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अंजुमन इंतजामियां कमेटी के अधिवक्ता बोले- बिक गई न्यायपालिका, हाईकोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा - अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस में वाराणसी की जिला अदालत ने सोमवार को अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू व मुस्लिम पक्ष के लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं.

अंजुमन इंतजामियां कमेटी के अधिवक्ता
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Published : Sep 12, 2022, 10:36 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन वाली याचिका पर वाराणससी जिला न्यायालय में सोमवार को वाद 7/11 के तहत याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस प्रकरण को सुनवाई योग्य माना है. कोर्ट के इस फैसले के बाद हिंदू व मुस्लिम समुदाय से जुड़े धर्मगुरुओं व संतों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं. हिंदू पक्ष के लोग कोर्ट के फैसले से खुश हैं, तो वहीं मुस्लिम पक्ष के लोगों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है.

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के फैसले को नकार दिया है. मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के वकील ने मेराजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि यह फैसला सही नहीं है. मेराजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि संसद में कानून बने और फिर न्यायालय में उसी कानून के खिलाफ ऑर्डर पास कर दिया जाए, इससे साबित होता है कि सब बिके हुए हैं.

अंजुमन इंतजामियां कमेटी के अधिवक्ता

वकील ने कहा कि न्यायपालिक संसद के नियम को नहीं मानती है, न जज मानते हैं. कोर्ट के फैसले से नाराज मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि यह फैसला न्यायोचित नहीं है. मेराजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि वह कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. वकील मेराजुउद्दीन सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि पहले पार्लियामेंट में कानून बनाइए फिर उसी कानून को न्यायपालिका में मत मानिए. सब कुछ आपका ही है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिक बिक गई है.

गौरतलब है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (Gyanvapi Shringar Gauri Case) में सोमवार को वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District court) को यह फैसला करना था कि श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन-पूजन मामले में आगे सुनवाई की जा सकती है या नहीं. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सोमवार को इस केस में फैसला सुना दिया. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन कोर्ट ने बताया कि हिंदू पक्ष की दलील को मानते हुए लीगल टीम को श्रृंगार गौरी के निरीक्षण की अनुमति दे दी गई है. साथ ही कोर्ट ने माना है कि ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी. जिला अदालत ने कहा है कि श्रृंगार गौरी से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य है. 27 पन्नों के फैसले में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बताया कि अब तक वादी (हिंदू) पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूत के आधार पर केस को सुनवाई योग्य माना गया है. सोमवार को दोपहर 2 बजे से शुरू सुनवाई में अदालत ने अपना फैसला सुनाया और 22 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख नियत की है. फैसले के दौरान श्रृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत को लेकर याचिका दायर करने वाली मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक भी कोर्ट रूम में मौजूद रही.

इसे पढ़ें- ज्ञानवापी केस में कोर्ट का फैसला, जारी रहेगी पूजा मामले की सुनवाई

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन वाली याचिका पर वाराणससी जिला न्यायालय में सोमवार को वाद 7/11 के तहत याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस प्रकरण को सुनवाई योग्य माना है. कोर्ट के इस फैसले के बाद हिंदू व मुस्लिम समुदाय से जुड़े धर्मगुरुओं व संतों ने तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं. हिंदू पक्ष के लोग कोर्ट के फैसले से खुश हैं, तो वहीं मुस्लिम पक्ष के लोगों ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है.

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के फैसले को नकार दिया है. मुस्लिम पक्ष यानी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के वकील ने मेराजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि यह फैसला सही नहीं है. मेराजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि संसद में कानून बने और फिर न्यायालय में उसी कानून के खिलाफ ऑर्डर पास कर दिया जाए, इससे साबित होता है कि सब बिके हुए हैं.

अंजुमन इंतजामियां कमेटी के अधिवक्ता

वकील ने कहा कि न्यायपालिक संसद के नियम को नहीं मानती है, न जज मानते हैं. कोर्ट के फैसले से नाराज मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि यह फैसला न्यायोचित नहीं है. मेराजुद्दीन सिद्दिकी ने कहा कि वह कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे. वकील मेराजुउद्दीन सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि पहले पार्लियामेंट में कानून बनाइए फिर उसी कानून को न्यायपालिका में मत मानिए. सब कुछ आपका ही है. उन्होंने कहा कि न्यायपालिक बिक गई है.

गौरतलब है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी केस (Gyanvapi Shringar Gauri Case) में सोमवार को वाराणसी जिला अदालत में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी की जिला अदालत (Varanasi District court) को यह फैसला करना था कि श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन-पूजन मामले में आगे सुनवाई की जा सकती है या नहीं. जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सोमवार को इस केस में फैसला सुना दिया. हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन कोर्ट ने बताया कि हिंदू पक्ष की दलील को मानते हुए लीगल टीम को श्रृंगार गौरी के निरीक्षण की अनुमति दे दी गई है. साथ ही कोर्ट ने माना है कि ज्ञानवापी मामले में पूजास्थल का धार्मिक कैरेक्टर बदलने की गुंजाइश है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी. जिला अदालत ने कहा है कि श्रृंगार गौरी से जुड़ी याचिका सुनवाई योग्य है. 27 पन्नों के फैसले में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बताया कि अब तक वादी (हिंदू) पक्ष की ओर से पेश किए गए सबूत के आधार पर केस को सुनवाई योग्य माना गया है. सोमवार को दोपहर 2 बजे से शुरू सुनवाई में अदालत ने अपना फैसला सुनाया और 22 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख नियत की है. फैसले के दौरान श्रृंगार गौरी की पूजा करने की इजाजत को लेकर याचिका दायर करने वाली मंजू व्यास, लक्ष्मी देवी और रेखा पाठक भी कोर्ट रूम में मौजूद रही.

इसे पढ़ें- ज्ञानवापी केस में कोर्ट का फैसला, जारी रहेगी पूजा मामले की सुनवाई

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