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वाराणसी: श्रीकृष्ण की कृपा से जन्मा था पुत्र, जन्माष्टमी पर अद्भुत झांकी

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Published : Aug 25, 2019, 11:36 AM IST

यूपी के वाराणसी के एक परिवार में जन्माष्टमी पर अद्भुत झांकी बनायी जाती है. इस झांकी में श्री कृष्ण की सम्पूर्ण लीला को इलेक्ट्रॉनिक और नग आदि के माध्यम से बनाकर दर्शाया जाता है.

जन्माष्टमी पर अद्भुत झांकी बनायी.

वाराणसी: नंद के लाल नटखट गोपाल के जन्मोत्सव को मथुरा के साथ-साथ पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. त्योहारों की नगरी कहे जाने वाली काशी में लड्डू गोपाल के लिए मनमोहक झांकिया सजाई गई हैं. ऐसी ही झांकी काशी के एक घर में बनी है जहां भगवान कृष्ण को पिछले 40 वर्षों से दिल से धन्यवाद देने के साथ ही उनका जन्मोत्सव भी मनाया जाता रहा है.

सम्पूर्ण कृष्ण लीला को दर्शाती झांकी.
सम्पूर्ण कृष्ण लीला को दर्शाती है झांकी-धर्म की नगरी काशी जनमाष्टमी के दिन में जगह-जगह झांकिया सजाई गई हैं. शहर के औसनगंज इलाके के घर में सजी झांकी अपने आप में अद्भुत और अलौकिक है. यहां पौराणिकता से लेकर आधुनिकता तक हर चीज को बखूबी दर्शाया गया है. भगवान कृष्ण के बाल काल से लेकर रासलीला रचाने और मथुरा जाकर राजगद्दी संभालने तक का हर दृश्य हाथों से बनी झांकियो में साफ झलक रहा है. मिठाई लाल गुप्ता के घर में लगी झांकी में लालकिला,इंडिया गेट और कई ऐतिहासिक इमारतों और मंदिरों के मॉडल लाइटों से जगमगा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें-वाराणसी: पुलिस लाइन में जन्माष्टमी का अनोखा आयोजन, रेत पर दर्शायी कान्हा की छटा

मन्नत पूरी होने की खुशी में बनायी जाती है झांकी-
पिछले 40 वर्षों से इस झांकी को सजाया जा रहा है. भगवान कृष्ण से संतान के लिए प्रार्थना की थी और बड़े बेटे का जन्म जन्माष्टमी के दिन ही हुआ तब से हर साल इस झांकी को सजाया जाता हैं. ये पूरी झांकी खुद मिठाई लाल गुप्ता और उनके बेटे विभिन्न प्रकार के दफ्ती, नग और कई तरीकों से अपने हाथों तैयार करते हैं. इसमें समय के बदलाव के साथ-साथ आधुनिकता को जोड़ते हुए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

इस झांकी को सजने में 15 से 20 दिन का समय लगता हैं जिसके लिए 6 घण्टे की कड़ी मेहनत रोजाना चाहिए होती हैं. हर मॉडल को बनाने में भी तीन से चार महीने का समय लगता है. ये झांकी भगवान की छठी तक खुली रहेगी फिर भक्तों को भगवान का प्रसाद भंडारे के रूप में बांटा जाएगा. उसके बाद इस झांकी का समापन किया जाता है.

वाराणसी: नंद के लाल नटखट गोपाल के जन्मोत्सव को मथुरा के साथ-साथ पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. त्योहारों की नगरी कहे जाने वाली काशी में लड्डू गोपाल के लिए मनमोहक झांकिया सजाई गई हैं. ऐसी ही झांकी काशी के एक घर में बनी है जहां भगवान कृष्ण को पिछले 40 वर्षों से दिल से धन्यवाद देने के साथ ही उनका जन्मोत्सव भी मनाया जाता रहा है.

सम्पूर्ण कृष्ण लीला को दर्शाती झांकी.
सम्पूर्ण कृष्ण लीला को दर्शाती है झांकी-धर्म की नगरी काशी जनमाष्टमी के दिन में जगह-जगह झांकिया सजाई गई हैं. शहर के औसनगंज इलाके के घर में सजी झांकी अपने आप में अद्भुत और अलौकिक है. यहां पौराणिकता से लेकर आधुनिकता तक हर चीज को बखूबी दर्शाया गया है. भगवान कृष्ण के बाल काल से लेकर रासलीला रचाने और मथुरा जाकर राजगद्दी संभालने तक का हर दृश्य हाथों से बनी झांकियो में साफ झलक रहा है. मिठाई लाल गुप्ता के घर में लगी झांकी में लालकिला,इंडिया गेट और कई ऐतिहासिक इमारतों और मंदिरों के मॉडल लाइटों से जगमगा रहे हैं.

