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BHU Doctors Strike: 5 दिन बाद खत्म हुई डॉक्टरों की हड़ताल, कमेटी ने मानी मांगें, बनेंगे नए नियम - बीएचयू में डॉक्टरों की हड़ताल

वाराणसी में 5 दिन से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल (Doctors Strike End In BHU) समाप्त हो गई है. साथ ही उनकी मांगें भी मान ली गई हैं. डॉक्टर्स अब काम पर लौट रहे हैं. डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सिक्योरिटी गार्डों को बढ़ाया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 26, 2023, 4:33 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में डॉक्टरों से हुई मारपीट के बाद हड़ताल हो गई थी. ये हड़ताल पांच दिनों तक चली. मंगलवार को बैठक के बाद डॉक्टरों ने औपचारिक तौर पर हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया. इस संबंध में सोमवार देर शाम डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के बीच लंबी बातचीत के बाद ये फैसला लिया गया कि इस मामले में जो भी छात्र दोषी रहा होगा, उसे सस्पेंड किया जाएगा. इसके साथ ही उनकी 90 फीसदी मांगों को मान लिया गया. डॉक्टर अब ओपीडी और वार्डों में काम पर लौट रहे हैं.

बता दें कि बीते दिनों इमरजेंसी वार्ड में 5 डॉक्टर्स की पिटाई कर दी गई थी. आरोप था कि बीएचयू के ही कुछ छात्रों नें अपने परिजन के इलाज के लिए डॉक्टर्स पर दबाव बनाया था. इसके बाद वहां पर तैनात डॉक्टर्स और आरोपी छात्रों के बीच विवाद हो गया. इस दौरान छात्रों ने डॉक्टर्स की पिटाई कर दी. इससे डॉक्टर घायल हो गए. इनमें दो महिला डॉक्टर भी थीं. इस मामले के बाद डॉक्टर्स में काफी नाराजगी थी. जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी. इसके बाद उन्होंने सीनियर डॉक्टर्स से भी काम पर न जाने की अपील की. ये हड़ताल करीब 5 दिन तक चली.

छात्र परिजनों और दोस्तों का निशुल्क इलाज नहीं करा सकेंगे

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जांच कमेटी की एक बैठक के बाद डॉक्टर अब OPD और वार्डों में लौट रहे हैं. IMS-BHU के जूनियर रेजीडेंट्स की 90 फीसदी मांगें मान ली गई हैं. डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया है. वहीं, सोमवार देर रात तक कमेटी ने डॉक्टरों को काफी देर तक मनाने की कोशिशें की. जांच कमेटी ने कहा कि जो भी दोषी छात्र होंगे, उनको विश्वविद्यालय से सस्पेंड किया जाएगा. फैसले में कहा गया है कि OPD और वार्ड में हर मरीज के साथ अधिकतम 2 ही अटेंडेंट आ सकेंगे. BHU के छात्र अगर अपने हेल्थ कार्ड पर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों का इलाज कराएंगे तो उन्हें निशुल्क सुविधा नहीं मिल पाएगी.

पुलिस हेल्प डेस्क बनाया जाएगा

कमेटी ने फैसला लिया है कि अगर बीएचयू के छात्र अपने परिजनों या दोस्तों का इलाज कराते हैं तो उनके नोड्यूज के दौरान पैसा काटा जाएगा. इसके साथ ही डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए इमरजेंसी वार्ड, डेंटल, पीडियाट्रिक्स और MCH विंग में सिक्योरिटी वालों को बढ़ाया जाएगा. कमेटी ने माना है कि EOPD के पास पुलिस हेल्प डेस्क बनाया जाएगा. यह काम स्थानीय प्रशासन और लोकल लॉ इंफोर्समेंट अथॉरिटीज के सहयोग से होगा. इसके साथ ही 21 सितंबर से 26 सितंबर तक हड़ताली रेजिडेंट का अटेडेंस और सैलरी नहीं काटी जाएगी.

सिक्योरिटी गार्ड अस्पताल में करेंगे पेट्रोलिंग

हड़ताली डॉक्टर्स की मांगों को मानते हुए ये फैसला लिया गया है कि सिक्योरिटी गार्ड्स हर 4 घंटे में अस्पताल परिसर के अंदर पेट्रोलिंग करेंगे. अस्पताल की OPD और वार्ड में प्रवेश के लिए बायोमीट्रिक लॉक गेट लगाया जाएगा. EOPD में डेडिकेटेड ट्राएज एरिया बनाया जाएगा. सभी OPD में जांच करने वाले 2 स्टाफ रहेंगे, जिनकी शिफ्टवाइज ड्यूटी होगी. अस्पताल के ट्राएज एरिया में मरीजों के भार को संभालने के लिए 15 मेडिकल ऑफिसर लगाए जाएंगे. अस्पताल में आने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए बैरियर्स लगाए जाएंगे.

