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ज्ञानवापी मामला; ASI रिपोर्ट से पहले कोर्ट में दाखिल की गई एक और याचिका, की गई नई मांग - आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया

ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे कर चुका है. लेकिन, अभी तक सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं हुई है. ASI बार-बार कोर्ट से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त मांग लेती है. वर्तमान में कोर्ट ने 18 दिसंबर को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है. लेकिन, उसके पहले ही एक नई याचिका कोर्ट में और दाखिल कर दी गई. आईए जानते हैं उसमें क्या कहा गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 16, 2023, 6:33 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी को लेकर लगातार कई याचिकाओं पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. ज्ञानवापी का एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया) की तरफ से वैज्ञानिक सर्वे भी किया जा चुका है. 18 दिसंबर को उम्मीद है कि एएसआई सर्वे की रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल कर देगी. इन सबके बीच शनिवार को वाराणसी जिला कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है.

यह याचिका लखनऊ की आकांक्षा तिवारी ने दाखिल की है. 150 पेज की याचिका में सिविल जज सीनियर डिवीजन की बेंच से यह गुजारिश की गई है कि नंदी महाराज को उनके महादेव से साक्षात्कार करवाया जाए, जिसकी वह प्रतीक्षा लंबे वक्त से कर रहे हैं. लखनऊ की आकांक्षा तिवारी समेत चार अन्य लोगों की तरफ से दायर की गई याचिका के जरिए सर्वे के दौरान मिली कथित शिवलिंग की आकृति की पूजा की अपील की गई है.

याचिका में क्या मांग की गईः याचिका में यह मांग भी की गई है कि भगवान नंदी महाराज कथित मस्जिद के बाहर सदियों से प्रतीक्षा में हैं. खसरा नंबर 9130 में अवस्थित गठित मस्जिद से मुक्ति कर भगवान आदि विश्वेश्वर नदी महाराज का देवाधिदेव महादेव से साक्षात्कार कराया जाए. याचिका में भारत सरकार, जिलाधिकारी समेत छह लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है.

सिविल जज ने स्वीकार की याचिकाः श्री नंदी जी विराजमान और अन्य बनाम भारतसंघ/ गणराज्य और अन्य को देर शाम तक केस नंबर न्यायिक अधिकारी की ओर से जारी किया जाएगा. मामले को स्वीकारते हुए सिविल जज ने पत्रावली प्रशासनिक अधिकारी को भेज दी है. जहां से अगली सुनवाई की तारीख जल्द निर्धारित की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी परिसर के सर्वे में खंडित हनुमान प्रतिमा, कलश समेत कई साक्ष्य मिले

वाराणसी: ज्ञानवापी को लेकर लगातार कई याचिकाओं पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. ज्ञानवापी का एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया) की तरफ से वैज्ञानिक सर्वे भी किया जा चुका है. 18 दिसंबर को उम्मीद है कि एएसआई सर्वे की रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल कर देगी. इन सबके बीच शनिवार को वाराणसी जिला कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है.

यह याचिका लखनऊ की आकांक्षा तिवारी ने दाखिल की है. 150 पेज की याचिका में सिविल जज सीनियर डिवीजन की बेंच से यह गुजारिश की गई है कि नंदी महाराज को उनके महादेव से साक्षात्कार करवाया जाए, जिसकी वह प्रतीक्षा लंबे वक्त से कर रहे हैं. लखनऊ की आकांक्षा तिवारी समेत चार अन्य लोगों की तरफ से दायर की गई याचिका के जरिए सर्वे के दौरान मिली कथित शिवलिंग की आकृति की पूजा की अपील की गई है.

याचिका में क्या मांग की गईः याचिका में यह मांग भी की गई है कि भगवान नंदी महाराज कथित मस्जिद के बाहर सदियों से प्रतीक्षा में हैं. खसरा नंबर 9130 में अवस्थित गठित मस्जिद से मुक्ति कर भगवान आदि विश्वेश्वर नदी महाराज का देवाधिदेव महादेव से साक्षात्कार कराया जाए. याचिका में भारत सरकार, जिलाधिकारी समेत छह लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है.

सिविल जज ने स्वीकार की याचिकाः श्री नंदी जी विराजमान और अन्य बनाम भारतसंघ/ गणराज्य और अन्य को देर शाम तक केस नंबर न्यायिक अधिकारी की ओर से जारी किया जाएगा. मामले को स्वीकारते हुए सिविल जज ने पत्रावली प्रशासनिक अधिकारी को भेज दी है. जहां से अगली सुनवाई की तारीख जल्द निर्धारित की जाएगी.

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