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कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिका की बर्खास्तगी पर हाइकोर्ट ने लगाई रोक

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Published : Sep 20, 2020, 6:11 PM IST

यूपी के वाराणसी में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने की आरोपी कस्तूबरा विद्यालय की शिक्षिका की सेवा समाप्ति के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने याची को अंशकालिक अध्यापिका के रूप में कार्य करने देने और मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया है.

कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिका की बर्खास्तगी पर लगी रोक.
कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिका की बर्खास्तगी पर लगी रोक.

प्रयागराज : जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने की आरोपी कस्तूबरा विद्यालय की शिक्षिका की सेवा समाप्ति के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने याची को अंशकालिक अध्यापिका के रूप में कार्य करने देने और मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल करने के मामले में प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

दरअसल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय आराजी लाइंस वाराणसी में नियुक्त अध्यापिका सरिता आर्या ने याचिका दाखिल कर सेवा समाप्ति आदेश को चुनौती दी थी. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने अन्य याचिकाओं में पारित आदेश को देखते हुए दिया है. याची के अधिवक्ता सुदर्शन सिंह का कहना था कि याची को 17 जुलाई 2020 को सेवा से हटा दिया गया था. उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मानदेय की वसूली करने का आदेश दिया गया है. याची हिंदी विषय की पूर्णकालिक अध्यापिका है.

अधिवक्ता का कहना है ‌कि कोर्ट ने इसी प्रकार के एक अन्य मामले में सेवा समाप्ति पर रोक लगाते हुए वेतन सहित बहाल करने का आदेश दिया है. याची के प्रकरण में भी ऐसे ही आदेश की मांग की गई है. कोर्ट ने रामचरित्र यादव व अन्य के मामले में 31 अगस्त को दिए आदेश को याची के संबंध में भी देते हुए दोनों याचिकाओं को एक साथ सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

प्रयागराज : जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने की आरोपी कस्तूबरा विद्यालय की शिक्षिका की सेवा समाप्ति के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने याची को अंशकालिक अध्यापिका के रूप में कार्य करने देने और मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने फर्जी दस्तावेज से नौकरी हासिल करने के मामले में प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा परिषद से चार सप्ताह में जवाब मांगा है.

दरअसल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय आराजी लाइंस वाराणसी में नियुक्त अध्यापिका सरिता आर्या ने याचिका दाखिल कर सेवा समाप्ति आदेश को चुनौती दी थी. इस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने अन्य याचिकाओं में पारित आदेश को देखते हुए दिया है. याची के अधिवक्ता सुदर्शन सिंह का कहना था कि याची को 17 जुलाई 2020 को सेवा से हटा दिया गया था. उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर मानदेय की वसूली करने का आदेश दिया गया है. याची हिंदी विषय की पूर्णकालिक अध्यापिका है.

अधिवक्ता का कहना है ‌कि कोर्ट ने इसी प्रकार के एक अन्य मामले में सेवा समाप्ति पर रोक लगाते हुए वेतन सहित बहाल करने का आदेश दिया है. याची के प्रकरण में भी ऐसे ही आदेश की मांग की गई है. कोर्ट ने रामचरित्र यादव व अन्य के मामले में 31 अगस्त को दिए आदेश को याची के संबंध में भी देते हुए दोनों याचिकाओं को एक साथ सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

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