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बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट, हर रोज तैयार होगा गंगा के जलस्तर का चार्ट

यूपी के वाराणसी में समय से पहले मानसून के सक्रिय होने के चलते बाढ़ को लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है. बाढ़ के मद्देनजर हरिद्वार से बनारस तक गंगा के जलस्तर का हर रोज चार्ट तैयार होगा.

बाढ़ को लेकर अलर्ट पर प्रशासन
बाढ़ को लेकर अलर्ट पर प्रशासन
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Published : May 28, 2021, 3:54 PM IST

वाराणसी: इस बार मानसून से पहले ही लगातार हो रही बारिश और दो बड़े तूफानों के असर के बाद मानसून के बेहतर होने के अंदेशे के साथ वाराणसी में बाढ़ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. जिलाधिकारी ने गंगा के जलस्तर में होने वाले बदलाव के मद्देनजर तैयारियों को शुरू करने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के निर्देशन में शुक्रवार को कैम्प कार्यालय पर सम्भावित बाढ़ वर्ष 2021 के लिए राहत और बचाव कार्य का खाका खींचा.


हरिद्वार से बनारस तक जलस्तर का बनेगा चार्ट
राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सभी विभागों को अपने-अपने अधिकारी और कर्मचारियों के मोबाइल नंबर की सूची तैयार कराकर एक-दूसरे को कम्युनिकेट करने पर जोर दिया गया, जिससे जिसकी ड्यूटी मौके पर होगी, उसे सीधे तौर पर सूचना दी जा सकेगी. साथ ही मौके पर तत्काल राहत और बचाव का कार्य तेजी से संचालित हो सकेगा. सिंचाई विभाग सेंट्रल वाटर कमीशन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए हरिद्वार से वाराणसी तक प्रतिदिन के जलस्तर का चार्ट तैयार कराकर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएगा, जिससे अनुमान लगाकर लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाने तथा राहत कार्यों को समय से संचालित करने में मदद मिल सकेगी. पूर्व में संचालित बाढ़ राहत कैम्पों के आस-पास के हैण्डपम्पों की जांच कर ठीक कराने तथा वाटर टैंकों को भी दुरुस्त रखने का निर्देश जल निगम के अधिकारी को दिया गया.


गौशाला हो सुरक्षित
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी गौशालाओं की जांच कराकर जहां शेड नहीं हैं, वहां निर्माण कराएं और ऊंचा खड़ंजा लगवाएं. उन्होंने कहा कि जाल्हूपुर में मृत पशु निस्तारण के लिए क्रिमेटोरियम का निर्माण कार्य प्रगति पर है. सीवीओ को इसके पर्यवेक्षण के लिए निर्देश दिए. गांवों में वाटर लॉगिंग की शिकायतें मिलने पर एसडीएम को निर्देशित किया गया.

समस्त पंचायत भवनों को दुरुस्त कराने के लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने तथा सभी सीएचसी, पीएचसी को अपग्रेड कराने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया. इसके अलावा राहत शिविरों में बिजली प्रकाश व्यवस्था भी ठीक कराने का निर्देश दिया गया. बाढ़ के दौरान राहत सामग्री बांटने के लिए स्थानीय स्तर पर एजेंसी निर्धारित करने के लिए अभी से टेंडर कराए जाने का निर्देश दिया गया.


पढ़ें- अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से 16 की मौत

वाराणसी: इस बार मानसून से पहले ही लगातार हो रही बारिश और दो बड़े तूफानों के असर के बाद मानसून के बेहतर होने के अंदेशे के साथ वाराणसी में बाढ़ को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. जिलाधिकारी ने गंगा के जलस्तर में होने वाले बदलाव के मद्देनजर तैयारियों को शुरू करने के निर्देश दिए हैं. जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के निर्देशन में शुक्रवार को कैम्प कार्यालय पर सम्भावित बाढ़ वर्ष 2021 के लिए राहत और बचाव कार्य का खाका खींचा.


हरिद्वार से बनारस तक जलस्तर का बनेगा चार्ट
राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए सभी विभागों को अपने-अपने अधिकारी और कर्मचारियों के मोबाइल नंबर की सूची तैयार कराकर एक-दूसरे को कम्युनिकेट करने पर जोर दिया गया, जिससे जिसकी ड्यूटी मौके पर होगी, उसे सीधे तौर पर सूचना दी जा सकेगी. साथ ही मौके पर तत्काल राहत और बचाव का कार्य तेजी से संचालित हो सकेगा. सिंचाई विभाग सेंट्रल वाटर कमीशन के साथ समन्वय स्थापित करते हुए हरिद्वार से वाराणसी तक प्रतिदिन के जलस्तर का चार्ट तैयार कराकर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएगा, जिससे अनुमान लगाकर लोगों को बाढ़ राहत शिविरों में पहुंचाने तथा राहत कार्यों को समय से संचालित करने में मदद मिल सकेगी. पूर्व में संचालित बाढ़ राहत कैम्पों के आस-पास के हैण्डपम्पों की जांच कर ठीक कराने तथा वाटर टैंकों को भी दुरुस्त रखने का निर्देश जल निगम के अधिकारी को दिया गया.


गौशाला हो सुरक्षित
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी गौशालाओं की जांच कराकर जहां शेड नहीं हैं, वहां निर्माण कराएं और ऊंचा खड़ंजा लगवाएं. उन्होंने कहा कि जाल्हूपुर में मृत पशु निस्तारण के लिए क्रिमेटोरियम का निर्माण कार्य प्रगति पर है. सीवीओ को इसके पर्यवेक्षण के लिए निर्देश दिए. गांवों में वाटर लॉगिंग की शिकायतें मिलने पर एसडीएम को निर्देशित किया गया.

समस्त पंचायत भवनों को दुरुस्त कराने के लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार करने तथा सभी सीएचसी, पीएचसी को अपग्रेड कराने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया गया. इसके अलावा राहत शिविरों में बिजली प्रकाश व्यवस्था भी ठीक कराने का निर्देश दिया गया. बाढ़ के दौरान राहत सामग्री बांटने के लिए स्थानीय स्तर पर एजेंसी निर्धारित करने के लिए अभी से टेंडर कराए जाने का निर्देश दिया गया.


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