वाराणसीः तीन अलग-अलग मामलों में पूर्व विधायक अजय राय (former mla ajay rai) को जमानत (bail) मिल गई है. 2017 व 2020 के अलग-अलग मुकदमों में उन्होंने गुरुवार को आत्मसमर्पण किया. उन्हें 25 हजार के बंध पत्र पर जमानत मिली.
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमपी-एमएलए कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने पूर्व विधायक अजय राय को तीन अलग-अलग मामलों में 25-25 हजार रुपए की दो जमानतें एवं बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया. इसके पहले पूर्व विधायक अजय राय ने अदालत में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी. अदालत में बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव व अधिवक्ता विकास सिंह ने पक्ष रखा.
इन तीन मामलों में किया समर्पण
1.पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ बड़ागांव थाने में 22 फरवरी 2017 को बड़ागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. आरोप था कि तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय बाबतपुर-कपसेठी मार्ग पर 20-25 मोटर साइकिल पर 40-50 लोगों के साथ बिना परमिशन जनसभा करने पहुंचे थे.परमिशन का कागज मांगने पर नहीं दिखाया और वहां से सभी लोग फरार हो गए.
2. एक जुलाई 2017 को चेतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. आरोप था कि पूर्व विधायक अपने समर्थकों के साथ लहुराबीर चौराहे पर सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे थे. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंकने का प्रयास कर रहे थे. पुलिस ने मना किया तो पुलिस टीम से उलझ गए.
3. सिगरा थाने में भी 17 सितम्बर 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.आरोप था की कांग्रेस के कार्यकर्ता व एनएसयूआई के कार्यकर्ता सैकड़ो की संख्या में सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए भारत माता मंदिर परिसर की ओर आ रहे थे.इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था के तहत मौके पर पहुंची पुलिस ने जब उन्हें रोकने और परमिशन न होने का हवाला दिया तो वह लोग उग्र हो गए और पुलिस टीम से उलझने का प्रयास करने लगे.
इन तीनो मामलों में अजय राय के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. इस पर अजय राय ने अपने अधिवक्ताओं के साथ कोर्ट में समर्पण कर जमानत के लिए अर्जी दी थी.
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