वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में वजू खाने में कथित शिवलिंग को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. कोर्ट में मामला होने के बाद भी संत समुदाय की तरफ से यहां पर जलाभिषेक का ऐलान किया गया है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ज्ञानवापी परिसर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने का ऐलान किया, जिसके बाद जिसके बाद प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. इससे नाराज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपने मठ के मुख्य द्वार पर ही धरने पर बैठ गए हैं. लगभग 2 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. लेकिन अभी भी वह धरने पर बैठे हुए हैं और उनका अनशन जारी है. उनका कहना है कि जब तक उन्हें पूजा के लिए जाने नहीं दिया जाएगा. तब तक वे धरने पर बैठेंगे और अन्न-जल भी ग्रहण नहीं करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि पूजा पाठ के अधिकार को लेकर न्यायालय में एक याचिका दायर करने जा रहे हैं.
हालांकि सूर्य अस्त से पहले अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उस कथित शिवलिंग की एक तस्वीर के सांकेतिक पूजन का भी ऐलान कर दिया है. जिसके लिए वह तस्वीर तैयार भी हो गई है. ईटीवी भारत के कैमरे पर उन्होंने तस्वीर दिखाते हुए सांकेतिक पूजन की बात कही है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया है कि इस पूजन के बाद भी उनका अनशन जारी रहेगा और वह अन्न जल ग्रहण तभी करेंगे. जब उन्हें कथित शिवलिंग की पूजा का अधिकार दिया जाएगा या फिर उस शिवलिंग की पूजा किसी अन्य अधिकारी के द्वारा करवा कर उसकी सूचना उन्हें दी जाएगी.
अनशन पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अब इस मामले में कानूनी कार्रवाई की तैयारी भी कर रहे हैं. इसे लेकर वह न्यायालय की शरण में भी जाएंगे. उन्होंने बताया कि उनके वकील आ चुके हैं और वकीलों के साथ मिलकर व एक याचिका तैयार कर रहे हैं. इस याचिका पर तत्काल सुनवाई करते हुए उन्हें ज्ञानवापी परिसर में अभिषेक और पूजा का अधिकार दिया जाए. उनका साफ तौर पर कहना है कि जब मामला कानूनी तौर पर आगे बढ़ रहा है तो वह कानूनी तरीके से ही इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे.
इस वजह से वह कोर्ट से यह आग्रह कर रहे हैं कि जल्द से जल्द उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए इस मामले का संज्ञान लें. क्योंकि वह अन्य जल त्याग चुके हैं और उसे ग्रहण तभी करेंगे, जब उन्हें ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग के पूजा का अधिकार दिया जाएगा और नियमित रूप से वहां पूजा शुरू होगी.
सुबह से ही पुलिस फोर्स तैनात
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने ज्ञानवापी परिसर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के ऐलान के बाद पुलिस प्रशासन की तरफ से उन्हें अनुमति नहीं दी गई थी और केदार घाट स्थित श्री विद्या मठ के बाहर बड़ी संख्या में फोर्स तैनाती कर दी गई ताकि संतों को बाहर निकलने से रोका जा सके. गौरतलब है कि 71 लोगों के साथ ब्राह्मण और अनुष्ठान के लिए कुछ अन्य लोगों को जाने की तैयारी संत समाज की तरफ से की गई है, लेकिन प्रशासन इन सभी को रोकने के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती सुबह ही कर दी है.
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