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पुण्यतिथि विशेष: अटल जी ने बनारस के इस विधायक का नाम रखा था 'आपातकाल'

उत्तर प्रदेश के वाराणसी से भी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी का बड़ा नाता जुड़ा है. अटल बिहारी वाजपेयी जी की पहली पुण्य तिथि पर कैंट विधानसभा के विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कुछ यादें साझा की.

अटल बिहारी वाजपेयी
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Published : Aug 16, 2019, 5:23 PM IST

वाराणसी : शुक्रवार को देश भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि मना रहा है. 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में देश के इस महान व्यक्तित्व ने अंतिम सांस ली थी. पूरे देश में उनकी स्मृतियां आज भी लोगों के दिलों में बसती हैं.

वाराणसी से रहा था बड़ा लगाव -

देश की सबसे प्राचीन नगरी बनारस से भी अटल बिहारी जी का काफी लगाव था. जनसंघ की स्थापना से लेकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना तक कई बार अटल बिहारी काशी आए . उन्होंने काशी में प्रवास किया ऐसे में काशी के साथ उनकी बहुत सी स्मृतियां जुड़ी हैं. काशी प्रवास के दौरान एक छोटे बालक का नाम अटल बिहारी वाजपेयी ने आपातकाल रखा था. वह बालक कोई और नहीं बल्कि पूर्व मंत्री स्व. डॉ हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के पुत्र सौरभ श्रीवास्तव थे जो आज कैंट विधानसभा से विधायक हैं.

अटल जी पुण्यतिथि विशेष.

इसे भी पढें : पुण्यतिथि विशेष: जब अटल जी ने कार्यकर्ता से कहा तुमने नहीं दी मेरी 'मजदूरी'

अटल जी की स्मृति को याद कर नम हुई आंखे -

अटल जी की पुण्य तिथि पर उनको याद करते हुए भारतीय जनता पार्टी के कैंट विधायक ने ईटीवी से खास बातचीत में अटल जी से जुड़ी स्मृतियां बताई. उन्होंने बताया कि जनसंघ के समय से अटल बिहारी बाजपेयी और हमारे पिता हरीश श्रीवास्तव जी एक दूसरे के साथ काम करते थे. आपातकाल के समय उन्होंने कहा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब कहीं अंधेरा नहीं रहेगा, जनसंघ जैसा दीप उस अंधेरे को भगा देगा. उन्होंने बताया कि आपातकाल के दौरान उनका जन्म हुआ था और कुछ महीने के बाद उनके घर में कुर्की कर दी गई थी. करीब ढाई वर्षों के बाद जब आपातकाल समाप्त हुआ और अटल जी ने मुझे अपनी गोद में लिया और हंसते हुए मेरा नाम आपातकाल रख दिया. वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में जब मेरी मुलाकात बड़े नेताओं से होती थी तो वे अटल जी के द्वारा दिए गए आपातकाल के नाम से ही मुझे बुलाते थे. उनका दिया हुआ नाम मेरे लिए आशीर्वाद था.

वाराणसी : शुक्रवार को देश भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी की आज पहली पुण्यतिथि मना रहा है. 16 अगस्त 2018 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में देश के इस महान व्यक्तित्व ने अंतिम सांस ली थी. पूरे देश में उनकी स्मृतियां आज भी लोगों के दिलों में बसती हैं.

वाराणसी से रहा था बड़ा लगाव -

देश की सबसे प्राचीन नगरी बनारस से भी अटल बिहारी जी का काफी लगाव था. जनसंघ की स्थापना से लेकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना तक कई बार अटल बिहारी काशी आए . उन्होंने काशी में प्रवास किया ऐसे में काशी के साथ उनकी बहुत सी स्मृतियां जुड़ी हैं. काशी प्रवास के दौरान एक छोटे बालक का नाम अटल बिहारी वाजपेयी ने आपातकाल रखा था. वह बालक कोई और नहीं बल्कि पूर्व मंत्री स्व. डॉ हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के पुत्र सौरभ श्रीवास्तव थे जो आज कैंट विधानसभा से विधायक हैं.

अटल जी पुण्यतिथि विशेष.

