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BHU प्रशासन ने धरने पर बैठे पीएचडी के छात्रों की मानी आधी मांग, फिर भी नहीं खत्म हो सका धरना

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(BHU) में पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए जारी नई नियमावली के खिलाफ अभी भी परीक्षा नियंत्रक कार्यालय के सामने जमे (PhD students sitting on strike) हुए हैं. छात्रों का कहना है कि प्रशासन ने सिर्फ आधी मांगों को मान लिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 4, 2023, 10:45 PM IST

वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में प्रवेश के लिए जारी नई नियमावली के विरोध में छात्र आज दसवें दिन भी धरने पर बैठे रहे. छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना अभी भी जारी है. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की 11 मांगों में से आधी मांगों को मान लिया है, लेकिन कुछ मांगों पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है. छात्रों ने कुलपति और परीक्षा नियंत्रक के साथ बातचीत की है. इस दौरान कुछ मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच तकरार बनी रही. ऐसे में छात्रों ने अभी तक अपना धरना समाप्त नहीं किया है. छात्रों का कहना है कि जब तक सभी मांगें नहीं मान ली जातीं अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. हमें उम्मीद है कि जल्द ही विश्वविद्यालय हमारी बाकी मांगों को लेकर भी सहमत होगा.


कुलपति के निमंत्रण पर एक बैठक में हुई चर्चा: धरने पर बैठे छात्रों ने बताया कि हमारी तरफ से 8 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल विश्वविद्यालय प्रशासन से चर्चा करने गया था. कुलपति के आमंत्रण पर ये छात्र वहां गए. कुलपति प्रो. वीके शुक्ल की अध्यक्षता में कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्र और सहायक परीक्षा नियंता प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह की उपस्थिति में छात्रों की मांगों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान हमने अपने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बात की. हमारी कुछ मांगों को लेकर सहमित बनी है, लेकिन अभी भी कुछ मांगों पर विश्वविद्यालय प्रशासन राजी नहीं हो रहा है. हम अपनी उन मांगों पर अड़े हैं.

इन मांगों पर बनी सहमति, कुछ पर तकरार: छात्रों ने बताया कि पीएचडी प्रवेश में नेट जेआरएफ के नम्बर को जोड़ने, RET में जेआरएफ के 5 अंक को हटाने के साथ साथ 50 नम्बर के टेस्ट B के प्रावधान पर सहमति बनी है. वहीं, वर्ष में दो बार एक्जम्प्टेड कटेगरी का फॉर्म निकालने, एक्जम्प्टेड साक्षात्कार के लिए कॉलिंग, विभागीय सीट निकालने, सम्बद्ध महाविद्यालयों में सीट आदि के मामले में दोनों पक्षों की आपसी सहमति नहीं बन सकी है. मांगों पर चर्चा के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी छात्रों को समझाने और धरना खत्म कराने की कोशिश की, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. छात्र अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.

चीफ प्रॉक्टर ने अपने पद से दिया इस्तीफा: वहीं, विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है. इसमें लिखा है कि चीफ प्रॉक्टर पद से प्रोफेसर अभिमन्यु सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. उनके स्थान पर डिपार्टमेंट ऑफ एग्रोनॉमी, इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस के प्रोफेसर शिव प्रकाश सिंह को चीफ प्रॉक्टर पद पर नियुक्त किया गया है. विश्वविद्यालय द्वारा जारी नोटिस में बताया गया है कि प्रोफेसर शिव प्रकाश सिंह चीफ प्रॉक्टर के साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ एग्रोनॉमी में अपने प्रोफेसर पद का भी पद संभालते रहेंगे.

यह भी पढ़ें: BHU: पीएचडी परीक्षा में धांधली के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना, छात्रों ने बनाया बाटी-चोखा

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वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पीएचडी में प्रवेश के लिए जारी नई नियमावली के विरोध में छात्र आज दसवें दिन भी धरने पर बैठे रहे. छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना अभी भी जारी है. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों की 11 मांगों में से आधी मांगों को मान लिया है, लेकिन कुछ मांगों पर अभी भी सहमति नहीं बन पाई है. छात्रों ने कुलपति और परीक्षा नियंत्रक के साथ बातचीत की है. इस दौरान कुछ मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच तकरार बनी रही. ऐसे में छात्रों ने अभी तक अपना धरना समाप्त नहीं किया है. छात्रों का कहना है कि जब तक सभी मांगें नहीं मान ली जातीं अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. हमें उम्मीद है कि जल्द ही विश्वविद्यालय हमारी बाकी मांगों को लेकर भी सहमत होगा.


कुलपति के निमंत्रण पर एक बैठक में हुई चर्चा: धरने पर बैठे छात्रों ने बताया कि हमारी तरफ से 8 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल विश्वविद्यालय प्रशासन से चर्चा करने गया था. कुलपति के आमंत्रण पर ये छात्र वहां गए. कुलपति प्रो. वीके शुक्ल की अध्यक्षता में कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्र और सहायक परीक्षा नियंता प्रो. ज्ञान प्रकाश सिंह की उपस्थिति में छात्रों की मांगों को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान हमने अपने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बात की. हमारी कुछ मांगों को लेकर सहमित बनी है, लेकिन अभी भी कुछ मांगों पर विश्वविद्यालय प्रशासन राजी नहीं हो रहा है. हम अपनी उन मांगों पर अड़े हैं.

इन मांगों पर बनी सहमति, कुछ पर तकरार: छात्रों ने बताया कि पीएचडी प्रवेश में नेट जेआरएफ के नम्बर को जोड़ने, RET में जेआरएफ के 5 अंक को हटाने के साथ साथ 50 नम्बर के टेस्ट B के प्रावधान पर सहमति बनी है. वहीं, वर्ष में दो बार एक्जम्प्टेड कटेगरी का फॉर्म निकालने, एक्जम्प्टेड साक्षात्कार के लिए कॉलिंग, विभागीय सीट निकालने, सम्बद्ध महाविद्यालयों में सीट आदि के मामले में दोनों पक्षों की आपसी सहमति नहीं बन सकी है. मांगों पर चर्चा के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी छात्रों को समझाने और धरना खत्म कराने की कोशिश की, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. छात्र अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे.

चीफ प्रॉक्टर ने अपने पद से दिया इस्तीफा: वहीं, विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर अभिमन्यु सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से एक नोटिस जारी किया गया है. इसमें लिखा है कि चीफ प्रॉक्टर पद से प्रोफेसर अभिमन्यु सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है. उनके स्थान पर डिपार्टमेंट ऑफ एग्रोनॉमी, इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेस के प्रोफेसर शिव प्रकाश सिंह को चीफ प्रॉक्टर पद पर नियुक्त किया गया है. विश्वविद्यालय द्वारा जारी नोटिस में बताया गया है कि प्रोफेसर शिव प्रकाश सिंह चीफ प्रॉक्टर के साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ एग्रोनॉमी में अपने प्रोफेसर पद का भी पद संभालते रहेंगे.

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