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वाराणसी: इस थाने में थानेदार की कुर्सी पर विराजित हैं बाबा काल भैरव

काशी के मैदागिन क्षेत्र में स्थित कोतवाली में स्वयं थाना प्रभारी के रूप में कुर्सी पर बाबा काल भैरव विराजते हैं. भैरवनाथ क्षेत्र में पड़ने वाले कोतवाली में थाना इंचार्ज की कुर्सी पर बाबा काल भैरव की तस्वीर रखी रहती है. कहा जाता है कि तस्वीर हटाने पर कोई गंभीर घटना घटित हो जाती है.

इस थाने में थानेदार की कुर्सी पर विराजित हैं बाबा काल भैरव
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Published : Apr 9, 2019, 10:50 AM IST

वाराणसी: महादेव की नगरी काशी में बहुत से ऐसे रहस्य हैं, जिनके बारे में शायद ही बहुत से लोगों को पता है. यहां की गलियां, पौराणिक मंदिरों के निर्माण के साथ उनमें मौजूद विग्रह की उत्पत्ति की कहानी सदियों पुरानी है. ऐसी ही एक अद्भुत और अलग कहानी है काशी के मैदागिन क्षेत्र में स्थित कोतवाली थाने की. यह थाना बिल्कुल आम थाने की तरह है. यहां थाना प्रभारी के रूप में कुर्सी पर बैठकर चार्ज संभालने वाला कोई पुलिस वाला नहीं, बल्कि काशी को चलाने वाले यहां के कोतवाल बाबा काल भैरव विराजते हैं.

थानेदार की कुर्सी पर विराजित हैं बाबा काल भैरव

ऐसी मान्यता है कि देवाधिदेव महादेव की इस नगरी को संचालित करने की जिम्मेदारी भगवान शंकर ने अपने स्वरूप काल भैरव को दे रखी है. यही वजह है कि कहा जाता है कि काशी के कोतवाल काल भैरव की मर्जी के बिना न कोई काशी में आ सकता है और न कोई काशी से जा सकता है. यही वजह है कि बनारस आने वाला कोई बड़ा राजनेता, पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी काशी में चार्ज लेने से पहले बाबा काल भैरव के दर पर पहुंच कर उन्हें नमन करना नहीं भूलता है. भैरवनाथ क्षेत्र में पड़ने वाले कोतवाली थाने के मुख्य थाना इंचार्ज की कुर्सी पर बाबा काल भैरव की तस्वीर रखी रहती है. थाना प्रभारी शरद चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि बाबा काल भैरव ही इस थाने का संचालन करते हैं.


उनका कहना है कि काफी लंबे वक्त से बाबा काल भैरव की तस्वीर मुख्य थाना प्रभारी की कुर्सी पर रहती है. जो भी थाना प्रभारी आता है वह बाबा की कुर्सी के बगल में दूसरी कुर्सी पर बैठता है. थाना प्रभारी का कहना है कि यह सच है की बाबा की तस्वीर को थाना प्रभारी की कुर्सी पर रखने के बाद क्षेत्र में क्राइम कंट्रोल हुआ है. यदि कोई थाना प्रभारी उनकी तस्वीर को मुख्य कुर्सी से हटाने की कोशिश करता है तो कोई ऐसा गंभीर अपराध घटित हो जाता है, जिसका जवाब देते नहीं बनता. इस वजह से यहां पर चार्ज लेने वाला कोई भी थानेदार बाबा काल भैरव की तस्वीर को इस कुर्सी से नहीं हटाता.

परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार काशी के कोतवाल काल भैरव पूरे काशी के संचालन की जिम्मेदारी संभालते हैं. काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है काफी वक्त पहले एक थानेदार द्वारा यह नवीन प्रयास किया गया और बाबा काल भैरव की तस्वीर को मुख्य थाना प्रभारी की कुर्सी पर रखा गया. इसके बाद से क्षेत्र में शांति बनी हुई है. इतना ही नहीं पूरे थाने के बाहर दीवारों पर बाबा काल भैरव का नाम भी लिखा हुआ है. फरियादियों के लिए जो नई जगह बनाकर जनसुनवाई की जाती है, वहां लगने वाले शिलापट्ट पर भी एसएसपी से पहले बाबा काल भैरव का नाम लिखवाया गया है. यह पहला थाना है, जहां पर थाना इंचार्ज की भूमिका में स्वयं शिवस्वरूप काल भैरव विराजते हैं.

