वाराणसी: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि को लेकर आए फैसले के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराए जाने को लेकर वाराणसी के सिविल कोर्ट में दायर की गई याचिका को लेकर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. इस मामले में मुस्लिम पक्षकारों की तरफ से सिविल कोर्ट में प्रकरण की सुनवाई न किए जाने संबंधित याचिका दायर की गई थी और इसे सिविल कोर्ट के अधिकार के बाहर क्षेत्र का बताया गया था. जिस पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए सिविल कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि मामले की सुनवाई इसी स्थान पर होगी और 3 मार्च को पुरातात्विक सर्वेक्षण कराए जाने को लेकर अगली सुनवाई की तिथि कोर्ट ने निर्धारित की है.
स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से दायर मुकदमे की सुनवाई कर रही कोर्ट ने मंगलवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की उस अर्जी को खारिज कर दिया. जिसमें कोर्ट के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी गई थी. सिविल जज (सीनियर डिवीजन-फास्ट ट्रैक कोर्ट) आशुतोष तिवारी की कोर्ट में मंगलवार को मामले की सुनवाई शुरू होने पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता मो. तौहीद खां ने कोर्ट के क्षेत्राधिकार के सवाल पर लंबी बहस की.
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उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट के मुताबिक वक्फ में रजिस्टर्ड ज्ञानवापी मस्जिद से संबधित मुकदमे की सुनवाई का अधिकार सिर्फ वक्फ ट्रिब्यूनल को ही है. सिविल कोर्ट ऐसे मामले की सुनवाई नहीं कर सकता है. उन्होंने अपनी दलील के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट की कई रूलिंग पेश की.
कोर्ट ने मंगलवार को सुनाए गए 14 पेज के विस्तृत फैसले में सुन्नी वक्फ बोर्ड की आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया. कोर्ट ने आदेश में कहा है कि स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की अर्जी पर 3 मार्च को सुनवाई होगी. इससे पहले मुकदमे में विपक्षी नम्बर एक अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की आपत्तियां भी कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी थी.