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वाराणसी: भाईचारा है तो मुस्लिम दें हमें मस्जिद, करेंगे सुंदरकांड - जितेन्द्रानंद - youth read hanuman chalisa in idgah mosque

उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद के नंद गांव स्थित नंदबाबा के मंदिर में दो मुस्लिम युवाओं ने जौहर की नमाज अदा की थी, जिसके बाद हिंदू संगठनों की तरफ से विरोध के सुर उठने लगे. अब वाराणसी में संत समाज ने इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है.

Varanasi news
राष्ट्रीय संत समिति महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती.
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Published : Nov 4, 2020, 6:14 AM IST

मथुरा: नंदगांव के नंदबाबा मंदिर में खुदाई खिदमतगार संस्था के सदस्य फैजल खान और मुहम्मद चांद ने जौहर की नमाज अदा की थी. नमाज अदा करने का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हिंदू संगठनों में खलबली मच गई. कुछ लोगों ने इसे एकता व भाईचारे की मिसाल बताया. वहीं हिंदू संगठन इसके विरोध पर उतर आए. हालांकि मंगलवार को मंदिर में नमाज पढ़ने के आरोपी फैसल खान को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. उसे कोर्ट के आदेश के बाद 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया.

नंद गांव स्थित नंदबाबा के मंदिर में मुस्लिम युवाओं के नमाज पढ़ने का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. देश के तमाम हिस्सों में हिंदू संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी संत समाज ने इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है.

भाईचारा है तो मस्जिदों में करने दें सुंदरकांड का पाठ
राष्ट्रीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि यदि मुस्लिम बंधुओं ने मंदिर में नमाज अदा की है, तो हम उसका विरोध नहीं करते. हम भी इस सांप्रदायिक सौहार्द को आगे बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन हमें भी मस्जिद में आरती करने का मौका दिया जाए. उन्होंने कहा कि यदि इतना ही भाईचारा है, तो क्यों नहीं मुस्लिम बंधु हमें कुछ मस्जिद दे देते, जहां हम सुंदरकांड का पाठ कर सकें.

इसे भी पढ़ें-मथुरा: ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले युवकों को मिली जमानत

सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे बर्दाश्त
आचार्य जितेंद्रानन्द सरस्वती ने कहा कि हम भाईचारे की भावना से असहमत नहीं हैं, लेकिन हम इस तरीके के भाईचारे को समर्थन नहीं करते. सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर हमें मस्जिद में पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई तो हम इसे षड्यंत्र के रूप में देखेंगे. अब हिंदू जाग चुका है, ऐसा षड्यंत्र कतई बर्दाश्त नहीं होगा.

बता दें कि 29 अक्टूबर को खुदाई खिदमतगार संस्था के सदस्य फैजल खान, मोहम्मद चांद अपने साथी आलोक रतन और नीलेश गुप्ता के साथ नंदबाबा मंदिर पहुंचे थे. मंदिर प्रांगण में फैजल खान पुजारी के साथ बात करते देखे गए थे. उसके कुछ देर बाद दो मुस्लिम युवकों ने मंदिर प्रांगण में नमाज अदा की थी. नमाज पढ़ते हुए मुस्लिम युवकों ने अपने फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कराए. इनके इस कृत्य से हिन्दू समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. हालांकि अब यहां मंगलवार को एक ईदगाह मस्जिद में चार हिंदू युवकों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. इस हनुमान चालीसा पाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो एक्शन में आई पुलिस ने तत्काल चार युवकों को हिरासत में ले लिया. बहरहाल ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले हिंदू युवकों को मंगलवार की देर शाम जमानत दे दी गई.

मथुरा: नंदगांव के नंदबाबा मंदिर में खुदाई खिदमतगार संस्था के सदस्य फैजल खान और मुहम्मद चांद ने जौहर की नमाज अदा की थी. नमाज अदा करने का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हिंदू संगठनों में खलबली मच गई. कुछ लोगों ने इसे एकता व भाईचारे की मिसाल बताया. वहीं हिंदू संगठन इसके विरोध पर उतर आए. हालांकि मंगलवार को मंदिर में नमाज पढ़ने के आरोपी फैसल खान को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. उसे कोर्ट के आदेश के बाद 14 दिन की न्यायायिक हिरासत में भेज दिया गया.

नंद गांव स्थित नंदबाबा के मंदिर में मुस्लिम युवाओं के नमाज पढ़ने का मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. देश के तमाम हिस्सों में हिंदू संगठन इसके विरोध में उतर आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी संत समाज ने इसके विरोध में अपनी आवाज बुलंद की है.

भाईचारा है तो मस्जिदों में करने दें सुंदरकांड का पाठ
राष्ट्रीय संत समिति के महामंत्री आचार्य जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि यदि मुस्लिम बंधुओं ने मंदिर में नमाज अदा की है, तो हम उसका विरोध नहीं करते. हम भी इस सांप्रदायिक सौहार्द को आगे बढ़ाने की बात करते हैं, लेकिन हमें भी मस्जिद में आरती करने का मौका दिया जाए. उन्होंने कहा कि यदि इतना ही भाईचारा है, तो क्यों नहीं मुस्लिम बंधु हमें कुछ मस्जिद दे देते, जहां हम सुंदरकांड का पाठ कर सकें.

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सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे बर्दाश्त
आचार्य जितेंद्रानन्द सरस्वती ने कहा कि हम भाईचारे की भावना से असहमत नहीं हैं, लेकिन हम इस तरीके के भाईचारे को समर्थन नहीं करते. सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर हमें मस्जिद में पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई तो हम इसे षड्यंत्र के रूप में देखेंगे. अब हिंदू जाग चुका है, ऐसा षड्यंत्र कतई बर्दाश्त नहीं होगा.

बता दें कि 29 अक्टूबर को खुदाई खिदमतगार संस्था के सदस्य फैजल खान, मोहम्मद चांद अपने साथी आलोक रतन और नीलेश गुप्ता के साथ नंदबाबा मंदिर पहुंचे थे. मंदिर प्रांगण में फैजल खान पुजारी के साथ बात करते देखे गए थे. उसके कुछ देर बाद दो मुस्लिम युवकों ने मंदिर प्रांगण में नमाज अदा की थी. नमाज पढ़ते हुए मुस्लिम युवकों ने अपने फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कराए. इनके इस कृत्य से हिन्दू समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं. हालांकि अब यहां मंगलवार को एक ईदगाह मस्जिद में चार हिंदू युवकों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया. इस हनुमान चालीसा पाठ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो एक्शन में आई पुलिस ने तत्काल चार युवकों को हिरासत में ले लिया. बहरहाल ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने वाले हिंदू युवकों को मंगलवार की देर शाम जमानत दे दी गई.

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