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वाराणसी में रेत पर युवा कलाकारों ने उकेरी सामाजिक मुद्दों के दर्द की तस्वीर

यूपी के वाराणसी जिले में छात्रों ने गंगा किनारे बालू के छोटे-छोटे किले बनाकर उन पर रेत की आकृति बनाई. कलाकृतियों में अधिकतम कलाकृति महिलाओं पर हो रहे जुल्म और सीएए को लेकर थी.

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वाराणसी में रेत पर युवा कलाकारों ने उकेरा सामाजिक मुद्दों का दर्द
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Published : Jan 20, 2020, 12:23 PM IST

वाराणसी: गंगा रेत पर सर्द हवाओं के बीच छात्र-छात्राओं ने एक अलग ही संदेश देने का प्रयास किया. छात्रों ने अपने कठिन प्रयास से समाज को आइना दिखाने का काम किया. छात्रों ने कुल 57 कलाकृतियों को रेत पर उकेरा. कलाकृतियों में अधिकतम कलाकृति महिलाओं पर हो रहे जुल्म और सीएए को लेकर थी. वहीं कलाकृतियों में खास आकर्षण का केंद्र रही निर्भया कांड में दोषियों को फांसी देते हुए की आकृति, जिसने सबको अपनी ओर आकर्षित किया.

छात्रों ने रेत पर बनाई आकृति.

गंगा पार खुले आकाश के नीचे सर्द हवा के बीच युवा कलाकारों ने बालू के छोटे-छोटे किले बनाकर उन्हें आकार दिया. कलाकारों ने समाज में चल रहे ज्वलंत मुद्दों पर रेत की आकृति बनाई. रेत पर आकृति के इस प्रतियोगिता में कुल 283 कलाकार शामिल हुए, जिसमें बीएचयू के कलाकारों ने नारी महत्ता जैसे विषयों पर आकर्षक तरीके से चिंतन किया. कलाकारों के इन कलाकृतियों से कहीं न कहीं यह संदेश भी देने का प्रयास किया कि समाज में हिंसा और महिलाओं पर होने वाले अपराध पर जल्द अंकुश लगे.

पढ़ें: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पुरा छात्र समागम का हुआ समापन

वाराणसी: गंगा रेत पर सर्द हवाओं के बीच छात्र-छात्राओं ने एक अलग ही संदेश देने का प्रयास किया. छात्रों ने अपने कठिन प्रयास से समाज को आइना दिखाने का काम किया. छात्रों ने कुल 57 कलाकृतियों को रेत पर उकेरा. कलाकृतियों में अधिकतम कलाकृति महिलाओं पर हो रहे जुल्म और सीएए को लेकर थी. वहीं कलाकृतियों में खास आकर्षण का केंद्र रही निर्भया कांड में दोषियों को फांसी देते हुए की आकृति, जिसने सबको अपनी ओर आकर्षित किया.

छात्रों ने रेत पर बनाई आकृति.

गंगा पार खुले आकाश के नीचे सर्द हवा के बीच युवा कलाकारों ने बालू के छोटे-छोटे किले बनाकर उन्हें आकार दिया. कलाकारों ने समाज में चल रहे ज्वलंत मुद्दों पर रेत की आकृति बनाई. रेत पर आकृति के इस प्रतियोगिता में कुल 283 कलाकार शामिल हुए, जिसमें बीएचयू के कलाकारों ने नारी महत्ता जैसे विषयों पर आकर्षक तरीके से चिंतन किया. कलाकारों के इन कलाकृतियों से कहीं न कहीं यह संदेश भी देने का प्रयास किया कि समाज में हिंसा और महिलाओं पर होने वाले अपराध पर जल्द अंकुश लगे.

पढ़ें: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पुरा छात्र समागम का हुआ समापन

Intro:स्पेशल

वाराणसी के गंगा रेत पर सर्द हवाओं के बीच छात्र छात्राओं ने एक अलग ही संदेश देने का प्रयास किया सभी विश्वविद्यालय और कॉलेजों के छात्र इसमें शामिल हुए उन्होंने अपने कठिन प्रयास से समाज को आईना दिखाने का काम किया रेत पर कुल 57 रेत की कलाकृतियों में ज्यादातर महिलाओं पर हो रहे जुल्म और सीएए की आकृति बनाया गया। जिसमें खास आकर्षण का केंद्र रही निर्भया कांड में दोषियों को फांसी देते हुए की आकृति ने सबको अपनी ओर आकर्षित किया।

Body:गंगा पार खुले आकाश के नीचे सर्द हवा के बीच यह युवा कलाकार बालू के छोटे-छोटे किले बनाकर उन्हें आकार दे रहे हैं। इन कलाकारों ने समाज में ज्वलंत मुद्दों पर रेत पर आकृति बनाया इनके कलाकृति यहां आने वाले पर्यटकों को भी अपनी और आकर्षित किया।रेत पर आकृति के इस प्रतियोगिता में कुल 283 कलाकार शामिल थे जिसमें बीएचयू के कलाकारों ने नारी महत्ता जैसे विषयों पर आकर्षक तरीके से चिंतन किया कलाकारों के इन कलाकृतियों से कहीं न कहीं यह संदेश भी मिला कि समाज में हिंसा और महिलाओं पर होने वाले अपराध पर जल्द अंकुश लगे


Conclusion:इक्रा ने बताया रेत पर इन कलाकृतियों में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना निर्भया कांड में दोषियों को फांसी देने की तारीख का टलना । कलाकारों ने देश की आकृति के जरिए दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग की तो वही एनआरसी और सीए की आकृति बनाकर के उसका समर्थन भी किया ।

बाईट :-- इक्रा,कलाकार

आशुतोष उपाध्याय
7007459303
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