वाराणसी: महादेव की नगरी काशी में बहुत से ऐसे रहस्य हैं, जिनके बारे में शायद ही बहुत से लोगों को पता है. यहां की गलियां, पौराणिक मंदिरों के निर्माण के साथ उनमें मौजूद विग्रह की उत्पत्ति की कहानी सदियों पुरानी है. ऐसी ही एक अद्भुत और अलग कहानी है काशी के मैदागिन क्षेत्र में स्थित कोतवाली थाने की. यह थाना बिल्कुल आम थाने की तरह है. यहां थाना प्रभारी के रूप में कुर्सी पर बैठकर चार्ज संभालने वाला कोई पुलिस वाला नहीं, बल्कि काशी को चलाने वाले यहां के कोतवाल बाबा काल भैरव विराजते हैं.

थानेदार की कुर्सी पर विराजित हैं बाबा काल भैरव

ऐसी मान्यता है कि देवाधिदेव महादेव की इस नगरी को संचालित करने की जिम्मेदारी भगवान शंकर ने अपने स्वरूप काल भैरव को दे रखी है. यही वजह है कि कहा जाता है कि काशी के कोतवाल काल भैरव की मर्जी के बिना न कोई काशी में आ सकता है और न कोई काशी से जा सकता है. यही वजह है कि बनारस आने वाला कोई बड़ा राजनेता, पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी काशी में चार्ज लेने से पहले बाबा काल भैरव के दर पर पहुंच कर उन्हें नमन करना नहीं भूलता है. भैरवनाथ क्षेत्र में पड़ने वाले कोतवाली थाने के मुख्य थाना इंचार्ज की कुर्सी पर बाबा काल भैरव की तस्वीर रखी रहती है. थाना प्रभारी शरद चंद्र त्रिपाठी का कहना है कि बाबा काल भैरव ही इस थाने का संचालन करते हैं.


उनका कहना है कि काफी लंबे वक्त से बाबा काल भैरव की तस्वीर मुख्य थाना प्रभारी की कुर्सी पर रहती है. जो भी थाना प्रभारी आता है वह बाबा की कुर्सी के बगल में दूसरी कुर्सी पर बैठता है. थाना प्रभारी का कहना है कि यह सच है की बाबा की तस्वीर को थाना प्रभारी की कुर्सी पर रखने के बाद क्षेत्र में क्राइम कंट्रोल हुआ है. यदि कोई थाना प्रभारी उनकी तस्वीर को मुख्य कुर्सी से हटाने की कोशिश करता है तो कोई ऐसा गंभीर अपराध घटित हो जाता है, जिसका जवाब देते नहीं बनता. इस वजह से यहां पर चार्ज लेने वाला कोई भी थानेदार बाबा काल भैरव की तस्वीर को इस कुर्सी से नहीं हटाता.

परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार काशी के कोतवाल काल भैरव पूरे काशी के संचालन की जिम्मेदारी संभालते हैं. काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है काफी वक्त पहले एक थानेदार द्वारा यह नवीन प्रयास किया गया और बाबा काल भैरव की तस्वीर को मुख्य थाना प्रभारी की कुर्सी पर रखा गया. इसके बाद से क्षेत्र में शांति बनी हुई है. इतना ही नहीं पूरे थाने के बाहर दीवारों पर बाबा काल भैरव का नाम भी लिखा हुआ है. फरियादियों के लिए जो नई जगह बनाकर जनसुनवाई की जाती है, वहां लगने वाले शिलापट्ट पर भी एसएसपी से पहले बाबा काल भैरव का नाम लिखवाया गया है. यह पहला थाना है, जहां पर थाना इंचार्ज की भूमिका में स्वयं शिवस्वरूप काल भैरव विराजते हैं.

Intro:स्पेशल स्टोरी:

