ौजी बुटन सिंह एवं कुशल गृहणी मधु सिंह की बेटी हैं.


नेहा सिंह द्वारा लिखित सात किताबों की सूची:

1. राम नाम "शास्त्र" है
2. जीवन दर्शन गीता
3. वैदिक विज्ञान - संक्षिप्त एवं सरल परिचय
4. पंच तत्व एवं महावाक्य
5. 151 उपनिषदों का सारांश
6. आत्म गीतिका (खुद के लिखे कविताओं का संग्रह)
7. दशोपनिषद


पुस्तकों का परिचय:

1. राम नाम शास्त्र है

इस किताब में "राम" शब्द की वैज्ञानिकता एवं प्रभाव के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है. इस किताब को लिखने की प्रेरणा एवं शुभाशंसा ज्योतिषाचार्य चंद्रमौली उपाध्याय जी द्वारा दिया गया है.

2. जीवन दर्शन गीता

भगवद्गीता के ज्ञान को जीवन से जोड़कर एवं अपने दैनंदिन जीवन में अपनाकर जीवन में हर क्षेत्र में उत्तरोत्तर वृद्धि एवं कामयाब कैसे बन सकते हैं, ये बहुत ही सरल भाषा में लिखी गयी है. इस किताब में शुभाशंसा वैदिक विज्ञान केन्द्र के समन्वयक उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी द्वारा दिया गया है.

3. वैदिक विज्ञान - संक्षिप्त एवं सरल परिचय

भारत संस्कृति से जुड़े आध्यात्मिक ज्ञान की वैज्ञानिकता को आम लोगों तक सरल भाषा में पहुंचाने की कोशिश काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान में पढ़ाये गए ज्ञान, अन्य किताबें एवं अनुभवों के आधार पर लिखा गया है. इस किताब में शुभाशंसा आईआईटी के फार्मास्युटिकल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एसके मिश्रा ने किया है.

4. पंच तत्व एवं महावाक्य

हमारे शरीर में पंच तत्वों का विभाजन, उपयोग, रोग निवारण आदि चीजों के बारे में सरल परिचय जाबाल दर्शनोपनिषद के आधार पर किया गया है. साथ में चार वेदों में वर्णित चार महावाक्यों के बारे में भी आम लोगों को समझने के लिए सरल परिचय देने की कोशिश की गई है.

5. 151 उपनिषदों का सारांश
हर एक उपनिषदों में प्रकृति, मनुष्य एवं अपने जीवन से जुड़े किस विषय का ज़िक्र किया गया है, ये बहुत ही संक्षिप्त एवं सरल भाषा में दिया गया है.

6. आत्म गीतिका

अपने इर्द-गिर्द होने वाले दृश्य, अनुभव, सहानुभूति, संवेदनाएं, वेदनाएं आदि भावों से उत्पन्न खुद के लिखे कविताओं को संग्रहित किया गया है. इस किताब में शुभाशंसा शहर के वरिष्ठ फोटोग्राफर एवं थियेटर आर्टिस्ट नारायण द्रविड़ द्वारा लिखा गया है.

7. दशोपनिषद

इसी साल फरवरी में वैदिक विज्ञान केन्द्र से विमोचन किया गया एवं हाल ही में इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया दशोपनिषद का दुनिया का पहला डिजिटल एल्बम का पुस्तक रूपांतरण है.

वाराणसी: बीएचयू के इतिहास में पहली बार "गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड" में अपना नाम दर्ज कराने वाली, वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा नेहा सिंह के गिनीज सर्टिफिकेट के अनावरण के साथ-साथ लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा लिखी गयी सात किताबों का विमोचन कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने किया. इस अवसर पर वैदिक विज्ञान केन्द्र के समन्वयक प्रो. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी भी मौजूद रहे.

नेहा सिंह, बीएचयू
नेहा सिंह द्वारा लिखित सात पुस्तकों का विमोचन
बता दें कि बलिया की रहने वाली नेहा सिंह जो काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केन्द्र की छात्रा हैं ने हाल ही में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार भगवद्गीता पर आधारित "मोक्ष का पेड़" नामक सबसे बड़ा पेंटिंग बनाकर अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा चुकी हैं. बलिया के DM हरि प्रताप शाही ने खुद नेहा सिंह के घर जाकर नेहा सिंह को सर्टिफिकेट दिया था.

कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने कहा यदि एक सौ चार वर्ष के काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के इतिहास में बीएचयू के किसी विद्यार्थी ने ऐसा कार्य किया है. तो ये मेरा भी सौभाग्य है कि मेरे कुलपति रहते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का नाम विश्व पटल पर रोशन करने वाले इस ऐतिहसिक पल का साक्षी बनने का अवसर मिला.

