वाराणसी : हर वर्ष की भांति इस बार भी बसंत पंचमी के पर्व पर बाबा काशी विश्वनाथ के तिलकोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस बाबत महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास पर बाबा की रजत प्रतिमा पहुंची. धार्मिक परंपराओं के अनुसार 356 वर्ष पुरानी तिलक की रस्म में पहुंचने वाली बाबा की पंचबदन रजत प्रतिमा को रस्म अदायगी के लाया गया. इन प्रतिमा को पूजन के लिए महंत परिवार को सौंपा गया. बसंत पंचमी के दिन बाबा का श्रृंगार किया जाएगा, जिसमें नगर के साहित्यकार, उद्यमी और अन्य गणमान्य नागरिक देवी पार्वती के मायके वालों की भूमिका का निर्वहन करेंगे.
बाबा का होगा तिलकोत्सव
बसंत पंचमी के पावन पर्व पर बाबा काशी विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा को तिलक की रस्म के लिए दूल्हे के रूप सजाया जाएगा. हर वर्ष महंत परिवार के द्वारा इस रस्म को निभाने की परम्परा है. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से विभिन्न धार्मिक आयोजनों पर इस प्रतिमा को महंत परिवार को देने की परंपरा है. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखिलेन्द्र मिश्रा, पीआरओ पुनीत धवन और चौक, दशाश्वमेध और ज्ञानवापी की सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के बीच इस रजत प्रतिमा को डॉ कुलपति तिवारी के बड़े पुत्र वाचस्पति तिवारी को सुपुर्द किया गया.
इसी रजत प्रतिमा के लिए महंत ने किया था अनशन
बता दें कि पिछले कुछ दिनों पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बिना उनकी जानकारी में बाबा की पंचबदन प्रतिमा को हटाए जाने को लेकर आमरण अनशन किया था, जिसके लिए शहर के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अहम भूमिका निभाते हुए अनशन को समाप्त करवाया था. दीपक अग्रवाल ने उन्हें इस बात का भरोसा दिलाया था कि उनके साथ न्याय किया जाएगा. फिलहाल डॉ कुलपति तिवारी के परिवार में गमी पड़ने के कारण वो इस आयोजन में हिस्सा नही लेंगे मगर पांच वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा उनका प्रतिनिधित्व किया जाएगा. ये ब्राह्मण समस्त धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण करेंगे.
बसंत पंचमी पर महादेव का होगा तिलकोत्सव, रजत प्रतिमा पहुंची महंत आवास - बाबा काशी विश्वनाथ
बसंत पंचमी पर हर साल की भांति इस बार भी काशी विश्वनाथ महादेव का तिलकोत्सव होगा. इसके लिए रजत प्रतिमा महंत आवास पहुंच चुकी है.
वाराणसी : हर वर्ष की भांति इस बार भी बसंत पंचमी के पर्व पर बाबा काशी विश्वनाथ के तिलकोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस बाबत महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास पर बाबा की रजत प्रतिमा पहुंची. धार्मिक परंपराओं के अनुसार 356 वर्ष पुरानी तिलक की रस्म में पहुंचने वाली बाबा की पंचबदन रजत प्रतिमा को रस्म अदायगी के लाया गया. इन प्रतिमा को पूजन के लिए महंत परिवार को सौंपा गया. बसंत पंचमी के दिन बाबा का श्रृंगार किया जाएगा, जिसमें नगर के साहित्यकार, उद्यमी और अन्य गणमान्य नागरिक देवी पार्वती के मायके वालों की भूमिका का निर्वहन करेंगे.
बाबा का होगा तिलकोत्सव
बसंत पंचमी के पावन पर्व पर बाबा काशी विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा को तिलक की रस्म के लिए दूल्हे के रूप सजाया जाएगा. हर वर्ष महंत परिवार के द्वारा इस रस्म को निभाने की परम्परा है. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से विभिन्न धार्मिक आयोजनों पर इस प्रतिमा को महंत परिवार को देने की परंपरा है. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से मन्दिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखिलेन्द्र मिश्रा, पीआरओ पुनीत धवन और चौक, दशाश्वमेध और ज्ञानवापी की सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों के बीच इस रजत प्रतिमा को डॉ कुलपति तिवारी के बड़े पुत्र वाचस्पति तिवारी को सुपुर्द किया गया.
इसी रजत प्रतिमा के लिए महंत ने किया था अनशन
बता दें कि पिछले कुछ दिनों पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी ने बिना उनकी जानकारी में बाबा की पंचबदन प्रतिमा को हटाए जाने को लेकर आमरण अनशन किया था, जिसके लिए शहर के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने अहम भूमिका निभाते हुए अनशन को समाप्त करवाया था. दीपक अग्रवाल ने उन्हें इस बात का भरोसा दिलाया था कि उनके साथ न्याय किया जाएगा. फिलहाल डॉ कुलपति तिवारी के परिवार में गमी पड़ने के कारण वो इस आयोजन में हिस्सा नही लेंगे मगर पांच वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा उनका प्रतिनिधित्व किया जाएगा. ये ब्राह्मण समस्त धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण करेंगे.