वाराणसी: देवा दी देव महादेव की नगरी काशी जहां बहुत से ऐसे रहस्य हैं जिनके बारे में शायद ही बहुत से लोगों को पता है यहां के मंदिर यहां की गलियां पौराणिक मंदिरों के निर्माण के साथ उनमें मौजूद विग्रह की उत्पत्ति की कहानी सदियों पुरानी है और ऐसी ही एक अद्भुत और अलग कहानी है काशी के मैदागिन क्षेत्र में स्थित कोतवाली थाने की जी हां यह थाना है तो बिल्कुल आम थाने की तरह लेकिन जब आप यहां प्रवेश करेंगे और पहुंचेंगे इस थाने के प्रभारी के कक्ष में तो हो सकता है आपको शॉक लगे शॉक इसलिए क्योंकि यहां पर थाना प्रभारी के रूप में कुर्सी पर बैठकर चार्ज संभालने वाला कोई थानेदार यह पुलिस वाला नहीं बल्कि काशी को चलाने वाले यहां के कोतवाल बाबा काल भैरव विराजते हैं विश्वास नहीं होता ना तो खुद देख लीजिए बनारस के कोतवाली थाने में थाना प्रभारी की कुर्सी पर विराजे शंकर के स्वरूप काल भैरव के इस थाने के चार्ज की यह खास स्टोरी.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 दरअसल बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी भोले नाथ को अति प्रिय है और ऐसी मान्यता है कि देवाधिदेव महादेव की इस नगरी को संचालन करने की जिम्मेदारी भगवान शंकर ने अपने स्वरूप काल भैरव को दे रखी है. यही वजह है कि कहा जाता है कि काशी के कोतवाल काल भैरव की मर्जी के बिना ना कोई काशी में आ सकता है और ना कोई काशी से जा सकता है जिसकी वजह से बनारस आने वाला चाहे कोई बड़ा राजनेता हो या फिर पुलिस या प्रशासनिक अधिकारी वह काशी में चार्ज लेने से पहले बाबा काल भैरव के दर पर पहुंच कर उन्हें नमन करना नहीं भूलता है और अगर बात बाबा काल भैरव के क्षेत्र में पड़ने वाले थाने की हो तो कोई भी पुलिसकर्मी यह हिमाकत कैसे कर सकता है कि कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के क्षेत्र में पड़ने वाले थाने की कमान वह खुद संभाल है. शायद यही वजह है कि भैरवनाथ क्षेत्र में पड़ने वाले कोतवाली थाने के मुख्य थाना इंचार्ज की कुर्सी पर बाबा काल भैरव की तस्वीर रखी रहती है. आश्चर्य की बात तो यह है कि इस थाने में मौजूद थाना प्रभारी शरद चंद्र त्रिपाठी इस बात को खुद स्वीकार कर रहे हैं कि बाबा काल भैरव ही इस थाने का संचालन करते हैं उनका कहना है कि काफी लंबे वक्त से बाबा काल भैरव की तस्वीर मुख्य थाना प्रभारी की कुर्सी पर रहती है और जो भी थाना प्रभारी आता है वह बाबा की कुर्सी के बगल में दूसरी कुर्सी पर बैठता है थाना प्रभारी का कहना है जी यह सच है की बाबा की तस्वीर को थाना प्रभारी की कुर्सी पर रखने के बाद क्षेत्र में क्राइम कंट्रोल जबरदस्त तरीके से हुआ है, लेकिन यदि कोई थाना प्रभारी उनकी तस्वीर को मुख्य कुर्सी से हटाने की कोशिश करता है तो कोई ऐसा गंभीर अपराध घटित हो जाता है जिसकी जवाब दे ही देते नहीं बनती इस वजह से यहां पर चार्ज लेने वाला कोई भी थानेदार बाबा काल भैरव की तस्वीर को इस कुर्सी से नहीं हटाता.

बाईट- शरदचंद्र त्रिपाठी, थाना प्रभारी, कोतवाली थाना


Conclusion:वीओ-02 परंपराओं और मान्यताओं की मानें तो काशी के कोतवाल काल भैरव पूरे काशी के संचालन की जिम्मेदारी संभालते हैं काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है प्लीज काफी वक्त पहले एक थानेदार द्वारा यह नवीन प्रयास किया गया और बाबा काल भैरव की तस्वीर को हा मुख्य थाना प्रभारी की कुर्सी पर रख लिया गया, जिसके बाद क्षेत्र में शांति बनी हुई है कोई भी थानेदार उस तस्वीर को मुख्य कुर्सी से हटाने की हिम्मत नहीं करता है. इतना ही नहीं पूरे थाने के बाहर दीवारों पर बाबा काल भैरव का नाम भी लिखा हुआ है. फरियादियों के लिए जो नई जगह बनाकर जनसुनवाई की जाती है, वहां लगने वाले शिलापट्ट पर भी एसएसपी से पहले बाबा काल भैरव का नाम लिखवाया गया है. निश्चित है कि यह अपने आप में पहला थाना होगा जहां पर थाना इंचार्ज की भूमिका में स्वयं शिवस्वरूप काल भैरव विराजते हैं.

बाईट- नवीन गिरी, महंत काल भैरव मंदिर

क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र

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