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प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रो. पंजाब सिंह 'इफको अवॉर्ड 2020' से सम्मानित

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Published : Dec 8, 2020, 8:40 PM IST

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रो पंजाब सिंह को फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने 'यूएस अवस्थी इफको अवॉर्ड 2020' से सम्मानित किया. प्रो पंजाब सिंह अभी झांसी के रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के चांसलर हैं.

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प्रो. पंजाब सिंह 'इफको अवॉर्ड 2020' से सम्मानित

वाराणसी: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रो पंजाब सिंह को फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेन्टर में आयोजित एक समारोह के दौरान प्रतिष्ठित 'यूएस अवस्थी इफको अवॉर्ड 2020' से सम्मानित किया. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पंजाब सिंह अभी झांसी के रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के चांसलर हैं. कार्यक्रम में केंद्र सरकार के रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख लाल मंडाविया और फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक मौजूद रहे.


कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं कृषि विकास में अनुसंधानकर्ता, नीति निर्माता, शोध एवं शिक्षा मार्गदर्शक समेत विभिन्न भूमिकाओं में प्रो. पंजाब सिंह के चार दशक से अधिक के योगदान के फलस्वरूप देश ने खाद्य आत्मनिर्भरता एवं खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य हासिल किया. ये कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास की दिशा में मानव संसाधनों के बेहतर विकास के परिणामस्वरूप ही संभव हो पाया.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के अनंतपुर गांव के रहने वाले प्रो. पंजाब सिंह को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर, बरकछा (मिर्जापुर) को स्थापित करने का श्रेय भी जाता है. भारत में कृषि विकास में योगदान के लिए उर्वरक उद्योग द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह सम्मान अत्यंत प्रतिष्ठित है. पिछले वर्ष ये सम्मान 'विश्व खाद्य पुरस्कार 2020' के विजेता डॉ. रतन लाल को दिया गया था, जो अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में मृदा वैज्ञानिक हैं.

वाराणसी: प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रो पंजाब सिंह को फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने नई दिल्ली के इंडिया हैबिटेट सेन्टर में आयोजित एक समारोह के दौरान प्रतिष्ठित 'यूएस अवस्थी इफको अवॉर्ड 2020' से सम्मानित किया. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पंजाब सिंह अभी झांसी के रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के चांसलर हैं. कार्यक्रम में केंद्र सरकार के रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख लाल मंडाविया और फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक मौजूद रहे.


कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं कृषि विकास में अनुसंधानकर्ता, नीति निर्माता, शोध एवं शिक्षा मार्गदर्शक समेत विभिन्न भूमिकाओं में प्रो. पंजाब सिंह के चार दशक से अधिक के योगदान के फलस्वरूप देश ने खाद्य आत्मनिर्भरता एवं खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य हासिल किया. ये कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास की दिशा में मानव संसाधनों के बेहतर विकास के परिणामस्वरूप ही संभव हो पाया.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के अनंतपुर गांव के रहने वाले प्रो. पंजाब सिंह को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर, बरकछा (मिर्जापुर) को स्थापित करने का श्रेय भी जाता है. भारत में कृषि विकास में योगदान के लिए उर्वरक उद्योग द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह सम्मान अत्यंत प्रतिष्ठित है. पिछले वर्ष ये सम्मान 'विश्व खाद्य पुरस्कार 2020' के विजेता डॉ. रतन लाल को दिया गया था, जो अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में मृदा वैज्ञानिक हैं.

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