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मन्नत पूरी होने की खुशी में बनायी जाती है झांकी-
पिछले 40 वर्षों से इस झांकी को सजाया जा रहा है. भगवान कृष्ण से संतान के लिए प्रार्थना की थी और बड़े बेटे का जन्म जन्माष्टमी के दिन ही हुआ तब से हर साल इस झांकी को सजाया जाता हैं. ये पूरी झांकी खुद मिठाई लाल गुप्ता और उनके बेटे विभिन्न प्रकार के दफ्ती, नग और कई तरीकों से अपने हाथों तैयार करते हैं. इसमें समय के बदलाव के साथ-साथ आधुनिकता को जोड़ते हुए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है.

इस झांकी को सजने में 15 से 20 दिन का समय लगता हैं जिसके लिए 6 घण्टे की कड़ी मेहनत रोजाना चाहिए होती हैं. हर मॉडल को बनाने में भी तीन से चार महीने का समय लगता है. ये झांकी भगवान की छठी तक खुली रहेगी फिर भक्तों को भगवान का प्रसाद भंडारे के रूप में बांटा जाएगा. उसके बाद इस झांकी का समापन किया जाता है.

Intro:वाराणसी। नंद के लाल नटखट गोपाल के जन्मोत्सव को मथुरा के साथ-साथ पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है तो वहीं त्योहारो की नगरी कहे जाने वाली काशी में लड्डू गोपाल के लिए मनमोहक झांकिया सजाई गई है। ऐसी ही एक झांकी देखने को मिली काशी के एक घर में जहां भगवान कृष्ण को पिछले 40 वर्षों से दिल से धन्यवाद भी दिया जा रहा है और उनका जन्मोत्सव भी मनाया जा रहा है।


Body:VO1:- धर्म की नगरी काशी में जगह-जगह झांकिया सजाई गई हैं लेकिन शहर के औसनगंज इलाके के एक घर मे सजी झांकी अपने आप में अद्भुत और अलौकिक है। यहां पौराणिकता से लेकर आधुनिकता तक हर चीज को बखूबी दर्शाया गया है। भगवान कृष्ण के बाल काल से लेकर रासलीला राचाने तक और मथुरा जाकर राजगद्दी संभालने तक का हर दृश्य हाथो से बनी झांकियो में साफ झलक रहा हैं। मिठाई लाल गुप्ता के घर में लगी इस झांकी में लालकिला,इंडिया गेट और कई प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों और मंदिरों के मॉडल लाइटों से जगमगा रहे है। पिछले 40 वर्षों से इस झांकी को सजा रहे परिवार के मुखिया मिठाई लाल गुप्ता का कहना हैं कि भगवान कृष्ण से संतान के लिए प्रार्थना की थी और बड़े बेटे का जन्म जन्माष्टमी के दिन ही हुआ तब से हर साल इस झांकी को सजाया जाता हैं। ये पूरी झांकी खुद मिठाई लाल गुप्ता और उनके बेटे विभिन्न प्रकार के दफ़्ती,नग,और कई और तरीकों से अपने हाथों तैयार करते हैं। साथ ही इसमें समय के बदलाव के साथ साथ आधुनिकता को जोड़ते हुए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का भी इस्तेमाल किया का रहा है।


बाइट:- मिठाई लाल गुप्ता, कृष्ण भक्त


Conclusion:VO 2:- इस झांकी को सजने में 15 से 20 दिन तक का समय लगता हैं जिसके लिए 6 घण्टे की कड़ी मेहनत रोजाना चाहिए होती हैं। हर मॉडल को बनाने में भी तीन से चार महीने का समय लगता हैं। ये झांकी भगवान की छठी तक खुली रहेगी जब भक्तो को भगवान का प्रसाद भंडारे के रूप में बांटा जाएगा। उसके बाद इस झांकी का समापन किया जाएगां।


वॉक थ्रू :- अर्निमा द्विवेदी, संवाददाता, वाराणसी


Regards
Arnima Dwivedi
Varanasi
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