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कोरोना से जंग में जानवरों के लिए मसीहा बना वाराणसी का अमन - वाराणसी में लॉक डाउन

कोरोना का असर आम इंसान पर तो दिख ही रहा है, साथ ही साथ अवारा पशुओं पर भी इसका असर दिखने लगा है. वे भूख-प्यास से व्याकुल हो रहे हैं. ऐसे में वाराणसी जिले के अमन ने उनके पेट भरने का बीड़ा उठाया है.

जानवरों के लिए मसीहा बना वाराणसी अमन
जानवरों के लिए मसीहा बना वाराणसी अमन
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Published : Mar 29, 2020, 6:35 PM IST

वाराणसी: दुनिया में काल का पर्याय बन चुके कोरोना का असर अब जानवरों पर भी दिखने लगा है. संक्रमण से बचने के लिए 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और आवारा पशुओं को खाने के लिए कुछ मिल नहीं पा रहा है, जिससे वह व्याकुल होकर घूम रहे हैं.

वाराणसी के रहने वाले अमन कबीर नाम के युवक ने अपने जीवन को समाज की सेवा के लिए दान कर दिया है. ऐसे में इस लॉकडाउन के समय अमन ने एक और बीड़ा उठाया है. बनारस के घाटों और गलियों में घूमने वाले आवारा पशुओं को घूम-घूमकर बिस्किट और ब्रेड को दे रहे हैं. वहीं अमन के साथ युवाओं की टोली भी इस सराहनीय कार्य में उसकी मदद कर रही है.

अमन ने बताया इस विषम परिस्थिति में जो लोग भी सामने आए हैं, पूरा देश उनका स्वागत कर रहा है. ऐसे में लोगों तक तो खाने का पैकेट या भोजन पहुंच जा रहा है, लेकिन इन बेजुबानों के पास लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं और ये खुद बता भी नहीं पा रहे कि उन्हें कितनी भूख लगी है. ऐसे में हमसे जितना हो पा रहा है. हम कर रहे हैं और लोगों से निवेदन है कि वे जहां भी रहे. अगर उन्हें आवारा पशु दिखें तो कुछ न कुछ उन्हें खाने को जरूर देते रहें .

ये भी पढ़ें- वाराणसी: नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कन्दमाता की पूजा, दर्शन मात्र से बनते हैं बिगड़े काम

वाराणसी: दुनिया में काल का पर्याय बन चुके कोरोना का असर अब जानवरों पर भी दिखने लगा है. संक्रमण से बचने के लिए 21 दिनों के लिए पूरे देश को लॉकडाउन किया गया है. ऐसे में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं और आवारा पशुओं को खाने के लिए कुछ मिल नहीं पा रहा है, जिससे वह व्याकुल होकर घूम रहे हैं.

वाराणसी के रहने वाले अमन कबीर नाम के युवक ने अपने जीवन को समाज की सेवा के लिए दान कर दिया है. ऐसे में इस लॉकडाउन के समय अमन ने एक और बीड़ा उठाया है. बनारस के घाटों और गलियों में घूमने वाले आवारा पशुओं को घूम-घूमकर बिस्किट और ब्रेड को दे रहे हैं. वहीं अमन के साथ युवाओं की टोली भी इस सराहनीय कार्य में उसकी मदद कर रही है.

अमन ने बताया इस विषम परिस्थिति में जो लोग भी सामने आए हैं, पूरा देश उनका स्वागत कर रहा है. ऐसे में लोगों तक तो खाने का पैकेट या भोजन पहुंच जा रहा है, लेकिन इन बेजुबानों के पास लोग नहीं पहुंच पा रहे हैं और ये खुद बता भी नहीं पा रहे कि उन्हें कितनी भूख लगी है. ऐसे में हमसे जितना हो पा रहा है. हम कर रहे हैं और लोगों से निवेदन है कि वे जहां भी रहे. अगर उन्हें आवारा पशु दिखें तो कुछ न कुछ उन्हें खाने को जरूर देते रहें .

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