वाराणसी: सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईआईटी बीएचयू को अब तक का सबसे बड़ा अनुदान मिला. पूर्व छात्रों के एक अमेरिकी गैर-लाभकारी संघ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) की मदद में अपना एक पूंजी अभियान सफलतापूर्वक शुरू किया है. रमेश श्रीनिवासन (मेटलर्जी 1982), अध्यक्ष और सीईओ Agilysys (नैस्डैक: AGYS) की ओर से $1.3 मिलियन का अनुदान प्राप्त हुआ. जो पूर्व छात्रों के समर्थन में एक नए अध्याय को दर्शाता है. इस उपहार का उपयोग पूरे आवासीय परिसर के छात्र और संकाय सदस्य को लाभान्वित करने वाले खेलों के लिए एक छात्र गतिविधि केंद्र (एस.ए.सी.) की स्थापना के लिए किया जाएगा.
पूर्व छात्र ने पुराने दिनों को किया याद
उपहार देते समय रमेश श्री निवास ने संस्थान में अपने विद्यार्थी दिनों की यादों और संस्थान द्वारा प्रदान किए गए अवसरों के महत्व को स्नेह के साथ व्यक्त किया. उन्होंने कहा आईआईटी बीएचयू ने मेरे लिए जो कुछ भी किया है उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं. उन्होंने कहा संस्थान का मेरे शुरुआती जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ा और इसने मुझे एक अच्छा इंसान बनने में मदद की. शिक्षा, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियों, वाद-विवाद और अन्य सभी चीजों में संस्थान ने मुझे कई मूल्यवान पाठ सिखाए जो जीवन भर मेरे साथ रहेंगे. उन्होंने कहा मैं खुद को बेहद भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे आगामी छात्र गतिविधि केंद्र में योगदान करने का मौका दिया गया है, जो उस परिसर में सभी को लाभान्वित करेगा और जिनकी स्मृतियां मेरे पास हैं.
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आईआईटी बीएचयू निदेशक आचार्य प्रमोद कुमार जैन ने अनुदान स्वीकार करते हुए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स से आशा व्यक्त की कि छात्र गतिविधि केंद्र (खेल) एक ऐसे स्थान पर होगा, जहां छात्र टीम के खेल और अन्य गतिविधियों में भागीदारी के माध्यम से अपने नेतृत्व और सहयोग कौशल को बढ़ा सकते हैं. उपहार को स्वीकार करते हुए अपनी टिप्पणी में आचार्य प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि अपनी भावनात्मक बुद्धिमत्ता के समान बौद्धिक क्षमता से परिपूर्ण सभी क्षेत्रों में कार्यकुशल छात्र आईआईटी (बीएचयू) की पहचान हैं.
आईआईटी बीएचयू फाउंडेशन के अध्यक्ष अरुण त्रिपाठी ने कहा हमें खुशी है कि आईआईटी (बीएचयू) ने छात्र गतिविधि केंद्र (खेल) का नाम रमेश श्रीनिवासन छात्र गतिविधि केंद्र के रूप में देकर श्री रमेश श्रीनिवासन को सम्मानित करने का फैसला किया. उन्होंने कहा हमने एक उत्कृष्ट लक्ष्य के साथ आईआईटी फाउंडेशन बनाया जो हमारे मातृ संस्थान के लिए धन जुटाना है और यह अनुदान इस दिशा में एक सही कदम है.