वाराणसी: आइसक्रीम जिसका नाम सुनते ही सब के मुंह में पानी आ जाता है. बच्चे-बूढ़े सब इसे खाना चाहते हैं, लेकिन कभी मौसम के कारण तो कभी बीमारी के डर से बच्चों को अक्सर इसे खाने से रोका जाता है. काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने ऐसी हर्बल आइसक्रीम तैयार की है, जिसे खाने से सेहत खराब नहीं होगी, बल्कि शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी. आइसक्रीम में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट बच्चों को कई प्रकार की बीमारियों से भी महफूज रखेगा.
नई तरीके की बनाई जा रही आइसक्रीम
बीएचयू के दूध विज्ञान एवं खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग में फंक्शन फूड के रूप में औद्योगिक गुणों वाला श्रीखंड भी तैयार हो रहा है. यह पहल स्टार्टअप में रुचि रखने वाले उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए हुई है. दूध विज्ञान एवं खाद रसद विभाग फंक्शनल फूड बनाने का प्रशिक्षण भी देगा.
तुलसी, मुलेठी, अश्वगंधा और सौंफ से बनाई आइसक्रीम
यह आइसक्रीम पूरी तरीके से हर्बल है. इसमें तुलसी, मुलेठी, अश्वगंधा और सौंफ का मिश्रण है, जिसे खाने से ही आपको लगेगा कि आप आइसक्रीम नहीं, बल्कि कोई आयुर्वेदिक दवा खा रहे हैं. हालांकि इसका स्वाद भी बेहतरीन है. आइसक्रीम की चार फ्लेवर विकसित की गई है, जिनमें तुलसी शॉप, मुलेठी का अलग-अलग और फिर तीनों को मिलाकर एक नया फ्लेवर मिलेगा. आइसक्रीम को पूरी तरह दूध से लेकर मलाई शॉप तक की सारी चीजें बीएचयू में ही तैयार किया जा रहा है.
सौंफ की आइसक्रीम ज्यादा की जा रही पसंद
प्रोफेसर दिनेश चंद्र राय ने बताया कि वह ऐसा फूड बनाना चाहते हैं, जिसमें फूड के साथ-साथ औषधीय गुण हो. इसके तहत ही आइसक्रीम बनाया गया है. इसमें कुछ न कुछ औषधि के गुण हैं. आइसक्रीम में सौंफ डाला गया है, तुलसी डाली गई है और मुलेठी भी डाली गई है. तीनों को अलग-अलग डालकर भी फ्लेवर बनाया गया है. तीनों को मिलाकर भी एक क्रीम का फ्लेवर बनाया है. सबसे ज्यादा हमारी आइसक्रीम जो पसंद की जा रही है वह सौंफ वाली आइसक्रीम है. क्योंकि इसमें हल्का हरापन है और उसके साथ ही जो बनारस की ठंडई है उसका फ्लेवर आइसक्रीम में आ रहा है.
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