वाराणसी: पूर्व मंत्री और लखनऊ पूर्वी क्षेत्र से विधायक रहे आशुतोष टंडन की अस्थियां सोमवार को गंगा में प्रवाहित की गईं. उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में पूजा-पाठ के बाद भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी ने गंगा के बीचों-बीच ले जाकर परिवार के सदस्यों को अस्थि विसर्जन का कार्य संपन्न करवाया. परिवार के सदस्य अस्थियां लेकर दोपहर में वाराणसी पहुंचे. सीधे गंगा घाट पहुंचने के बाद यहां पर अस्थियों का विधिवत पूजन किया गया.
दरअसल, 9 नवंबर को आशुतोष टंडन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. लखनऊ में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया. उनकी अस्थियों को प्रमुख तीर्थ नदियों में प्रवाहित करने का कार्य उनके घर के लोग कर रहे हैं. इस क्रम में आज उनका अस्थि कलश वाराणसी पहुंचा था. आशुतोष टंडन का वैसे भी वाराणसी से काफी गहरा लगाव था. अपने मंत्री कार्यकाल के दौरान 2019 से लेकर 2022 तक आशुतोष टंडन को वाराणसी के प्रभारी के तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने तैनात किया था. बीजेपी चुनाव की तैयारी से लेकर यहां पर होने वाली हर छोटी बड़ी एक्टिविटी में आशुतोष टंडन को ही आगे करके चीजों को मैनेज करती थी. आशुतोष टंडन वाराणसी लगातार आते भी रहते थे.
आशुतोष टंडन के भाई सुबोध टंडन, कुंवर टंडन और भतीजे वंश टंडन आज लखनऊ से उनकी अस्थियां लेकर सड़क मार्ग से वाराणसी के लिए रवाना हुए. दोपहर में लगभग 12.30 बजे सर्किट हाउस पहुंचे. यहां कुछ देर अस्थियों को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. बड़ी संख्या में वहां पहले से ही उपस्थित भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने अस्थियों पर फूलमाला और पुष्प चढ़ाए. इसके बाद अस्थियां लेकर उनके परिजन और वरिष्ठ भाजपा नेता सर्किट हाउस से दशाश्वमेध घाट के लिए रवाना हुए. यहां फूलमालाओं से सजी नाव पर सवार होकर परिजन मणिकर्णिका घाट पहुंचे. बीच गंगा में अस्थियों को हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ विसर्जित किया गया.
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