वाराणसी: काशी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का आयोजन किया गया. जहां शिक्षा के महाकुंभ का शुभारंभ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. इस महाकुंभ में देश भर 400 से अधिक शिक्षाविद आए हुए हैं. जिसमें 300 से ज्यादा कुलपति शामिल हैं. 3 दिवसीय इस आयोजन में नई शिक्षा नीति के तहत चर्चा हो रही है. पीएम मोदी ने भी इस मंच से युवा पीढ़ी को नई शिक्षा नीति से कैसे फायदा मिले इस पर जोर देने की बात कही. वहीं, इस समागम में आए कुलपति व प्रोफेसर ने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लागू करने की बात कही.
नई शिक्षा नीति पर विद्वान कर रहे चर्चा
इस दौरान समागम में पहुंचे छत्तीसगढ़ में स्थित गुरु घासी विश्वविद्यालय के कुलपति ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि निश्चित तौर पर ये शिक्षा का महाकुंभ है. जहां सभी विद्वान नई शिक्षा नीति पर मंथन कर रहे हैं, ताकि आने वाले दिनों में विद्यार्थियों के भविष्य को और बेहतर तरीके से विकसित किया जा सके. इसके साथ ही उन्हें हर दक्षता से परे परिपूर्ण किया जा सके. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने आज लैब टू लैंड एवं लैंड टू लैब की बात की है. जिससे जो शोध ह्यो रहे हैं वो वर्तमान आधुनिक परिप्रेक्ष्य में भी इस्तेमाल हो. इसके साथ ही इस नई शिक्षा नीति के तहत कैसे युवाओं को कौशल से जोड़ा जाए. इस बात पर भी प्रधानमंत्री ने बल दिया है. इस कांसेप्ट को विकसित करने के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी को क्रियान्वित किया जाएगा.
300 से ज्यादा जुटे कुलपति
समागम में देश से 300 कुलपति और स्थानीय स्तर से सभी डिग्री कॉलेज और यूनिवर्सटी के प्रोफेसर और अध्यापक शामिल रहें. जो पीएम मोदी के संबोधन को नए शिक्षा नीति को नई दिशा मिलने की बात कही और साथ ही उन्होंने कहा कि इस शिक्षा से युवा पीढ़ी को खासा लाभ मिलेगा. पहले दिन हुए समागम में आने वाली पीढ़ी के अनुसार नई शिक्षा नीति चलाने पर बात की गई, जिसमें भारतीय इतिहास, भौतिकी और आधुनिकता भी शामिल हो.
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