वाराणसी: अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन पंचम मीनाक्षी बंसल की अदालत ने दहेज न देने पर विवाहिता को प्रताड़ित करने और एक तांत्रिक से दुराचार कराने के मामले में पति, सास ससुर, दो जेठ व दो जेठानियों की जमानत अर्जी ख़ारिज करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है. वहीं, जमानत अर्जी का विरोध सहायक अभियोजन अधिकारी विजेता सिंह ने किया था.
सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था. इस मामले में बीती 14 मई को भदोही में पति समेत अन्य के खिलाफ कपसेठी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप था कि दहेज में दो लाख नहीं देने पर महिला को प्रताड़ित किया गया. इसके बाद तांत्रिक को बुलाकर विवाहिता के साथ दुराचार कराया गया.
किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद
एक अन्य मामले में विशेष न्यायाधीश द्वितीय (पॉक्सो एक्ट) अनुभव द्विवेदी की अदालत ने बहला-फुसलाकर किशोरी को भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में अभियुक्त रवि कुमार पांडेय को दोषी करार दिया है. अदालत ने उसे 20 साल के सश्रम कारावास और दस हजार रुपया जुर्माने की सजा सुनाई. वहीं, जुर्माना न देने पर अभियुक्त को दो माह अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी संतोष कुमार सिंह ने पक्ष रखा.
अभियोजन पक्ष के अनुसार मोतिहारी (बिहार) का अभियुक्त रवि कुमार पांडेय छह दिसंबर 2019 को मंडुवाडीह थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी को बहला फुसलाकर भगा ले गया था. घटना के एक माह बाद पुलिस ने दोनों को जंघई से गिरफ्तार किया. इस दौरान अभियुक्त ने उसके साथ दुष्कर्म किया था. पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल जांच कराने के साथ अदालत में उसका कलमबंद बयान दर्ज कराया था.