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अटल जी की स्मृति को याद कर नम हुई आंखे -

अटल जी की पुण्य तिथि पर उनको याद करते हुए भारतीय जनता पार्टी के कैंट विधायक ने ईटीवी से खास बातचीत में अटल जी से जुड़ी स्मृतियां बताई. उन्होंने बताया कि जनसंघ के समय से अटल बिहारी बाजपेयी और हमारे पिता हरीश श्रीवास्तव जी एक दूसरे के साथ काम करते थे. आपातकाल के समय उन्होंने कहा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब कहीं अंधेरा नहीं रहेगा, जनसंघ जैसा दीप उस अंधेरे को भगा देगा. उन्होंने बताया कि आपातकाल के दौरान उनका जन्म हुआ था और कुछ महीने के बाद उनके घर में कुर्की कर दी गई थी. करीब ढाई वर्षों के बाद जब आपातकाल समाप्त हुआ और अटल जी ने मुझे अपनी गोद में लिया और हंसते हुए मेरा नाम आपातकाल रख दिया. वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में जब मेरी मुलाकात बड़े नेताओं से होती थी तो वे अटल जी के द्वारा दिए गए आपातकाल के नाम से ही मुझे बुलाते थे. उनका दिया हुआ नाम मेरे लिए आशीर्वाद था.

Intro:वाराणसी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी कि आज पहली पुण्यतिथि है 16 अगस्त 2018 को देश के इस महान नेता ने अपनी अंतिम सांसे ली। लेकिन पूरे देश मैं उनकी स्मृतियां आज भी हैं ऐसे में देश की सबसे प्राचीन नगरी बनारस से भी अटल बिहारी का काफी लगाव था।


Body:जनसंघ की स्थापना से लेकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना तक कई बार अटल बिहारी काशी आए उन्होंने काशी में प्रवास किया ऐसी बहुत सी स्मृतियां जुड़ी हैं ऐसी एक हम इस मिट्टी की चर्चा करते हैं एक छोटे बालक का नाम अटल बिहारी वाजपेयी ने आपातकाल रखा था। या कोई और नहीं पूर्व मंत्री स्व डॉ हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के पुत्र वर्तमान कैंट विधानसभा के विधायक सौरभ श्रीवास्तव।।

आइए जानते हैं सौरव श्रीवास्तव में किस तरह आज अटल जी की स्मृति को याद कर अपनी आंखें नम कर ली जो कि अटलजी और हरिश्चंद्र श्रीवास्तव बहुत लगा था।


Conclusion:वाराणसी कैंट विधानसभा विधायक सौरभ श्रीवास्तव अटल जी के स्मरण को याद करते हुए। जनसंघ के समय से अटल बिहारी बाजपेयी और इनके पिता हरीश श्रीवास्तव जी एक दूसरे के साथ काम करते थे अटल जी ने कहा था कि 1 दिन ऐसा आएगा जब कहीं अंधेरा नहीं रह जाएगा और जनसंघ जैसा दीप उस अंधेरे को भग आएगा सरस्वास्थी ने बताया कि जब वह ढाई साल के थे तब आपातकाल समाप्त हुआ था उसी दौरान अटल बिहारी के निर्देश पर उनके पिता हरीश जी को अंडरग्राउंड हो गया इस दौरान जो भी कार्यकर्ता आपातकाल के दौरान गिरफ्तार हुआ था उनके परिवार वालों की देखरेख करते थे सरस्वास्थी ने बताया कि आपातकाल के दौरान उनका जन्म हुआ था और कुछ महीने के बाद उनके घर में कुर्की कर दी गई आपातकाल के दौरान मेरे घर में ना तो कोई लड़की थी और ना कोई दरवाजा चादर और साड़ी के साथ था करीब ढाई वर्षों के बाद जब आपातकाल समाप्त हुआ और अटल जी ने मुझे अपनी गोद में लिया और हंसते हुए मेरा नाम आपातकाल रख दिया वर्षों तक भारतीय जनता पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में जो मेरी मुलाकात बड़े नेताओं से होती थी तो अटल जी के दिए गए आपातकाल के नाम से ही मुझे बुलाते थे उनका दिया हुआ या ना मेरे लिए आशीर्वाद है।

नॉट :-- अटल जी की पुण्यतिथि पर विशेष

अशुतोष उपाध्याय
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