नेहा सिंह, बीएचयू
नेहा सिंह द्वारा लिखित सात पुस्तकों का विमोचन

कुलपति ने नेहा सिंह की प्रशंसा करते हुए कहा कि इतनी कम उम्र में भारत की संस्कृति एवं संस्कार के ऊपर इतना कुछ अध्ययन कर पाना तारीफ के काबिल काम है. ललित कला, अध्यात्म एवं संस्कृति को जोड़कर ऐसे कार्य करने में रुचि रखने वाली नेहा सिंह एक विलक्ष्ण एवं अति प्रतिभावान विद्यार्थी हैं. नेहा ने अब तक जितने कार्य किए हैं वह अनेकों नव युवक-युवतियों एवं विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है.

इस अवसर पर नेहा सिंह ने कहा कि ललित कला में निपुणता हासिल करने में अपना मार्गदर्शक काशी विद्यापीठ के सेवा निवृत्त प्रोफेसर मंजुला चतुर्वेदी एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ललित कला संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर सुरेश नायर को मानती हैं.

इस अवसर पर नेहा सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के कई कार्यक्रमों में कई बार कुलपति का अति प्रेरणादायक भाषण सुनने का अवसर प्राप्त हुआ था और मन में इच्छा जागृत हुई थी कि कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर के कार्यकाल में ही ऐसे कुछ बड़ा करना है. निरंतर कोशिश से लॉकडाउन के दौरान खाली समय में समय का सदुपयोग करके अपने सपने को पूरा कर पाई.

नेहा सिंह को उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल राजभर ने भी घर पहुंचकर बधाई दी एवं नेहा सिंह को उच्च पद देकर सम्मानित करने का आश्वासन भी दिया. नेहा सिंह को अपने विश्वविद्यालय में प्रेरणा एवं मार्गदर्शन के लिए कई विश्वविद्यालयों से बुलावा भी आ रहा है. नेहा कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में निरंतर ऐसे ही कार्य करते हुए देश का नाम रोशन करना चाहती हैं.

नेहा सिंह सीमा सुरक्षा बल में कार्यरत फ़ौजी बुटन सिंह एवं कुशल गृहणी मधु सिंह की बेटी हैं.


नेहा सिंह द्वारा लिखित सात किताबों की सूची:

1. राम नाम "शास्त्र" है
2. जीवन दर्शन गीता
3. वैदिक विज्ञान - संक्षिप्त एवं सरल परिचय
4. पंच तत्व एवं महावाक्य
5. 151 उपनिषदों का सारांश
6. आत्म गीतिका (खुद के लिखे कविताओं का संग्रह)
7. दशोपनिषद


पुस्तकों का परिचय:

1. राम नाम शास्त्र है

इस किताब में "राम" शब्द की वैज्ञानिकता एवं प्रभाव के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है. इस किताब को लिखने की प्रेरणा एवं शुभाशंसा ज्योतिषाचार्य चंद्रमौली उपाध्याय जी द्वारा दिया गया है.

2. जीवन दर्शन गीता

भगवद्गीता के ज्ञान को जीवन से जोड़कर एवं अपने दैनंदिन जीवन में अपनाकर जीवन में हर क्षेत्र में उत्तरोत्तर वृद्धि एवं कामयाब कैसे बन सकते हैं, ये बहुत ही सरल भाषा में लिखी गयी है. इस किताब में शुभाशंसा वैदिक विज्ञान केन्द्र के समन्वयक उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी द्वारा दिया गया है.

3. वैदिक विज्ञान - संक्षिप्त एवं सरल परिचय

भारत संस्कृति से जुड़े आध्यात्मिक ज्ञान की वैज्ञानिकता को आम लोगों तक सरल भाषा में पहुंचाने की कोशिश काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान में पढ़ाये गए ज्ञान, अन्य किताबें एवं अनुभवों के आधार पर लिखा गया है. इस किताब में शुभाशंसा आईआईटी के फार्मास्युटिकल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एसके मिश्रा ने किया है.

4. पंच तत्व एवं महावाक्य

हमारे शरीर में पंच तत्वों का विभाजन, उपयोग, रोग निवारण आदि चीजों के बारे में सरल परिचय जाबाल दर्शनोपनिषद के आधार पर किया गया है. साथ में चार वेदों में वर्णित चार महावाक्यों के बारे में भी आम लोगों को समझने के लिए सरल परिचय देने की कोशिश की गई है.

5. 151 उपनिषदों का सारांश
हर एक उपनिषदों में प्रकृति, मनुष्य एवं अपने जीवन से जुड़े किस विषय का ज़िक्र किया गया है, ये बहुत ही संक्षिप्त एवं सरल भाषा में दिया गया है.

6. आत्म गीतिका

अपने इर्द-गिर्द होने वाले दृश्य, अनुभव, सहानुभूति, संवेदनाएं, वेदनाएं आदि भावों से उत्पन्न खुद के लिखे कविताओं को संग्रहित किया गया है. इस किताब में शुभाशंसा शहर के वरिष्ठ फोटोग्राफर एवं थियेटर आर्टिस्ट नारायण द्रविड़ द्वारा लिखा गया है.

7. दशोपनिषद

इसी साल फरवरी में वैदिक विज्ञान केन्द्र से विमोचन किया गया एवं हाल ही में इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया दशोपनिषद का दुनिया का पहला डिजिटल एल्बम का पुस्तक रूपांतरण है.

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