वाराणसी: विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly Election 2022) से पहले के सेमीफाइनल यानी जिला पंचायत चुनाव के लिए हर पार्टी अपनी कमर कस रही है. लखनऊ (Lucknow) में आए दिन पार्टी पदाधिकारियों और जिला पंचायत सदस्यों को मैनेज करने में आलाकमान परेशान है. यूपी के अधिकांश जिलों में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने पंचायत चुनावों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. सत्ता में बैठी बीजेपी (BJP) की लड़ाई सीधे सपा (SP) से ही मानी जा रही है. यही वजह है कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पूर्वांचल पूर्वांचल (Purvanchal) में समाजवादी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के बाद अब किसी तरह की कोताही नहीं बरतना चाह रहे हैं. इसीलिए मंगलवार दोपहर उन्होंने वाराणसी सपा जिला अध्यक्ष सुजीत यादव के अलावा पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों के सपा जिलाध्यक्षों के साथ पूर्वांचल के सभी जिलों से जीतकर आए जिला पंचायत सदस्यों के साथ मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने 'न डिगेंगे, न डरेंगे' का मंत्र देकर सबको अपनी तैयारियां मुकम्मल करके जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अधिकांश जगहों पर सपा का परचम लहराने के लिए कहा है.
'पुलिस के बल पर हो रहा उत्पीड़न'
अखिलेश यादव से मुलाकात करने गए समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुजीत यादव ने ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में स्पष्ट तौर पर कहा कि अखिलेश यादव के साथ लगभग 3 घंटे तक मुलाकात हुई. मुलाकात में उन्होंने पूर्वांचल से आए जिला पंचायत सदस्यों से बातचीत की और स्पष्ट निर्देश दिए कि हमें जीतना है. तीन जुलाई को होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अधिकांश सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा होना चाहिए. सपा मुखिया ने बीजेपी की तरफ से जिला पंचायत सदस्यों को पुलिसिया उत्पीड़न के बल पर दबाने और अपनी तरफ लाने की कोशिश की शिकायतों पर खुद को मजबूत बनाए रखने के निर्देश भी दिए.
सपा मुखिया को सौपें जीते सदस्यों के नाम
सुजीत यादव ने बताया कि मीटिंग में पंचायत चुनावों में जो भी सदस्य जीते हैं, उनके नाम फाइनल करके वाराणसी समेत अन्य जिलों के जिला अध्यक्षों ने अखिलेश यादव को सौंप दिए हैं. आलाकमान के पास सभी के नाम सुरक्षित होने के बाद यह माना जा रहा है कि जीते हुए समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्य पार्टी से दगा नहीं करेंगे. जिला अध्यक्ष का कहना है कि आलाकमान से निर्देश मिलने के बाद हर जिले में सपा कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत करने के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. हम वाराणसी समेत कई जिलों में जीतने जा रहे हैं. कहीं से कोई दिक्कत परेशानी होने वाली नहीं है.
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नजर पूर्वांचल पर
दरअसल, यूपी की सियासत (Politics Of UP) में पूर्वांचल का सीधा असर माना जाता है और अखिलेश भी इस बात को अच्छे से जानते हैं. यही वजह है कि अखिलेश यादव पूर्वांचल से जीत कर आए सपा के जिला पंचायत सदस्य को मजबूत करने के लिए उनका हौसला बढ़ा रहे हैं. ताकि 3 जुलाई को अधिक से अधिक जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर सपा ही काबिज हो सके.
यह है गणित
- पूर्वांचल में 878 जिला पंचायत सीट है.
- 202 पर सपा समर्थित उम्मीदवारों का कब्जा है.
- 426 सीटें निर्दलियों या अन्य उम्मीदवारों के पास हैं.
- बीजेपी के पास 134 सीट हैं.
- बीएसपी को 95 सीटें मिली हैं.
- वाराणसी में 40 सीटों में से 14 सपा और 8 बीजेपी के पास है.