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वाराणसी: कोरोना मरीजों के लिए बीएचयू ने लॉन्च किया ऐप, ऐसे करेगा काम

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Published : Jul 22, 2020, 7:54 PM IST

वाराणसी में बीएचयू ने सर्दी जुकाम डॉट कॉम ऐप लॉन्च किया है. यह ऐप कोरोना मरीजों के मनोबल को बढ़ाने और उन्हें सकारात्मक रखने के लिए बनाया गया है.

sardijukam.com app
कार्यक्रम में सर्दी जुकाम डॉट कॉम ऐप का लोकार्पण किया गया

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के न्यूरोलॉजी विभाग में सेवानिवृत्त स्व. आचार्य प्रोफेसर एसके दीक्षित की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में सर्दी जुकाम डॉट कॉम ऐप का लोकार्पण भी किया गया.

ऐसे करेगा काम
इस ऐप की खासियत यह है कि इसके जरिए आपको पता चल सकेगा कि आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आए हैं. इसके अलावा इस ऐप से आप यह भी पता लगा सकते हैं कि आपको इस संक्रमण से कितना खतरा है. मोबाइल ऐप खुलते ही आपको उसमें रजिस्टर करना होगा. इस ऐप के जरिए आप यह भी जान सकते हैं कि क्वारंटाइन में कैसे रहना है और कौन-कौन से व्यायाम करने हैं.

ऐप में बनारसी संस्कृति की दिखेगी झलक
सर्दी जुकाम डॉट कॉम ऐप पर जागरूक फिल्मों के लिंक, प्रेरणा स्रोत गाने और प्रेरणा स्रोत कहानियां भी सुनने को मिलेंगी. विज्ञान के साथ कला और साहित्य के लोगों ने भी इस ऐप को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पद्म श्री राजेश्वर आचार्य ने भी इसके निर्माण में सहयोग किया है.

प्रोफेसर विजय नाथ मिश्रा ने बताया भारत में पहली बार कोई महामारी नहीं देख रहा है. इससे पहले भी तमाम महामारियों ने विकराल रूप लिया है. कोरोना वायरस काल में गनीमत है कि हमारे देश में मृत्यु दर अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम है, लेकिन कोरोना को लेकर भय का माहौल है. ऐसे में हमें अपने आत्मविश्वास को मजबूत रखना है और इसके लिए बचाव जरूरी है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से डर कर नहीं डट कर मुकाबला करें. जितना जरूरी दो गज की दूरी बनाए रखना है, उतना ही जरूरी मास्क लगाना भी है. जब भी कहीं बाहर से आए तो अपने हाथों को अच्छे तरीके से साबुन से धोएं.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल चिकित्सालय के न्यूरोलॉजी विभाग में सेवानिवृत्त स्व. आचार्य प्रोफेसर एसके दीक्षित की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में सर्दी जुकाम डॉट कॉम ऐप का लोकार्पण भी किया गया.

ऐसे करेगा काम
इस ऐप की खासियत यह है कि इसके जरिए आपको पता चल सकेगा कि आप किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आए हैं. इसके अलावा इस ऐप से आप यह भी पता लगा सकते हैं कि आपको इस संक्रमण से कितना खतरा है. मोबाइल ऐप खुलते ही आपको उसमें रजिस्टर करना होगा. इस ऐप के जरिए आप यह भी जान सकते हैं कि क्वारंटाइन में कैसे रहना है और कौन-कौन से व्यायाम करने हैं.

ऐप में बनारसी संस्कृति की दिखेगी झलक
सर्दी जुकाम डॉट कॉम ऐप पर जागरूक फिल्मों के लिंक, प्रेरणा स्रोत गाने और प्रेरणा स्रोत कहानियां भी सुनने को मिलेंगी. विज्ञान के साथ कला और साहित्य के लोगों ने भी इस ऐप को बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. पद्म श्री राजेश्वर आचार्य ने भी इसके निर्माण में सहयोग किया है.

प्रोफेसर विजय नाथ मिश्रा ने बताया भारत में पहली बार कोई महामारी नहीं देख रहा है. इससे पहले भी तमाम महामारियों ने विकराल रूप लिया है. कोरोना वायरस काल में गनीमत है कि हमारे देश में मृत्यु दर अन्य देशों की अपेक्षा बहुत कम है, लेकिन कोरोना को लेकर भय का माहौल है. ऐसे में हमें अपने आत्मविश्वास को मजबूत रखना है और इसके लिए बचाव जरूरी है.

उन्होंने कहा कि कोविड-19 से डर कर नहीं डट कर मुकाबला करें. जितना जरूरी दो गज की दूरी बनाए रखना है, उतना ही जरूरी मास्क लगाना भी है. जब भी कहीं बाहर से आए तो अपने हाथों को अच्छे तरीके से साबुन से धोएं.

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