डॉक्टर्स की इन मांगों को भी माना गया

20 सीनियर रेजीडेंट और 10 नॉन एकेडमिक जूनियर रेजीडेंट की मेडिकल सुप्रीटेंडेंट के अंडर में भर्ती की जाएगी. BHU के स्टाफ और छात्र अब तभी BHU अस्पताल में मरीज दिखा सकेंगे, जब उनके पास विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर द्वारा रेफर पर्चा हो. BHU का हेल्थ कार्ड तभी स्वीकार किया जाए जब उनके पास रेफरल हो. इमरजेंसी वार्ड में हेल्थ कार्ड वालों के पास जीरो बैलेंस रिसीप्ट होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: कानपुर हैलेट अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही, खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने से मरीज की हालत गंभीर

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में डॉक्टरों से हुई मारपीट के बाद हड़ताल हो गई थी. ये हड़ताल पांच दिनों तक चली. मंगलवार को बैठक के बाद डॉक्टरों ने औपचारिक तौर पर हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया. इस संबंध में सोमवार देर शाम डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन के बीच लंबी बातचीत के बाद ये फैसला लिया गया कि इस मामले में जो भी छात्र दोषी रहा होगा, उसे सस्पेंड किया जाएगा. इसके साथ ही उनकी 90 फीसदी मांगों को मान लिया गया. डॉक्टर अब ओपीडी और वार्डों में काम पर लौट रहे हैं.

बता दें कि बीते दिनों इमरजेंसी वार्ड में 5 डॉक्टर्स की पिटाई कर दी गई थी. आरोप था कि बीएचयू के ही कुछ छात्रों नें अपने परिजन के इलाज के लिए डॉक्टर्स पर दबाव बनाया था. इसके बाद वहां पर तैनात डॉक्टर्स और आरोपी छात्रों के बीच विवाद हो गया. इस दौरान छात्रों ने डॉक्टर्स की पिटाई कर दी. इससे डॉक्टर घायल हो गए. इनमें दो महिला डॉक्टर भी थीं. इस मामले के बाद डॉक्टर्स में काफी नाराजगी थी. जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी. इसके बाद उन्होंने सीनियर डॉक्टर्स से भी काम पर न जाने की अपील की. ये हड़ताल करीब 5 दिन तक चली.

छात्र परिजनों और दोस्तों का निशुल्क इलाज नहीं करा सकेंगे

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में जांच कमेटी की एक बैठक के बाद डॉक्टर अब OPD और वार्डों में लौट रहे हैं. IMS-BHU के जूनियर रेजीडेंट्स की 90 फीसदी मांगें मान ली गई हैं. डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया है. वहीं, सोमवार देर रात तक कमेटी ने डॉक्टरों को काफी देर तक मनाने की कोशिशें की. जांच कमेटी ने कहा कि जो भी दोषी छात्र होंगे, उनको विश्वविद्यालय से सस्पेंड किया जाएगा. फैसले में कहा गया है कि OPD और वार्ड में हर मरीज के साथ अधिकतम 2 ही अटेंडेंट आ सकेंगे. BHU के छात्र अगर अपने हेल्थ कार्ड पर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों का इलाज कराएंगे तो उन्हें निशुल्क सुविधा नहीं मिल पाएगी.

पुलिस हेल्प डेस्क बनाया जाएगा

कमेटी ने फैसला लिया है कि अगर बीएचयू के छात्र अपने परिजनों या दोस्तों का इलाज कराते हैं तो उनके नोड्यूज के दौरान पैसा काटा जाएगा. इसके साथ ही डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए इमरजेंसी वार्ड, डेंटल, पीडियाट्रिक्स और MCH विंग में सिक्योरिटी वालों को बढ़ाया जाएगा. कमेटी ने माना है कि EOPD के पास पुलिस हेल्प डेस्क बनाया जाएगा. यह काम स्थानीय प्रशासन और लोकल लॉ इंफोर्समेंट अथॉरिटीज के सहयोग से होगा. इसके साथ ही 21 सितंबर से 26 सितंबर तक हड़ताली रेजिडेंट का अटेडेंस और सैलरी नहीं काटी जाएगी.

सिक्योरिटी गार्ड अस्पताल में करेंगे पेट्रोलिंग

हड़ताली डॉक्टर्स की मांगों को मानते हुए ये फैसला लिया गया है कि सिक्योरिटी गार्ड्स हर 4 घंटे में अस्पताल परिसर के अंदर पेट्रोलिंग करेंगे. अस्पताल की OPD और वार्ड में प्रवेश के लिए बायोमीट्रिक लॉक गेट लगाया जाएगा. EOPD में डेडिकेटेड ट्राएज एरिया बनाया जाएगा. सभी OPD में जांच करने वाले 2 स्टाफ रहेंगे, जिनकी शिफ्टवाइज ड्यूटी होगी. अस्पताल के ट्राएज एरिया में मरीजों के भार को संभालने के लिए 15 मेडिकल ऑफिसर लगाए जाएंगे. अस्पताल में आने वाली भीड़ को मैनेज करने के लिए बैरियर्स लगाए जाएंगे.

डॉक्टर्स की इन मांगों को भी माना गया

20 सीनियर रेजीडेंट और 10 नॉन एकेडमिक जूनियर रेजीडेंट की मेडिकल सुप्रीटेंडेंट के अंडर में भर्ती की जाएगी. BHU के स्टाफ और छात्र अब तभी BHU अस्पताल में मरीज दिखा सकेंगे, जब उनके पास विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर द्वारा रेफर पर्चा हो. BHU का हेल्थ कार्ड तभी स्वीकार किया जाए जब उनके पास रेफरल हो. इमरजेंसी वार्ड में हेल्थ कार्ड वालों के पास जीरो बैलेंस रिसीप्ट होनी चाहिए.

यह भी पढ़ें: कानपुर हैलेट अस्पताल में चिकित्सकों की लापरवाही, खाली ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने से मरीज की हालत गंभीर

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