वाराणसीः 25 दिसंबर क्रिसमस डे पर पूरे विश्व में जीसस को याद किया जा रहा है. आस्था की नगरी काशी में भी इस पर्व पर काफी उल्लास का माहौल है. आज हम विश्व भर के अनेक चर्चों के बारे में जानते और सुनते हैं. लेकिन हम काशी के ऐसे चर्च के बारे में आपको बताएंगे, जो काशी के लोगों के साथ-साथ पूर्वांचल और बिहार के लोगों से भी इसका भावनात्मक जुड़ाव है. ये जुड़ाव इसलिए है क्योंकि यहां पर रोज प्रार्थना होती है. वो न तो इंग्लिश में किया जाता है और न ही हिंदी में बल्कि पूर्वांचल और बिहार के लोकल बोली भोजपुरी में किया जाता है.
ये नजारा ही काफी अनोखा होता है. जब जीसस को भोजपुरी माध्यम के प्रार्थनाओं से याद किया जाता है. जिले के महमूरगंज में बेतेल फूल गॉस्पल चर्च है. जिसको भोजपुरी चर्च के नाम से भी लोग जानते हैं. 1986 में इस चर्च का निर्माण हुआ था. लोकल बोली भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए यहां भोजपुरी में प्रार्थना शुरू की गई, जो आज तक निरंतर जारी है. यही वजह है कि बनारस सहित पूर्वांचल और बिहार के लोग चर्च से जुड़े हैं. क्रिसमस डे के मौके पर विभिन्न तरह के सांस्कृतिक गीत और संगीत के कार्यक्रम भी भोजपुरी में होते हैं.
फादर पास्टर एंड्रीयू थॉमस ने बताया ये चर्च सबके लिए खुला है. कोई भी हो किसी भी धर्म संप्रदाय का हो प्रभु के सामने आकर अपनी बात कह सकता है. अपनी तकलीफ रख सकता है. हम यहां पर हिंदी और भोजपुरी दोनों भाषाओं में प्रार्थना करते हैं. प्रभू के वचन सुनते और सुनाते हैं. भारतवासियों के हृदय में भोजपुरी एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखती है. ईश्वर से हम अपनी बात अपने हृदय में रखी हुई भाषा से ही करना चाहते हैं.
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भाई एसपी शर्मा ने बताया चर्च पूर्वांचल के लोगों का है. इससे पूर्वांचल के लोग ज्यादा आते हैं. इसलिए में पूर्वांचल की भाषा भोजपुरी यहां पर बोलते हैं. संगीत वचन सबकुछ भोजपुरी में बोलते हैं. हम अपनी मातृभाषा में यीशु से प्रार्थना करते हैं.
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