वाराणसी: आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) के वॉयस ऑफ हिंद मॉड्यूल के लिए मुस्लिम युवाओं को भर्ती कराने के आरोप में वाराणसी के खजुरी इलाके से गिरफ्तार 12वीं पास बासित कलाम सिद्दीकी से जुड़ी जानकारियां धीरे-धीरे बाहर आने लगी हैं. एनआईए ने बासित को मंगलवार देर रात वाराणसी स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया है. एनआईए की टीम ने उसके पिता और भाई को भी हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया. फिलहाल प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक पकड़ा गया युवक राजस्थान के कोटा से इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था और घर पर ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई को आगे बढ़ा रहा था.
अधिकारिक सूत्र बताते है कि बासित के पिता अब्दुल कलाम सिद्दीकी चंदौली जनपद में हैचरी कारोबारी हैं. अच्छे कारोबारी होने के कारण उन्होंने बासित की पढ़ाई-लिखाई में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी. इंजीनियरिंग की तैयारी करने वाला बासित वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के दौरान आईएसआईएस (ISIS) की विचारधारा से प्रभावित हुआ और ऑनलाइन माध्यम से ही वह इसके बारे में 3 महीने तक गहन अध्ययन किया और फिर उसने उससे जुड़ने का निर्णय लिया.
आईएसआईएस की विचारधारा को फॉलो करने के दौरान ही वह अतिवादी इस्लामी आंदोलन यानी वहाबी आंदोलन से भी प्रभावित हुआ. गैर इस्लामिक रीति-रिवाजों से वह नफरत करने लगा था. वह खुद को अहले-हदीस भी कहता था. बासित का टारगेट हिंदू धर्मस्थलों पर हमला करने के साथ ही गजवा-ए-हिंद को बढ़ावा देना था. माना जा रहा है कि कस्टडी रिमांड में जब बासित से एनआईए पूछताछ करेगी तो वाराणसी से लगायत पूर्वांचल भर में उसके नेटवर्क की थाह लग पाएगी. फिलहाल आज बासित को नई दिल्ली स्थित एनआईए कोर्ट में पेश किया जाएगा.
बासित कलाम सिद्दीकी का 3 मंजिला आलीशान घर वाराणसी में मकबूल आलम रोड स्थित खजुरी इलाके में है. बासित की गतिविधियों पर एनआईए की नजर बीते डेढ़ साल से थी. एनआईए द्वारा 29 जून 2021 को एक मुकदमा दर्ज किया गया था. उसी दौरान तफ्तीश के दौरान यह सामने आया था कि बासित कलाम सिद्दीकी भारत में आईएसआईएस की ओर से कट्टरपंथी युवाओं की भर्ती में सक्रिय रूप से शामिल था. एनआईए द्वारा वॉयस ऑफ हिंद मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने और आईएसजेके के आमिर उमर निसार उर्फ कासिम खुरासानी समेत 6 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रणनीति के तहत एक नई ऑनलाइन पत्रिका वॉयस ऑफ खुरासान के जरिए आईएसआईएस के ऑनलाइन प्रचार को बढ़ावा दिया जा रहा था.
फरवरी 2020 में आईएसआईएस समर्थित मीडिया संगठन अल किताल मीडिया सेंटर और जुंडुल खलीफा अल हिंद ने वॉयस ऑफ हिंद को शुरू किया था. एनआईए ने उस दौरान कहा था कि आईएसआईएस समर्थित इस पत्रिका का प्रकाशन पाकिस्तान और बांग्लादेश से कॉल सेंटर के जैसे दफ्तर से किया जा रहा है. पत्रिका के प्रकाशन के लिए पढ़े-लिखे युवा और अनुवादक रखे गए हैं. वॉयस ऑफ हिंद को इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत के प्रसार के तौर पर देखा जाता है. उसके हिसाब से खुरासान प्रांत की सीमाएं भारत तक फैली हुई हैं. भारत में गजवा-ए-हिंद के कांसेप्ट को भी इस पत्रिका के सहारे बढ़ावा दिया जाता है. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, पत्रिका के अलग-अलग संस्करणों में भारतीय सेना पर हमला करने, दिल्ली के सीएए विरोधी दंगों का बदला लेना, भारतीय मुसलमानों को कोरोना वायरस कैरिअर बनने और हिंदू धर्मस्थलों पर हमले जैसी बातें कही गई थी.
बासित की गिरफ्तारी के बाद एनआईए के साथ ही वाराणसी कमिश्ररेट की पुलिस ने उसके पिता और भाई से भी घंटों अलग-अलग पूछताछ की है. फिलहाल दोनों को छोड़ दिया गया है, लेकिन उन्हें शहर छोड़ कर बाहर जाने से मना किया गया है. कहा गया है कि वह पुलिस का सहयोग करेंगे. वहीं, बासित की गिरफ्तारी के बाद उसके आलीशान मकान में सन्नाटा छाया हुआ है. हालांकि आसपास के लोगों का कहना है कि बासित बहुत ही शांत स्वभाव का लड़का है और पूरे क्षेत्र में जाना जाता था. गौरतलब है कि सीधा-साधा दिखने वाला बासित इतनी बड़ी देश-विरोधी गतिविधि में जुड़ा होगा इसका अंदाजा किसी को नहीं था.
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