वाराणसी: अगर किसी नॉर्मल इंसान के पेट में छोटा सा स्टोन भी हो जाता है तो उसकी हालत खराब हो जाती है. वह दर्द के कराहता है, अस्पतालों के चक्कर लगाता रह जाता है. लेकिन, जब एक साल का बच्चा किडनी में 2 सेमी स्टोन से परेशान हो तो कैसे पता चलेगा? एक ऐसा ही मामला बीएचयू से आया है. यहां आए एक साल के मरीज की किडनी में स्टोन था. कई डॉक्टर्स ने उसका ऑपरेशन करने से मना कर दिया था. कुछ डॉक्टर्स ने तो उसे पेट में गैस बोलकर वापस भेज दिया था. लेकिन, बीएचयू के डॉक्टर्स ने कमाल करते हुए एक साल के बच्चे का किडनी स्टोन का ऑपरेशन किया.
बीएचयू के डॉक्टर सर्जरी के लिए हो गए तैयार: चिराग मिश्रा की उम्र महज एक साल है. उसकी किडनी में 2 सेंटीमीटर का स्टोन था. उसके परिवार वालों ने कई अस्पतालों के चक्कर काटे. लेकिन, कहीं से कोई फायदा नहीं मिला. चिराग के माता-पिता बताते हैं कि हम सभी जगहों से हार मानकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के अस्पताल पहुंचे. यहां पर डॉ. ललित अग्रवाल मिले. उन्होंने पूरा मामला समझा. इसके बाद वे दूरबीन से सर्जरी के लिए तैयार हो गए. डॉक्टर्स की टीम तैयार हुई और बच्चे को सर्जरी के लिए ले जाया गया. हमें डर लग रहा था कि कहीं कुछ गलत न हो जाए. लेकिन, सब ठीक रहा. हमारा बच्चा अब ठीक है और खेल-कूद रहा है.
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2 सेमी. के स्टोन को चूरा बनाकर निकाला: इस मामले में डॉ. ललित अग्रवाल ने बताया कि बच्चे का वजन एक साल के बाद भी सात किलो ही था. आम डॉक्टर उसे गैस की समस्या समझ रहे थे. सामान्य तौर पर एक इंसान में 0.5 सेमी का स्टोन हो तो वह दर्द से छटपटाने लगता है. लेकिन, चिराग को 2 सेमी. का किडनी स्टोन था. उसकी हालत बहुत ज्यादा खराब थी. हमने पीडियाट्रिक्स सर्जरी की टीम और इक्विपमेंट्स तैयार किए. बच्चे के मुंह से नली डालकर बेहोश किया. दूरबीन से हमने 3-4 मिलीमीटर की तीन होल बनाया. इसके बाद कैमरे और एक्विपमेंट्स डालकर पहले स्टोन का चूरा बना दिया गया.
2 घंटे में बच्चे को सर्जरी के बाद वार्ड में शिफ्ट किया: डॉ. ललित अग्रवाल ने बताया कि हमने एक नली से स्टोन का चूरा बाहर निकालकर उस जगह को साफ कर लिया. करीब 1 से डेढ़ घंटे में इस सर्जरी की प्रक्रिया पूरी हुई. इसके बाद बच्चे को करीब आधे घंटे तक ऑपरेशन रूम में रखा गया. उसका चेकअप भी किया गया. जरूरी दवाएं दी जाती रहीं. इसके बाद जब उसे धीरे-धीरे होश आने लगा तो उसे माता-पिता के साथ वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. बच्चे को नॉर्मल होने में करीब 8 घंटे लगे. इसके बाद वह खेल-कूद रहा है. हमने उसकी किडनी स्टोन की सफल सर्जरी कर दी है. बच्चा अब बिल्कुल स्वस्थ है. किडनी स्टोन को लेकर बच्चे की न तो पेरेंटल हिस्ट्री है, न जेनेटिक और न ही कोई दूसरी बीमारी पकड़ में आई है.
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