वाराणसी: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए महाकाल बाबा काल भैरव विराजमान हैं. कोविड-19 की वजह से 20 मार्च के बाद से बाबा काल भैरव का मंदिर भक्तों के लिए बंद हो गया था. 141 दिनों के बाद मंदिर प्रशासन ने आम भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर को खोल दिया. जिसके बाद मंदिर में दर्शन पूजन शुरू हो गया है.
काशी के हैं कोतवाल
काशी में कोतवाल की भूमिका में बाबा काल भैरव विराजमान है. विश्वनाथ की नगरी में सब कुछ काल भैरव के ही हाथ में है. भक्त भी बाबा काल भैरव का दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि यदि काशी यात्रा पर आए और काल भैरव का दर्शन नहीं किया तो काशी यात्रा अधूरी होती है. कोरोना महामारी की वजह से141 दिनों से काशी आने वाले लोगों को सिर्फ बाबा के दरवाजे पर ही माथा टेकने का मौका मिल रहा था.
कोरोना की वजह से था बंद
अब लॉकडाउन और कोरोना की वजह से 22 मार्च के बाद 141 दिन बीतने पर काशी के कोतवाल कहे जाने वाले बाबा कालभैरव का मंदिर आम भक्तों के लिए खोल दिया गया. हालांकि मंदिर में कोरोना दिशा-निर्देशों के तहत ही भक्तों का प्रवेश कराया जा रहा है.
मंदिर के महंत नवीन गिरि ने बताया कि शुक्रवार सुबह मंगला आरती के बाद राम भक्तों के लिए मंदिर खुला और दर्शन पूजन का क्रम जारी है. सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजेशन के साथ ही एक बार में सिर्फ पांच लोगों को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि काल भैरव का दरबार खुलने के बाद अब काशी के साथ पूरे देश में इस महामारी के खत्म होने की शुरुआत होगी.